सांसद ‘निशंक’ ने  बहादराबाद में दो दिवसीय दिव्यांग परीक्षण शिविर लगवाया।# कहानी संग्रह ‘रुकी हुई नदी’ की समीक्षा की साहित्यकारों ने #उप ब्लॉक प्रमुख चौहान ने अलीपुर गांव पहुंचकर  ग्रामीणों की समस्याएं जानीं।www.janswar.com

 

सांसद ‘निशंक’ने  बहादराबाद में दो दिवसीय दिव्यांग परीक्षण शिविर लगवाया।

 

बहादराबाद :(बी.बी.चन्देला):  पूर्व शिक्षा मंत्री व हरिद्वार के  सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के द्वारा आयोजित दो दिवसीय दिव्यांग निशुल्क परीक्षण शिविर आज दूसरे दिन बहादराबाद के विकासखंड कार्यालय में संपन्न हुआ, पहले दिन के शिविर का आयोजन भगवानपुर के विकास खंड कार्यालय में कल 2 अगस्त को संपन्न हुआ था जिसमे सैकड़ों दिब्यांगो ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया , आज उसी कड़ी के दूसरे दिन में शिविर का आयोजन बहादराबाद में किया गया जिसमे लोगों की भारी भीड़ देखी गई, लोगों ने इस मौके पर अपना अपना रजिस्ट्रेशन कराया और जिनके पास दिव्यांग सर्टिफिकेट नही था अपना सर्टिफिकेट भी बनवाया, इसके लिए डॉक्टरों की पूरी टीम कैंप में मौजूद रही और उन्होंने हाथो हाथ जॉच करके लोगों को सार्टिफिकेट प्रदान किया ।

2 और 3 अगस्त को लगाया गया यह कैंप सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के प्रयासों से इंडियन रेलवे फाइनेंस कोरपोरेसन, एलीमको और समाज कल्याण विभाग की मदद से आयोजित किया गया जिसका शुभारंभ भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप गोयल द्वारा किया गया, इस कैंप में रजिस्ट्रेशन किए गए दिव्यांगाें काे कृत्रिम पैर, कैलीपर्स, बैसाखियां, व्हीलचेयर, ट्राई साइकिल, सुनने के लिए कान की मशीन का निशुल्क वितरण किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के लिए दिव्यांगाें से दाे फाेटाे, आधार कार्ड व निशक्ता प्रमाण पत्र लिया गया। ओइस मौके पर रानीपुर के भाजपा विधायक आदेश चौहान ने कहा कि इस कैंप से दिव्यांगाें काे कृत्रिम पैर, कैलीपर्स, बैसाखियां, व्हीलचेयर, ट्राई साइकिल, सुनने के लिए कान की मशीन का निशुल्क वितरण किया जाएगा। इसके लिए दिव्यांगाें काे कैंप लगाकर सारी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही उन्होंने कहा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के प्रयासों से आज सैकड़ों दिव्यांगो के चेहरे पर मुस्कान आई है, इससे इनकी दिव्यांगों की जिंदगी बेहतर होगी और इन्हे काफी मदत मिलेगी।
इस मौके पर तमाम भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ साथ ब्लॉक प्रमुख और समाज कल्याण विभाग के तमाम अधिकारी मौजूद रहे।

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कहानी संग्रह ‘रुकी हुई नदी’ की समीक्षा की साहित्यकारों ने

देहरादून 3 अगस्त 2023(प्रबोध उनियाल): कहानीकार शूरवीर सिंह रावत द्वारा लिखित रुकी हुई नदी कहानी संग्रह पर आज देहरादून में एक संवाद गोष्ठी का आयोजन किया गया। साहित्यकारों ने सम्मिलित कहानियों की समीक्षा की व कहानियों की भाषा ,शैली व बुनावट पर अपने विचार व्यक्त किए।

डॉ नंदकिशोर हटवाल ने कहा है कि कोई भी कहानी संग्रह, तभी अच्छा कहलाता है जब भाषा सहज और बोधगम्य हो, उसमें शब्दों का प्रवाह हो। उन्होंने कहा कि लेखक घुमक्कड़ स्वभाव के हैं, जिन्होंने नॉर्थ ईस्ट व अनेक राज्यों का भ्रमण किया है, वहाँ की भाषा संस्कृति से रूबरू हुए हैं। आदिवासियों की भूमि पर भू माफिया के कब्जे हो रहे हैं, महिलाओं की आजादी खतरे में हैं, इसका बारीकी से वर्णन इस संग्रह के ‘विराम से पहले’ कहानी में है। नार्थ ईस्ट की भूगोल की व्यापक समझ इसमें दिखाई देती है। उन्होंने कहा कोविड-19 की खबरें अखबारों और टीवी में देखने को मिली लेकिन ‘द क्वारंटीन डेज’ पर पहाड़ के गांव पर जिस तरह से घटनाएं कोविड-19 हुई है वह कहानी के रूप में पहली बार पढ़ने को मिली।

रमाकांत बेंजवाल ने कहा कि रुकी हुई नदी कहानी संग्रह की 13 कहानियों में शुरुआती अंश बेहतरीन ढंग से लिखे गए हैं। शुरुआत में लिखी गई भाषा किताब को पूरी पढ़ने के लिए बाध्य करती हैं। उन्होंने कहा हमारी परंपराओं को अभिव्यक्ति देती ये कहानियां समाज की बानगी हैं।

शशि भूषण बडोनी ने कहा कि, शूरवीर रावत की कहानियां मधुमति, किस्सा, नवल, काफल ट्री, युगवाणी सहित अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। यह कहानी संग्रह संस्कृति, लोक भाषा, लोक साहित्य, वहां का परिवेश, रहन-सहन, लोकरंग प्रदर्शित करता है।

