राज्यपाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुल पतियों की बैठक ली।#मुख्यसचिव डा.संधू ने प्रदेश में जड़ी-बूटी के विकास के सम्बन्ध में बैठक ली।#जिलाधिकारी ने उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) की बैठक ली।www.janswar.com.

-अरुणाभ रतूडी़

 

राज्यपाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुल पतियों की बैठक ली।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को राजभवन में निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने उत्तरांचल विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए गए मोबाइल एप ‘‘यूनिसंगम’’(UNISANGAM) का लोकार्पण किया। इस मोबाइल एप के माध्यम से उत्तराखण्ड के समस्त निजी विश्वविद्यालय एक प्लेटफॉर्म पर राजभवन के साथ जुड़ गये हैं। इस मोबाइल एप के द्वारा सभी विश्वविद्यालयों के पास अपनी उपलब्धियों, बेस्ट प्रेक्टिसिज, अनुसंधान व नवाचारों, स्टार्टअप को आपस में व राजभवन के साथ ऑनलाइन संवाद के जरिये साझा किए जाने की सुविधा उपलब्ध हो गई है।

बैठक में राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय यह प्रयास करें की अनुसंधान एवं नवाचारों का लाभ राज्य एवं आम जनमानस को मिले। उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालय शिक्षा के उन्नयन के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं और राज्य के विकास एवं प्रगति में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, राज्य के विभिन्न विभागों को अपने तकनीकी अनुभवों के माध्यम से सहयोग करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अधिक से अधिक र्स्टाटअप, पेटेंट और शोधपत्रों के प्रकाशन पर जोर देने के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि सभी निजी एवं राजकीय विश्वविद्यालय आपसी समन्वय कर सर्वोत्तम प्रथाओं (बैस्ट प्रैक्टिसिज) को साझा करें।

राज्यपाल ने कहा कि निःसंदेह हमारे प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय शिक्षा को रोजगारपरक बनाकर इस क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बदलते समय में विश्वविद्यालयों को नवीन तकनीकों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाकर उसमें शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देना होगा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कुलपतियों से अपेक्षा की कि वे कौशल विकास के जरिये यहाँ के युवाओं को स्टार्टअप के लिए तैयार करें जिससे युवा बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें।

इस बैठक में यूपीईएस विश्वविद्यालय देहरादून, इक्फाई विश्वविद्यालय देहरादून, पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार, ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय देहरादून, आई0एम0एस0यूनिसन विश्वविद्यालय देहरादून, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय देहरादून, डी0आई0टी विश्वविद्यालय देहरादून, उत्तरांचल विश्वविद्यालय देहरादून, मदरहुड विश्वविद्यालय रूड़की, महाराज अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय पोखड़ा, पौड़ी गढ़वाल, क्वांटम विश्वविद्यालय रूड़की, रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय देहरादून, सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय देहरादून, भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार विश्वविद्यालय, सूरजमल विश्वविद्यालय काशीपुर ऊधमसिंहनगर, कोर विश्वविद्यालय रूड़की, हिमगिरी जी विश्वविद्यालय एवं देवभूमि विश्वविद्यालय, देहरादून के कुलपति उपस्थित रहे।

कुलपतियों द्वारा निजी विश्वविद्यालयों की दूसरी बैठक आयोजित कराने पर राज्यपाल का आभार व्यक्त किया। इस दौरान कुलपतियों द्वारा उनके विश्वविद्यालय में अपनायी जा रही बैस्ट प्रैक्टिसिज, उपलब्धियों व अन्य गतिविधियों की जानकारी विस्तार से अवगत करायी। बैठक में विश्वविद्यालयों में व्यवस्थापक मण्डल के गठन तथा उनकी बैठकों को पारदर्शी बनाए जाने पर भी चर्चा हुई। इस अवसर पर आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं के लिए विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए प्रयासों तथा छात्रवृत्ति प्रदान किए जाने के बारे में कुलपतियों ने जानकारी दी। इस दौरान कुलपतियों द्वारा विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से राज्यपाल को अवगत कराया जिस पर उन्होंने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

इस बैठक में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगौली, सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया, विधि परामर्शी श्री अमित कुमार सिरोही के अलावा सभी निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित रहे।

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मुख्यसचिव डा.संधू ने प्रदेश में जड़ी-बूटी के विकास के सम्बन्ध में बैठक ली।

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश में जड़ी-बूटी के विकास के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में जड़ी-बूटी और इस क्षेत्र में रोजगार की सम्भावनाओं को देखते हुए, जड़ी-बूटी उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि वन पंचायतों के लिए शीघ्र ही योजना तैयार की जाए। जड़ी-बूटी की दिशा में जो वन पंचायतें पहले से कार्य कर रही हैं, उन्हें इस योजना में अवश्य शामिल किया जाए। उन्होंने योजना के लिए नियम व शर्तों को सरल बनाए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि किसी भी योजना को सफल बनाने के लिए उसके नियमों को सरल रखा जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर्बल टूरिज्म पार्क योजना भी शीघ्र शुरू की जाए। योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है। जो वन पंचायतें अच्छा कार्य करेंगी, उनको अधिक क्षेत्रफल में कार्य दिया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने वन विभाग को लीसा के सम्बन्ध में प्रदेश की नियमावली को भी अपडेट किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि लीसा (रेजिन) के उत्पादन में पुराने जमाने की तकनीक प्रयोग की जा रही है।
इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक श्री अनूप मलिक एवं सचिव श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित जड़ी-बूटी शोध संस्थान के अधिकारी भी उपस्थित थे।


जिलाधिकारी ने उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) की बैठक ली।

अल्मोड़ा, 4 जुलाई 2023 (अशोक कुमार पाण्डेय)
स्यालीधार में बन रहे साइंस सेंटर के निर्माण कार्य जल्द पूरे होने तथा इसके संचालन एवं साइंस सेंटर से संबंधित अन्य मुद्दों को लेकर आज कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी विनीत तोमर की अध्यक्षता में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट)

अल्मोड़ा, 4 जुलाई 2023 (सूचना)
स्यालीधार में बन रहे साइंस सेंटर के निर्माण कार्य जल्द पूरे होने तथा इसके संचालन एवं साइंस सेंटर से संबंधित अन्य मुद्दों को लेकर आज कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी विनीत तोमर की अध्यक्षता में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) के महानिदेशक दुर्गेश पंत तथा अन्य संबंधित अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में साइंस सेंटर में बिजली कनेक्शन, पानी की सप्लाई तथा सुरक्षा से संबंधित गार्ड्स की तैनाती जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए।
महानिदेशक दुर्गेश पंत ने बताया कि यह साइंस सेंटर जनपद के लिए बहुत अहम साबित होगा। यहां स्कूली बच्चों को साइंस से संबंधित विभिन्न क्रियाकलापों को देखने का अवसर प्राप्त होगा।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के विज्ञान एवं कल्चर मंत्रालय द्वारा इस साइंस सेंटर के लिए 15 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भी इस साइंस सेंटर की चहारदीवारी एवं अन्य कार्यों हेतु लगभग 5 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। जिसके कारण यह साइंस सेंटर अल्मोड़ा में अलग पहचान बढ़ाएगा।
बैठक में राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र दिल्ली के निदेशक एन रामदास अय्यर, साइंस सिटी सलाहकार जीएस रौतेला, प्रबंधक सुभाष नेगी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित