#राज्यपाल ने प्रदेश वासियों को हिंदी दिवस के अवसर पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।#मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी है।#मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सुभाष रोड स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम में 17 व्यक्तियों और संस्थाओं को एसडीजी एचीवर अवार्ड से सम्मानित किया।#मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने को लेकर यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) की बैठक ली।WWW.JANSWAR.COM#

अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर 

राज्यपाल ने प्रदेश वासियों को हिंदी दिवस के अवसर पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेश वासियों को हिंदी दिवस के अवसर पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। राज्यपाल ने कहा है कि दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक, ‘‘हिंदी’’ समर्थ और सक्षम भाषा है। उन्होंने कहा है कि हिंदी को समर्थ व सक्षम बनाने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों ने भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा की हिंदी भाषा देश के स्वाभिमान का प्रतीक है और विश्वभर में फैले भारत वासियों को अपनत्व की डोर से जोड़ती है। राज्यपाल ने कहा की सभी के प्रयासों का ही परिणाम है कि वैश्विक मंच पर हिंदी लगातार अपनी मजबूत पहचान बना रही है जिस पर हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि हिंदी दिवस, हमें हमारी भाषा के साथ-साथ हमारे आदर्शों एवं मूल्यों के प्रति सजग रखने का कार्य भी करता है। उन्होंने सभी से आह्वान किया है कि हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी के प्रचार-प्रसार और उपयोग का संकल्प लें।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सुभाष रोड स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम में 17 व्यक्तियों और संस्थाओं को एसडीजी एचीवर अवार्ड से सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सुभाष रोड स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम में 17 व्यक्तियों और संस्थाओं को एसडीजी एचीवर अवार्ड से सम्मानित किया। जिसमें 12 संस्थाओं एवं 05 लोगों को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए जनपदों में प्रतियोगिता की भावना के दृष्टिगत इस वर्ष से ‘‘एस0डी0जी0 एचीवर ट्रॉफी’’ प्रदान की जायेगी जिसमें सभी 13 जनपदों के विजेता एवं उपविजेता घोषित किये जायेंगे। एस.डी.जी. को पंचायत स्तर तक क्रियान्वित करने के लिए वर्ष 2030 तक 17 सितंबर से 23 सितम्बर तक एस.डी.जी सप्ताह के रूप में मनाया जायेगा। जिसमें सभी विकासखण्डों, पंचायतों विद्यालयों, जनपदों एवं राज्य स्तर पर कार्यशालाएं, जन जागरूकता कार्यक्रम, वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिये सभी को सम्मिलित रूप से प्रयास करने होंगे। आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बनाने के लिए सबको समन्वित प्रयास करने होंगे। बहुत सी संस्थाएं और व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं। ये सभी राज्य के विकास के ब्राण्ड एम्बेसेडर हैं। उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना है। इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाकर विकास जरूरी है। राज्य में सतत विकास लक्ष्य में बेहतर कार्य हो रहे हैं। एसडीजी इंडेक्स में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए और प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने सम्मानित होने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि इससे अन्य लोग और संस्थाएं भी प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि समाज और देश के लिये काम करने वाले व्यक्तियों से मिलकर वे स्वयं प्रेरित होते हैं। उन्होंने कहा कि सतत विकास वह विकास है जो भविष्य की पीढ़ियों की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान की जरूरतों को पूरा करता है। उत्तराखंड सरकार भी सतत विकास के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए मंत्र ’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को मूल में रखकर लक्ष्य प्राप्ति के पथ पर अग्रसर है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। एस०डी०जी० 1 के तहत शून्य गरीबी के लिए गढ़वाल हिल्स कॉपरेटिव लि., पौड़ी एवं श्री जगमोहन सिंह राणा, एस०डी०जी० 2 शून्य भुखमरी के तहत डॉ सुरभि जायसवाल एवं श्रीमती खस्ती कोरंगा, एस०डी०जी० 3 उत्तम स्वास्थ्य और खुशहाली के तहत आरोही फाउंडेशन, एस०डी०जी० 4 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के तहत भागीरथी फाउंडेशन, एस०डी०जी० 5 लैंगिक समानता के तहत रचनात्मक महिला मंच एवं डिव-इन-प्रो, एस०डी०जी० 6 साफ पानी एवं स्वच्छता के तहत नौला फाउंडेशन, एस०डी०जी० 8 आर्थिक वृद्धि के तहत उत्तरांचल युवा एवं ग्रामीण विकास केन्द्र चमोली, एस०डी०जी० 9 उद्योग और नवाचार के तहत पिथौरागढ़ की देवकी देवी, एस०डी०जी० 12 उपभोग और उत्पादन के तहत ग्राम पंचायत रायगी, एस०डी०जी० 13 जलवायु परिवर्तन के तहत एग्री-नेट फूड्स एण्ड बेव्रेज प्रा.लि एवं श्री जगदीश सिंह नेगी शिप्रा कल्याण समिति, नैनीताल, एस०डी०जी० 15 भूमि पर जीवन के तहत श्री चंदन सिंह नयाल एवं एस०डी०जी० 16 शांति और न्याय के तहत दर्पण समिति एवं कार्ड संस्था को एसडीजी एचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव एवं ज्यूरी के अध्यक्ष श्री एन रविशंकर, सचिव श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम, यूएनडीपी की प्रतिनिधि इसाबेल त्सचान, सीपीपीजीजी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनोज कुमार पंत उपस्थित थे।

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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने को लेकर यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) की बैठक ली।

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने को लेकर यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) की बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। यातायात संकुलन को कम करने के लिए हर प्रकार के छोटे से लेकर बड़े और महत्त्वपूर्ण कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए सार्वजनिक यातायात व्यवस्था को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि हमें इस स्तर की यातायात व्यवस्था आमजन को देनी है कि यात्री को शहर के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जाने में मात्र 200 से 300 मीटर से अधिक पैदल न चलना पड़े और वाहन बदलने पर 5 से 7 मिनट्स से अधिक का इंतजार न करना पड़े। इसके साथ ही अन्य बिंदुओं पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यातायात संकुलन के मुख्य स्थानों को चिन्हित कर उन तिराहों और चौराहों के सुधारीकरण का कार्य किया जाए। मुख्य सचिव ने यातायात संकुलन कम करने के लिए प्रवर्तन को सख्ती से लागू करने पर जोर देते हुए कहा कि पार्किंग सुविधाओं को बढ़ाए जाने और नो पार्किंग ज़ोन में वाहन खड़ा करने पर अधिक से अधिक चालान किए जाने से काफी हद तक यातायात संकुलन को कम किया जा सकता है। उचित स्थान और उपयोगिता के अनुसार अंडर पास और फुट ओवर ब्रिज, एलिवेटेड रोड, रोप-वे और पीआरटी जैसी सेवाओं को कहां कहां शुरू किया जा सकता है, इस पर योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि बाईपास सड़कों के निर्माण से भी काफी हद तक यातायात दबाव कम किया जा सकता है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड मैट्रो रेल श्री जितेन्द्र त्यागी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।