मुख्यमंत्री ने मंगलवार को बरसात से प्रभावित क्षेत्रों का औचक निरीक्षण किया। #एम्स ऋषिकेश में 13 जुलाई को होने वाले दीक्षांत समारोह में 26 टॉपरों को दिया जाएगा स्वर्ण पदक#यूएसडीएमए द्वारा नोडल अधिकारियों की कैपेसिटी बिल्डिंग हेतु  प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया गया

 

-अरुणाभ रतूड़ी

 

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को बरसात से प्रभावित क्षेत्रों का औचक निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को बरसात से प्रभावित क्षेत्रों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आई.एस.बी.टी देहरादून में सड़क पर जल भराव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये कि जल भराव के कारणों की जाँच की जाय एवं जो भी अधिकारी इसमें दोषी पाये जाते हैं, उन पर सख्त कारवाई की जाए।  ड्रेनेज की समस्या का शीघ्र समाधान करवाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।
मुख्यमंत्री ने इसके बाद चन्द्रबनी देहरादून का स्थलीय निरीक्षण किया। चन्द्रबनी में एक कॉलोनी में जंगल से पानी आने की वजह से जलभराव की स्थिति आई। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर सुरक्षा दीवार का काम पूरा न होने के कारण यह समस्या आ रही है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये कि इस समस्या का शीघ्र समाधान किया जाए। यदि लोगों को खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की जरूरत पड़ेगी, तो इसकी समुचित व्यवस्था की जाय।
निरीक्षण के दौरान आयुक्त गढ़वाल श्री विनय शंकर पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका एवं जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।

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एम्स ऋषिकेश में 13 जुलाई को होने वाले दीक्षांत समारोह में 26 टॉपरों को दिया जाएगा स्वर्ण पदक 

 

एम्स ऋषिकेश में आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 13 जुलाई (बृहस्पतिवार )को आयोजित हो रहे इस समारोह में 26 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल दिए जाएंगे। कोरोना महामारी के बाद यह आयोजन तीन साल के बाद किया जा रहा है।

मंगलवार को संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डा.) मीनू सिंह ने दीक्षांत समारोह की तैयारियों की समीक्षा की और इस संबन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। एम्स में दीक्षांत समारोह का यह तीसरा आयोजन है।
इससे पूर्व 3 नवम्बर 2018 और 14 मार्च 2020 को यहां अभी तक दो बार दीक्षांत समारोह आयोजित हो चुके हैं। जानकारी देते हुए कार्यक्रम की नोडल ऑफिसर प्रोफेसर (डॉक्टर) लतिका मोहन ने बताया कि दीक्षांत समारोह में 1041 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी जाएंगी।
इनमें एमबीबीएस 2013-14 बैच के 38, 2015 बैच के 96 और 2016 बैच के 96 छात्र-छात्राएं , एमडीएमएस 2017-20 बैच के 493, डीएमएमसीएच 2018-20 बैच के 148, पीएचडी 2022-23 बैच के 10, एमपीएच 2018-21 बैच के 39, एमएचए के 1, एमएससी एलाईड 20185-19 बैच के 22, बीएससी नर्सिंग 2016 बैच के 56, एमएससी नर्सिंग 2017-20 बैच के 33 और पैरामेडिकल 2022-23 बैच के 9 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं में से 26 का चयन गोल्ड मेडल के लिए हुआ है। इनमें अधिकांश छात्र-छात्राएं 2015 और 2016 बैच के हैं। जबकि 2017, 2018, 2019 और 2020 बैच के कुछ अन्य छात्र-छात्राओं को भी उपाधियां और मेडल दिए जाएंगे। समारोह सुबह 9 बजकर 30 मिनट से संस्थान के मुख्य ऑडोटोरियम में शुरू होगा।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में कोविड महामारी के दौरान लाॅकडाउन लगने तथा लम्बे समय तक कोरोना संक्रमण की स्थिति बने रहने के कारण एम्स में दीक्षांत समारोह का नियमित आयोजन नहीं हो पाया था।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने बताया कि समारोह की मुख्य अतिथि केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार होंगी।समारोह में टाॅपरों सहित मेधावी छात्र-छात्राओं को भी मेडल से सम्मानित करने के अलावा अलग-अलग विषयों के शोधकर्ताओं को भी उपाधि प्रदान की जाएगी।

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यूएसडीएमए द्वारा नोडल अधिकारियों की कैपेसिटी बिल्डिंग हेतु  प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया गया

उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों द्वारा प्रतिदिन सचिवालय में विभिन्न विभागों के आपदा नोडल अधिकारियों के क्षमता निर्माण (कैपेसिटी बिल्डिंग) हेतु  प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को प्रशिक्षण के दूसरे दिन यूएसडीएमए के विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विभागों के आपदा नोडल अधिकारियों को सचेत एप, रिसोर्स मैपिंग, फोरकास्टिंग सिस्टम,  एपीआई लिंकिंग, ऑड अवर स्ट्रेटजी, आपदा प्रबंधन में नई टेक्नोलॉजी का उपयोग आदि की जानकारी दी गई। विभिन्न विभागों के आपदा नोडल अधिकारियों के क्षमता निर्माण (कैपिसिटी बिल्डिंग ) हेतु यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिदिन संचालित किया जा रहा है ।

इस अवसर पर  यूएसडीएमए विशेषज्ञ डा0 पूजा राणा,  सिस्टम एक्सपर्ट श्री अमित शर्मा, जीआईएस एक्सपर्ट श्री रोहित कुमार, यूएसडीएमए विशेषज्ञ डॉ मणि, सुश्री तन्द्रिला सरकार तथा विभिन्न विभागों के आपदा नोडल अधिकारी मौजूद रहे।