शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थी केन्द्रित होनी चाहिए। :राज्यपाल#विधायक ने लगाया एच एन बहुगुणा जयन्ती पर सरकारी धन का  के दुरुपयोग का आरोप-www.janswar.com

-अरुणाभ रतूड़ी

 

शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थी केन्द्रित होनी चाहिए। :राज्यपाल

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा है कि शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थी केन्द्रित होनी चाहिए। छात्रों का सर्वांगीण विकास एवं गुणवत्तापरक शिक्षा हमारा ध्येय वाक्य होना चाहिए। छात्रों की क्षमता विकास और उन्हें आधुनिक तकनीकों के उपयोग के लिए तैयार किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम, शिक्षण व्यवस्थाएं और वित्तीय प्रबंधन छात्रों के हित में हों। उक्त निर्देश राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को राजभवन में समस्त राज्य विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक के दौरान दिए।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने की अनेक संभावनाएं मौजूद हैं वे अपने वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने पर विशेष जोर दें। विश्वविद्यालय स्वयं के वित्तीय संसाधनों के स्रोत विकसित करें और उनका बेहतर उपयोग किया जाए। राज्यपाल ने कहा कि ई-ऑफिस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट्स जैसी आधुनिक तकनीकों का अधिकाधिक प्रयोग पर बल दिया जाय।

राज्यपाल ने कहा कि छात्र हित में, विश्वविद्यालय का विकास कुलपति का दायित्व हैं। कुलपति अपनी प्रतिभा, क्षमता का उपयोग विश्वविद्यालय की गुणवत्तापरक शिक्षा और संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग में करें। विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए नवाचार और छात्र हित में कड़े निर्णय लेने में संकोच नहीं करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की आंतरिक समस्याओं का समाधान कुलपति स्तर पर ही किया जाए।

राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर आधारित वार्षिक कलेण्डर बनाये जाएं जिसके आधार पर उनकी मॉनीटरिंग की जा सके। उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने संबद्ध संस्थानों के शैक्षणिक स्तर को और बेहतर बनाने के प्रयास करें।

बैठक में सभी कुलपतियों द्वारा विश्वविद्यालयों के स्तर पर लम्बित संबद्धता प्रकरणों की स्थिति, विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती, नवीन सत्रों की ऑनलाइन संबद्धता प्रारंभ किए जाने, संबद्धता हेतु निरीक्षण समिति का गठन एवं निरीक्षण, शैक्षणिक स्तर को उच्च स्तर बनाए जाने, विश्वविद्यालयों द्वारा स्वयं के संसाधनों से आय बढ़ाने एवं कार्यपरिषदों की बैठक की स्थिति सहित कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर बारी-बारी से राज्यपाल को जानकारी दी गयी।

बैठक में सचिव शैलेश बगोली, सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव पंकज कुमार पाण्डेय, चन्द्रेश कुमार यादव, विधि परामर्शी अमित कुमार सिरोही, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, स्वाति एस. भदौरिया, कुलपति जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी वि.वि प्रो. मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति तकनीकी वि.वि प्रो. ओंकार सिंह, कुलपति चिकित्सा शिक्षा वि.वि प्रो. हेम चन्द्र, कुलपति आयुर्वेदिक वि.वि प्रो. सुनील कुमार जोशी, कुलपति संस्कृत वि.वि प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री, कुलपति श्रीदेव सुमन वि.वि प्रो. एन.के.जोशी, कुलपति सोबन सिंह जीना वि.वि प्रो. जगत सिंह बिष्ट, कुलपति औद्योगिकी एवं वानिकी वि.वि डॉ. पी. कौशल सहित राजभवन के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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विधायक ने लगाया एच एन बहुगुणा जयन्ती पर सरकारी धन का  के दुरुपयोग का आरोप

अल्मोड़ा (अशोक कुमार पाण्डेय) गत दिवस अल्मोडा़ में आयोजित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हेमवती नन्दन बहुगुणा की जयंती में सरकारी धन का दुरूप्रयोग होना बेहद चिन्तनीय-विधायक मनोज तिवारी
अल्मोड़ा- विगत दिवस अल्मोड़ा में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हेमवती नन्दन बहुगुणा की 104 जयन्ती का कार्यक्रम गॆर राजनैतिक था ऒर जयन्ती समारोह समिति एंव जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया था। लेकिन जिस प्रकार से सत्ताधारी भाजपा द्वारा गैर राजनैतिक कार्यक्रम को राजनैतिक रंग देकर सरकारी धन का दुरूपयोग किया गया, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। श्री तिवारी ने कहा कि आयोजन समिति एंव जिला प्रशासन द्वारा दिये गये आमत्रंण में वह भी अपने विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम के तहत स्व. बहुगुणा को श्रद्वाजंली देने कार्यक्रम में गये थे। लेकिन गैर राजनैतिक कार्यक्रम में मेरी ही विधानसभा में मुझे संबोधन का मौका नहीं देकर भाजपा ने पूरे कार्यक्रम को राजनैतिक रंग देने का कृत्य किया गया जो कि बेहद निन्दनीय हैं।

उन्होंने कहा कि अविभाजित उत्तर प्रदेश से लेकर देश के विकास में स्व. बहुगुणा का अपना विशिष्ट स्थान था। स्व. बहुगुणा को काँग्रेस पार्टी द्वारा ही उतर प्रदेश का मुख्यमंत्री एंव केन्द्र सरकार में मंत्री बनाया था। लेकिन कल आयोजित कार्यक्रम में सत्ताधारी भाजपा द्वारा उनकी जयन्ती का राजनैतिक करण किया गया वह बेहद चिन्तनीय हैं। देश के विकास में जिन महापुरुषों एंव स्वतंत्रता सेनानियों ने जो योगदान दिया था आज ऎसे कार्यक्रमों में राजनैतिक रंग से उनके योगदान को कमतर करना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। श्री तिवारी ने लोकतंत्र के चॊथे स्तम्भ पत्रकारों के साथ कार्यक्रम में दुर्व्यवहार की भी निन्दा करते हुए कहा कि पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार अशोभनीय हैं। ऎसी घटनाओं की पुनरावृत्ति स्वस्थ लोकतांत्रिक देश में सही नहीं हैं।