जनकवि व पर्यावरणविद चंदन सिंह नेगी ने कहा है कि लालसा, पुरस्कार, अधूरी जात्रा, विराम से पहले, खीर का स्वाद, और भी हैं राहें, कहानियाँ बेहतरीन लिखी गयी हैं। उन्होंने कहा यह एक दर्पण की तरह उनका मार्गदर्शन करती हैं तो वहीं ये युवा पीढ़ी को भी अपनी परंपरा व संस्कृति से रूबरू कराती हैं।
महावीर रवांल्टा ने कहा है कि शूरवीर रावत का नाम पढ़कर यह लगता है कि इसमें पहाड़ के जनजीवन लोकरंग की कहानियां लिखी गई होंगी, परंतु कहानी संग्रह में 4 कहानियां पूर्वोत्तर भारत के जनजीवन व संस्कृति को लेकर है जो कि हमारे लिए एक नई खिड़कियां खोलती हैं
डॉ सत्यानंद बडोनी ने कहा कि रुकी हुई नदी में उत्तराखंड के गढ़वाल, कुमाऊं लोक भाषाओं के अतिरिक्त पूर्वी पर्वतीय अंचलों के आंचलिक शब्दों का अकूत प्रयोग हुआ है।आप कथानक के माध्यम से हास- परिहास राग -अनुराग विरह- मिलन और कथा- व्यथा का मार्मिक वर्णन करने वाले दक्ष कथाकार हैं।

‘रुकी हुई नदी’ के लेखक शूरवीर रावत ने कहा कि, कहानी संग्रह को इस तरह से लिखा गया है कि आम आदमी की समझ में भी आ जाये। उन्होंने कहा कि इस कहानी संग्रह को लिखने के लिए उन्होंने बहुत सारी यात्राएं की।
कहानी संग्रह को काव्यांश प्रकाशन ऋषिकेश ने प्रकाशित किया है। प्रकाशक प्रबोध उनियाल ने इस अवसर पर कहा कि, इस तरह की कहानियां समाज में व्यापक प्रभाव डालती है। ये संग्रह पढ़ा जाना चाहिए।

पत्रकार शीशपाल गुसाईं ने ‘रुकी हुई नदी’ और ‘बहुत देर बाद’ कहानी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इन कहानियों को वही लोग लिख सकते हैं जिन्होंने गांव का जीवन जिया, जिन्होंने विधवा महिलाएं देखी और एमएससी पास लड़के को होटल की नौकरी करते हुए पाया। उन्होंने कहा साहित्यकार शूरवीर रावत टिहरी के मदननेगी के समीप गांव हैं, गांव से वह इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए प्रताप इंटर कॉलेज टिहरी में 70 के दशक में आते थे, वह इंटर कॉलेज डूब गया है और वह पगडंडी भी काफी ऊंचाई तक डूब गई है। अब उनका पहाड़ी पर गांव बचा हुआ है जहां से वह लोक जीवन की वास्तविक कहानियों का संसार देख रहे हैं। इस मौके पर लेखक अजय सिंह, सुरुचि ,अभिजीत निराला, प्रकाश चंद, हरीश थपलियाल सहित अनेक लोग मौजूद थे।

 

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उप ब्लॉक प्रमुख ने अलीपुर गांव पहुंचकर  ग्रामीणों की समस्याएं जानीं।

बहादराबाद:(बी.बी.चन्देला) उपब्लॉक प्रमुख उधम सिंह चौहान ने अलीपुर गांव में पहुंचकर जनसेवा टीम व ग्रामीणों से मुलाकात कर गांव की समस्याओं का समाधान करवाने का आश्वासन दिया। जनसेवा टीम से बातचीत कर गांव की सड़कें, पुलिया, घाट सौंदर्य करण, हेड पंप, पाइपलाइन इत्यादि कार्य करवाने का आश्वासन दिया है। उपप्रमुख ने गांव में काफी जगह घूम घूम कर समस्याओं को देखा और उन सभी कार्यों को जल्दी से जल्दी करवाने के लिए कहां है। इससे पूर्व भी उधम सिंह चौहान द्वारा कुछ कार्य गांव में करवाए गए हैं और जल्दी ही उनके द्वारा सड़क का निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। उपब्लॉक प्रमुख ने जनसेवा टीम के सभी सदस्यों की सराहना की और और जनसेवा टीम के सदस्यों को लगातार इसी तरीके से बढ़-चढ़कर क्षेत्र में विकास और सुधार करवाने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना है कि अगर टीम के सदस्यों को कोई भी समस्या आ रही है तो वह उनकी हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं। उधम सिंह चौहान एक मिलनसार व्यक्ति हैं जिनका पहले भी अलीपुर गांव में बहुत ज्यादा आना जाना रहता है जिस कारण उन्होंने टीम और ग्रामीणों के साथ बहुत अच्छा तालमेल बैठाया है। गांव में आने पर सभी ने मिलकर उधम सिंह चौहान का जोरदार स्वागत किया। लगभग 2 घंटे चली चर्चा बहुत ही अच्छी तरीके से समाप्त हुई, और काफी सारे विकास कार्य लिखित रूप में उधम सिंह चौहान को दिए गए हैं। इस चर्चा में उपप्रमुख उधम सिंह चौहान, राजेश कुमार, भगवानदास ,डॉ अशोक कुमार, सहदेव सिंह, दलेल सिंह, खजान सिंह, संजय, ऋषि पाल, बालमुकुंद, विशेष, नवीन, सूरज, सोनी, सुरेश, नागेंद्र, अजय कुमार, चमन लाल, विकास चौहान, राजेश कौशल, डॉ हरबंस ,युवराज, अमन इत्यादि उपस्थित रहे।