सर्वोच्च न्यायालय ने स्थगित की राहुल गांधी की सजा व दोष सिद्धि www.janswar.com

सर्वोच्च न्यायालय ने स्थगित की राहुल गांधी की सजा व दोष सिद्धि
-नागेन्द्र प्रसाद रतूडी़
आज देश के सर्वोच्च न्यायालय ने बहुचर्चित मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए उनकी 2 साल की सजा पर और दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है इससे राहुल गांधी की समाप्त हुई लोकसभा सदस्यता पुन:बहाल हो जाएगी।साथ ही उनके छ:साल तक चुनाव लड़ने पर लगा प्रतिबंध भी स्वत: समाप्त हो जाएगा।
13 अप्रैल 1919 को कर्नाटक राज्य के कोलार नामक स्थान में हो रही चुनावी सभा में अपने भाषण में राहुलगांधी ने कहा ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी ही क्यों होता है’।उनके इस भाषण को आधार बना कर गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 2019 में सूरत के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में मानहानि का मुक़दमा दायर कर दिया था। अदालत ने 23 मार्च 23 को  भारतीय दण्ड संहिता की धारा 499 व धारा 500 के तहत  राहुल गांधी को दोषी पाते हुए दो साल की सजा सुना दी।
 राहुल गांधी को दो साल की सजा मिलते ही लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत उनकी लोकसभा सदस्यता को लोकसभा अध्यक्ष समाप्त कर दी। श्री गांधी केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य थे।
         इस सजा के विरुद्ध  राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की परन्तु गुजरात हाईकोर्ट ने सजा को यथावत् रखा।इसके पश्चात्  उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में सजा पर रोक लगाने  के लिए एक याचिका दायर की। राहुल की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उनकी सजा व‌ दोषसिद्धि पर अपील लम्बित रहने तक रोक लगा दी। न्यायालय ने सजा पर रोक लगाने का यह आधार बनाया कि सजा देने वाली अदालत ने अपराध के लिए अधिकतम सजा देने का कारण नहीं बताया है।
 कानूनविदों के अनुसार श्री गांधी  को अब लोकसभा सचिवालय में अपनी सदस्यता बहाली के लिए अपना प्रतिवेदन देना होगा। सचिवालय के अधिकारी न्यायालय के फैसले व उनके प्रतिवेदन का अध्ययन कर सदस्यता बहाल करेंगे।