राज्यपाल ने नई दिल्ली में फर्स्ट सिख हिस्ट्री कांग्रेस-2023“ के तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया।#मुख्यमंत्री जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव पर कल 06 जनवरी को उच्चस्तरीय बैठक करेंग।#एम्स ऋषिकेश में एम्स में निर्मित होगा 150 आईसीयू बेड का अस्पताल भवन- www.janswar.com

राज्यपाल ने नई दिल्ली में फर्स्ट सिख हिस्ट्री कांग्रेस-2023“ के तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने वीरवार को नई दिल्ली स्थित श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में आयोजित “फर्स्ट सिख हिस्ट्री कांग्रेस-2023“ के तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सिखों की महान परंपराओं और उनके इतिहास को लोगों के सम्मुख लाने का यह बेहतरीन मंच है। इसके लिए उन्होंने आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा की सिख परंपरा में भलाई के मार्ग पर चलने के सिद्धांत, करुणा, न्याय और समानता की भावना को प्रदर्शित करने वाली शिक्षाएं पूरे मानव जाति का मार्गदर्शन करने वाली हैं।

राज्यपाल ने कहा की सिख धर्म मानव स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, सामाजिक न्याय, नैतिक जीवन के साथ-साथ प्यार, निस्वार्थ सेवा, मानवीय गरिमा, स्वाभिमान, सिमरन और सरबत दा भला में विश्वास करता है। प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी ने पूरी मानवता को एक सूत्र में पिरोने का जो संदेश दिया था वह आज भी प्रासंगिक है। गुरु नानक जी ने अपने संदेश में ‘सब कुछ तेरा’ और ‘एकम’ में विश्व कल्याण की बात कही है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी के ‘नाम जपो, कीरत करो, वंड छको’ के संदेश में उनकी सभी शिक्षाओं का सार है। उनकी पवित्र शिक्षाएं हम सब के लिए प्रेरणा देने वाली हैं।

राज्यपाल ने कहा की हमें सिखों के इस समृद्ध इतिहास और उनके योगदान को लिखित रूप में लाने की जरूरत है, ताकि उनके इतिहास और सिख गुरुओं, उनके परिवार और असंख्य सिख शहीदों के बलिदान को लोग जान सकें। ये ऐसी कहानियां हैं जो हमें प्रत्येक भारतीय को बतानी चाहिए, क्योंकि इन कहानियों में “राष्ट्र प्रथम“ की भावना का समावेश है। उन्होंने कहा कि सिख परंपरा “सेवा परमो धर्मः“ को निभाते हुए कोविड महामारी में भी अनेक सिख संस्थानों और सिखों द्वारा मानवता को बचाने का कार्य किया गया। उन्होंने आयोजकों को इस सम्मेलन के सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।

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मुख्यमंत्री जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव पर कल 06 जनवरी को उच्चस्तरीय बैठक करेंग।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनपद चमोली के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के सन्दर्भ में कल 6 जनवरी को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक सायं 6ः00 बजे सचिवालय स्थित अब्दुल कलाम भवन के चतुर्थ तल पर  आहूत की गई है।
बैठक में मुख्य सचिव, सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव सिंचाई, पुलिस महानिदेशक,  आयुक्त गढ़वाल मण्डल, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ, जिलाधिकारी चमोली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। जो अधिकारीगण मुख्यालय में उपस्थित हैं भौतिक रूप में एवं अन्य अधिकारीगण जो मुख्यालय से बाहर हैं, ये वीडियो कान्फ्रेंन्सिंग के माध्यम से प्रतिभाग करेंगे।
उधर आज सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढवाल कमिश्नर सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रन्जीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के अधिशासी अधिकारी पीयूष रौतेला, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोहितास मिश्रा, भूस्खलन न्यूनीकरण केन्द्र के वैज्ञानिक सांतुन सरकार, आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर डॉ.बीके माहेश्वरी सहित तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम जोशीमठ पहुंच गई है। गढवाल कमिश्नर एवं आपदा प्रबंधन सचिव ने तहसील जोशीमठ में अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्थिति की समीक्षा की गई। विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है।
जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग वाई पास निर्माण कार्य, एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्यो पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी अग्रिम आदेशों तक रोका गया है।
प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने हेतु जिला प्रशासन ने एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को एहतियातन अग्रिम रुप से 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कराने के भी आदेश जारी किए है।
जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को लेकर प्रशासन प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाने में जुटा है। प्रभावित परिवारों को नगरपालिका, ब्लाक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कालेज, आईटीआई तपोवन  सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है। जोशीमठ नगर क्षेत्र से 43 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट कर लिया गया है। जिसमें से 38 परिवार को प्रशासन ने जबकि पांच परिवार स्वयं सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए है।
भू-धसाव बढ़ने से खतरे की जद में आए भवनों को चिन्हित किया जा रहा है। ताकि कोई जानमाल का नुकसान न हो। राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, शौचालय एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारी नामित करते हुए जिम्मेदारी दी गई है।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना द्वारा लगातार स्थिति की समीक्षा की जा रही है। अपर जिलाधिकारी डॉ.अभिषेक त्रिपाठी एवं संयुक्त मजिस्ट्रेट डा.दीपक सैनी सहित प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है। जोशीमठ भू-धंसाव के खतरे से निपटने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस सुरक्षा बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

