राज्यपाल से ‘‘हमारा परिवार’’ संस्था के पदाधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की। #मुख्यमंत्री ने विभिन्न  विकास कार्यों के लिए लगभग साढे तेरह करोड़ रुपए स्वीकृत किए। # कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने महा जनसंपर्क अभियान के तहत पदाधिकारियों  व कार्यकर्ताओं से किया संवाद#मुख्य सचिव ने ईको टूरिज्म एवं सरकारी भूमि की डिजिटल सूची तैयार किए जाने सम्बन्धी बैठक आयोजित की।#बंजारावाला देहरादून में आयोजित उत्तराखंडी भाषाओं की कक्षाएं बच्चों को आ रही हैं पसंद।www.janswar.com

-अरुणाभ रतूडी़ 

 

राज्यपाल से ‘‘हमारा परिवार’’ संस्था के पदाधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से सोमवार को राजभवन में ‘‘हमारा परिवार’’ संस्था के पदाधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने ‘‘हमारा परिवार’’ संस्था के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि ‘‘परिवार’’ हमारे देश की प्राचीन सभ्यता का मूल है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि ‘‘वसुधैव कुटुंबकम’’ अर्थात् पूरी धरती ही हमारा परिवार है। एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। किसी भी चुनौति का समाधान एक परिवार के रूप में ढूंढना है। उन्होंने कहा कि विदेशी ताकतों के कारण हम सदियों तक गुलाम रहे उन हजारों सालों के संघर्ष में हमने अपने विचारों को, अपनी संस्कृति को और अपनी सभ्यता को नहीं छोड़ा जिस कारण आज भी हमारा परिवार जीवित है। उन्होंने कहा कि हमारा परिवार उस खोई हुई सभ्यता, संस्कृति, विचार, प्रेम, आदर आदि को फिर से संजोने का प्रयत्न है।

राज्यपाल ने कहा कि ‘‘हमारा परिवार’’ संस्था सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस परिवार का सदस्य बनकर मैं स्वयं को सौभाग्यशाली समझता हूं। संस्था द्वारा प्रकृति संरक्षण, धार्मिक एवं सांस्कृतिक यात्राएं देश के विभिन्न तीर्थ सहित अन्य सामाजिक कार्यों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा ‘‘मैं’’ नहीं, ‘‘हमारा’’ की भावना से जो कार्य किया जा रहा है, वह सराहनीय है। संस्था द्वारा अनेकता में एकता के भाव को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने कहा कि परिवार समाज का वह हिस्सा है, जो पूरे राष्ट्र और समाज को प्रबल बनाता है। जीवन को जीने का तरीका हम परिवार में ही सीखते हैं।

इस अवसर पर संस्था के राष्ट्रीय संगठक डॉ. सुरेन्द्र कुमार, उत्तराखण्ड प्रांत समन्वयक अजीत सिंह सहित विभिन्न प्रांतों से जुड़े पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
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मुख्यमंत्री ने विभिन्न  विकास कार्यों के लिए लगभग साढे तेरह करोड़ रुपए स्वीकृत किए।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ऊखीमठ में त्रियुगीनारायण से तोषी तक मोटर मार्ग के नवनिर्माण हेतु 4 करोड़ 52 लाख रूपये तथा ऊखीमठ में ही तौणीधार-पैलिंग मोटर मार्ग के किमी0 1.00 से 6.00 के मध्य सुधारीकरण एवं पी०सी० द्वारा डामरीकरण के कार्य हेतु 4 करोड़ 70 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गयी है।
मुख्यमंत्री द्वारा चौबट्टाखाल विधानसभा में चलकुडिया मसमोली- सकनोली- नौखेली मोटर मार्ग के किमी. 3 से 5 तथा किमी 6-8 के डामरीकरण के कार्य हेतु 3 करोड़ 64 लाख रूपये, खटीमा में तहसील रोड से केन्द्रीय विद्यालय के बगल से सिविल अस्पताल खटीमा को सेल्स टैक्स कार्यालय रोड से जोड़ने हेतु इण्टर लॉकिंग टाईल्स द्वारा लिंक मार्ग के निर्माण हेतु 38.52 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न शासकीय कार्यालयों में वर्षा जल संरक्षण प्रणाली को अधिष्ठापित किये जाने हेतु रेसकोर्स में हरि आवास कालोनी तथा कारगी चौक में एस.टी.पी हेतु कुल 32.24 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

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कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने महा जनसंपर्क अभियान के तहत पदाधिकारियों  व कार्यकर्ताओं से किया संवाद

अल्मोड़ा:(अशोक कुमार पाण्डेय) आज प्रदेश की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने अपनी सोमेश्वर विधानसभा के मजखाली मंडल स्थित काकड़ीघाट में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के अभूतपूर्व 9 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में महा जनसंपर्क अभियान के अंतर्गत आयोजित “टिफिन बैठक” में प्रतिभाग किया।कार्यकर्ताओं को संबोधित कर उन्हें केंद्र की भाजपा सरकार के अभूतपूर्व 9 वर्ष की उपलब्धियों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया और देवतुल्य कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन भोज ग्रहण किया। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित मोदी सरकार के सफलतम 9 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य पर देशभर में भाजपा के महाजनसंपर्क अभियान के तहत कार्यक्रमो का आयोजन किया जा रहा है और जनता के साथ सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की जा रही है। मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली थीं और उनकी पुनः चुनावी जीत के बाद वे 2019 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तब से इन 9 वर्षों में, भारतीय राजनीति और देश के विकास में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कार्यकाल के दौरान कई पहल की गईं,जिनमें से जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत अभियान, आयुष्मान भारत योजना, नई शिक्षा नीति आदि अनेक प्रमुख योजनाएं शामिल है। इनके अलावा नोटबंदी, जीएसटी, आर्थिक सुधारों की पहलों, घर घर तक बिजली पहुंचाना, हर घर नल, नई सड़को का निर्माण, नागरिकता संशोधन बिल, एकल भारत अभियान, देश की आंतरिक सुरक्षा और रक्षा में सुधार , आत्मनिर्भर भारत अभियान, जल जीवन मिशन, स्वामित्व के संबंध में कानूनी सुधार, देश के आंतरिक और बाह्य मामलों में नीतियों के संशोधन आदि कई अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियों भी शामिल है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इनके अलावा कश्मीर से धारा 370 समाप्त करने, तीन तलाक से निजात दिलाना, भव्य राम मन्दिर का निर्माण, उज्जैन महाकाल का लोकार्पण, काशी विश्वनाथ गलियारे का निर्माण, नए संसद भवन का निर्माण आदि अनेक ऐसे ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। कहा कि आज देश ने अनेकों ऐसी उपलब्धियां इन 9 वर्षों के शासनकाल मे प्राप्त की हैं जिनको जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह महाजनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदार की धरती से 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक कहा है। प्रदेश सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा ऐसी योजनायें बनाई जा रही हैं जिनसे हमारी सांस्कृतिक विरासत के साथ पर्यटन, योग-आयुष एवं आयुर्वेद को बढ़ावा मिलने के साथ ही हमारी आर्थिकी भी मजबूत होगी।

इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष,मंडल महामंन्त्री,पूर्व मंडल अध्यक्ष,जिला पंचायत सदस्य,जिला मंत्री,जिला कार्यकारिणी सदस्य  महिला मोर्चा अध्यक्ष  मंडल उपाध्यक्ष,विधायक प्रतिनिधि जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि सहित पार्टी कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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मुख्य सचिव ने ईको टूरिज्म एवं सरकारी भूमि की डिजिटल सूची तैयार किए जाने सम्बन्धी बैठक आयोजित की।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में ईको टूरिज्म एवं सरकारी भूमि की डिजिटल सूची तैयार किए जाने के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों एवं डीएफओ को ईको टूरिज्म की दिशा में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर दिए जाने पर फोकस करते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी जनपदों में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने हेतु स्थान चिन्हित किए जाने के साथ ही डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि प्रस्ताव में डीपीआर के साथ फंडिंग और योजना पूर्ण होने की समय सीमा पहले से ही निर्धारित की जाएं। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म को सफल बनाए जाने हेतु ईको पार्क से प्राप्त राजस्व का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा इसकी मरम्मत आदि के लिए प्रयोग किया जा सकेगा, इसका शासनादेश जारी किया जा चुका है।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश भर में एस्ट्रो विलेज, कैंपिंग आदि की अत्यधिक संभावनाएं हैं। इस दिशा में भी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग एवं गैर चारधाम यात्रा मार्ग दोनों में ही ईको टूरिज्म में रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को शामिल करना आवश्यक है। इसके लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण की आवश्यकता है तो प्रशिक्षण करवाइए। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में ऐसे विभिन्न स्थान हैं जहां कैंपिंग साइट्स विकसित की जा सकती हैं। पर्यटन विभाग द्वारा गाईड का प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्य सचिव ने ऐसे स्थलों में जहां अभी फुटफॉल कम है, गाईड को कंडीशनल टर्म पर मानदेय भी दिया जा सकता है, ताकि  गाईड काम करने को प्रोत्साहित हो सके। फुटफॉल बढ़ने के बाद गाईड अच्छा कमा लेंगे।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारियों एवं अन्य सीनियर अधिकारियों द्वारा क्षेत्रों में दौरा करते समय स्थानीय लोग अक्सर अपनी बहुत छोटी छोटी मांगें और समस्याएं अधिकारियों के सम्मुख रखते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सी समस्याएं या मांगें इतनी छोटी होती हैं कि आसानी से पूर्ण की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इन छोटी छोटी मांगों को गंभीरता से लेते हुए मांगों को पूरा करने पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि आमजन का सिस्टम पर विश्वास बना रहे।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन बोर्ड अस्तित्व में आने वाला है। इससे जल संरक्षण की दिशा में भी काफी कार्य होगा। इसमें जल संरक्षण के लिए चेक डैम और छोटे ताल और झीलें भी निर्मित होंगी। जो आगे ईको टूरिज्म की दिशा में काफी कारगर साबित होंगी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से इसको भी ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने हेतु डिजिटल डाटा शीघ्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इसके लिए पोर्टल तैयार हो जाएगा जिसमें डिजिटल डाटा अपलोड किया जाएगा, जिसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सूची को तैयार किए जाने का उद्देश्य हर प्रकार की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाना है। इसके लिए विभागों द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। अतिक्रमण होने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई भी की जाएगी।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक श्री अनूप मलिक, सचिव श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत डॉ. पराग मधुकर धकाते एवं सचिव श्री चंद्रेश कुमार सहित जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त जिलाधिकारी उपस्थित थे।

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बंजारावाला देहरादून में आयोजित उत्तराखंडी भाषाओं की कक्षाएं बच्चों को आ रही हैं पसंद।

देहरादून: बंजारावाला देहरादून सेंटर में सुनीता बहुगुणा और नंदी बहुगुणा के द्वारा उत्तराखंडी भाषाओं की कक्षाएं हर रविवार सुबह 10:00 बजे से 12:00 बजे तक लगाई जाती हैं इस कार्यक्रम का आयोजन उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच दिल्ली द्वारा चलाया जा रहा है।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन सम्मानित श्री सतीश चंद्र नैथानी एवं श्रीमती दिनेश्वरी देवी नैथानी जी व श्रीमती सरोज बहुगुणा द्वारा किया गया।सर्वप्रथम मां शारदे के सम्मुख श्री सतीश चंद्र नैथानी जी द्वारा दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मां शारदे की वंदना श्रीमती दिनेश्वरी देवी व श्रीमती सुनीता बहुगुणा द्वारा गाई गई। इसी क्रम में बच्चों को श्रीमती बहुगुणा द्वारा रचित मां शारदे की वंदना “बुद्धि दात्री हे शारदे मां” सिखाई गई।
इस संबंध में जानकारी देते हुए श्रीमती बहुगुणा ने बताया कि “मंच द्वारा बच्चों के लिए पाठ्यक्रम के अतिरिक्त एक बैग, डायरी, पेन और आई कार्ड का प्रबंध किया गया, इन कक्षाओं को हम दोनों बंजारावाला मेरे आवास पर चला रहे हैं। आप सभी के आशीर्वाद से इस कार्यक्रम में बच्चे बड़े ही उत्साह से प्रतिभाग कर रहे हैं और 10:00 बजने से पूर्व ही पहुंच जाते हैं, और जो धमाचौकड़ी मचाते हैं उसका वर्णन करना मुश्किल है। उनकी सीखने की लगन और अपनी बात कहने का जो तरीका है वह बहुत ही आकर्षक और प्रशंसनीय है। हम बच्चों को छोटे-छोटे को संवादों के माध्यम से भी रोलप्ले तैयार कर सिखाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि बच्चे आसानी से अपनी बात को समझा सके। और हम बच्चों को सिखाने के लिए नवाचारी प्रयोग भी कर रहे हैं।”