राज्यपाल से असम रेजीमेंट देहरादून क्षेत्र के सेवारत,सेवानिवृत अधिकारियों ने सपरिवार भेंट की। #मुख्यमंत्री ने दून विश्वविद्यालय देहरादून में राष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन ‘होम्योकॉन- 2023’ का शुभारंभ किया# आईसीएसई एवं आईएससी की बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण प्रदेश के सभी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री धामी ने बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है#

-अरुणाभ रतूडी़

14 मई, 2023

राज्यपाल से असम रेजीमेंट देहरादून क्षेत्र के सेवारत,सेवानिवृत अधिकारियों ने सपरिवार भेंट की।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से रविवार को राजभवन में असम रेजीमेंट देहरादून क्षेत्र के सेवारत और सेवानिवृत अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राजभवन स्थित नक्षत्र वाटिका और बोनसाई गार्डन का भ्रमण भी किया। राज्यपाल ने इस दौरान असम रेजीमेंट के सेवाकाल की अपनी स्मृतियों को साझा किया। ………0……….

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मुख्यमंत्री ने दून विश्वविद्यालय देहरादून में राष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन ‘होम्योकॉन- 2023’ का शुभारंभ किया

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को दून विश्वविद्यालय, देहरादून में राष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन ‘होम्योकॉन- 2023’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने होम्योपैथिक पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लॉच किया। होम्योपैथी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले चिकित्सकों को मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने होम्योपैथी के जन्मदाता सैमुअल क्रिश्चियन हैनिमैन का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने होम्योपैथी के रूप में एक ऐसी उपचार पद्धति विकसित की, जो अत्यंत कारगर होने के साथ साथ किफायती भी थी। उन्होंने कहा कि शरीर ही सारे कर्तव्यों को पूर्ण करने का एकमात्र साधन है। शरीर की रक्षा करना और उसे निरोगी बनाये रखना मनुष्य का सर्वप्रथम कर्तव्य है। यदि मनुष्य निरोगी होगा तो, वह जीवन में सब कुछ कर सकता है। जीवन शैली में तेजी से बदलाव हो रहा है, ऐसे में और भी अधिक आवश्यक हो जाता है कि हम अपने शरीर का जितना हो सके उतना ख्याल रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के अथक प्रयासों के कारण ही आज योग, आयुर्वेद और होम्योपैथी पद्धति समेत तमाम प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियां अपना विलुप्त होता वैभव पुनः प्राप्त कर रही हैं। चाहे वो आयुष मंत्रालय का गठन हो या फिर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन हो। प्रधानमंत्री जी की दूरदृष्टि के कारण ही आज पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को लोग अपना रहे हैं। भारत में पारम्परिक चिकित्सा प्रणाली को बढावा देने के लिए प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में पृथक से आयुष मंत्रालय का गठन किया था। राज्य सरकार प्रदेश में आयुष चिकित्सा को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा होम्योपैथी को विश्व की दूसरी सबसे बड़ी प्रचलित चिकित्सा पद्धति माना गया है। हम सभी ने कोरोना काल में होम्योपैथी की दवाइयों सहित पारंपरिक चिकित्सा के महत्व को बहुत करीब से देखा है, जिसके बाद होम्योपैथी की विश्वभर में स्वीकार्यता बड़ी है। इन सुखद परिणामों के चलते ही नई स्वास्थ्य नीति में होम्योपैथी को एक प्रमुख चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थान मिला है। राज्य सरकार देवभूमि को एक महत्वपूर्ण आयुष प्रदेश के रूप में स्थापित करने हेतु कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले राज्य में आयुष और विशेष रूप से किफायती और कारगर होने के कारण होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति की महत्ता और बढ़ जाती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला में होने वाले विचार-विमर्श एवं चिन्तन से होम्योपैथी के विकास में और अधिक गति मिलेगी।
केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य ने होम्योपैथी और आयुष को तेजी से आगे बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी जटिलतम रोगों के निदान का एक कारगर उपाय है। देवभूमि उत्तराखण्ड आयुष की प्रेरक रही है। होम्योपैथी हमारी परंपरागत चिकित्सा पद्धति रही है। होम्योपैथी पर अधिक से अधिक अनुसंधान होने चाहिए। उन्होंने कहा कि आयुष और योग के क्षेत्र में भी भारत की वैश्विक स्तर पर अलग पहचान है। इनको हमें अधिक से अधिक बढ़ावा देना होगा।
इस अवसर पर सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, निदेशक होम्योपैथिक डॉ. जे.एल. फिरमाल, डॉ. रामजी सिंह, डॉ. नितीष दुबे, डॉ. जसवंत पाटिल एवं होम्योपैथी से जुड़े चिकित्सक उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री  धामी ने आईसीएसई एवं आईएससी की बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रदेश के सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आईसीएसई एवं आईएससी की बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रदेश के सभी छात्र-छात्राओं को बधाई दी है एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थी जीवन के हर पथ पर सफलता प्राप्त करते हुए देश-प्रदेश का नाम रोशन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा में जिन विद्यार्थियों को कम अंक प्राप्त हुए हैं वे छात्र निराश ना हों और परिश्रम करते रहें। जीवन का प्रत्येक क्षण हमें अनुभव और अवसर दोनों प्रदान करता है।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आईसीएसई एवं आईएससी की बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रदेश के सभी छात्र-छात्राओं को बधाई दी है एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थी जीवन के हर पथ पर सफलता प्राप्त करते हुए देश-प्रदेश का नाम रोशन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा में जिन विद्यार्थियों को कम अंक प्राप्त हुए हैं वे छात्र निराश ना हों और परिश्रम करते रहें। जीवन का प्रत्येक क्षण हमें अनुभव और अवसर दोनों प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आईसीएसई एवं आईएससी की बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रदेश के सभी छात्र-छात्राओं को बधाई दी है एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थी जीवन के हर पथ पर सफलता प्राप्त करते हुए देश-प्रदेश का नाम रोशन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा में जिन विद्यार्थियों को कम अंक प्राप्त हुए हैं वे छात्र निराश ना हों और परिश्रम करते रहें। जीवन का प्रत्येक क्षण हमें अनुभव और अवसर दोनों प्रदान करता है। श्री पुष्कर सिंह धामी ने आईसीएसई एवं आईएससी की बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रदेश के सभी छात्र-छात्राओं को बधाई दी है एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थी जीवन के हर पथ पर सफलता प्राप्त करते हुए देश-प्रदेश का नाम रोशन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा में जिन विद्यार्थियों को कम अंक प्राप्त हुए हैं वे छात्र निराश ना हों और परिश्रम करते रहें। जीवन का प्रत्येक क्षण हमें अनुभव और अवसर दोनों प्रदान करता है।