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एम्स में निर्मित होगा 150 आईसीयू बेड काअस्पताल भवन

भवन निर्माण के लिए संस्थान का केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के साथ हुआ एमओयू

गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों के बेहतर इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश में 150 बेड क्षमता वाले क्रिटिकल केयर अस्पताल भवन के निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 18 हजार वर्ग मीटर प्लिंथ एरिया में बनने जा रहे इस मिनी क्रिटिकल केयर अस्पताल भवन का निर्माण कार्य केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा। इस योजना को लेकर एम्स तथा केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश में वर्तमान में 960 बेड का अस्पताल संचालित हो रहा है और यहां दैनिक तौर पर 2500 से 3000 मरीज ओपीडी में विभिन्न विभागों के डॉक्टरों से चिकित्सकीय परामर्श लेने आते हैं। राज्य में सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान होने के नाते यहां इलाज हेतु भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। खासकर गंभीर मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एम्स की ट्रॉमा बिल्डिंग के निकट एक मिनी क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल बिल्डिंग का निर्माण होने जा रहा है। मिनी अस्पताल की इस बिल्डिंग में 150 बेड स्थापित होंगे।

इस मामले में एम्स ऋषिकेश और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के मध्य एमओयू गठित कर दोनों पक्षों की ओर से करार पर हस्ताक्षर किए गए। गरीब लोगों के उपचार के लिए विशेष लाभदायक सिद्ध होने जा रही अस्पताल निर्माण की यह योजना ’प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन’ के तहत स्वीकृत की गई है। योजना के तहत निर्मित होने वाली अस्पताल की बिल्डिंग भूतल सहित 7 मंजिल की होगी।

इस योजना के बाबत एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने बताया कि यह मिनी अस्पताल पूर्णतः केन्द्रीयकृत एसी सुविधा वाला होगा। इस आईसीयू अस्पताल में इमरजेंसी बेड सहित डे केयर बेड, डायलिसिस, आईसोलेशन रूम, एचडीयू, आईसीयू, एनआईसीयू, पीआईसीयू और ऑपरेशन थियेटरों की सुविधा भी उपलब्ध होगी। प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह ने कहा कि योजना के तहत सिविल कंस्ट्रक्शन का सभी कार्य केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है।

गौरतलब है कि वर्तमान में एम्स अस्पताल में बेडों की कुल संख्या 960 है, जिनमें से 200 आईसीयू बेड हैं। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने यह भी बताया कि शीघ्र ही बीमारी से ग्रसित छोटे बच्चों के इलाज के लिए 42 बेड का एक अन्य आईसीयू भी बनकर तैयार हो जाएगा।

इस अवसर पर डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, संस्थान के उप निदेशक (प्रशासन) ले. कर्नल ए.आर. मुखर्जी, विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय, सीपीडब्लूडी के ऋषिकेश डिवीजन के अधीक्षण अभियंता चंद्रपाल, एम्स के प्रभारी अधीक्षण अभियंता विपुल कुमार मिश्रा आदि मौजूद रहे।