पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के देहरादून पहुंचने पर राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने किया स्वागत।#मुख्यमंत्री ने चम्पावत के नरसिंग डांडा राजकीय हाईस्कूल में डा०अंबेडकर जयन्ती कार्यक्रम में प्रतिभाग किया #कुछ संगठन जी 20 के अंतर्गत हिमालय के सतत विकास पर श्रीनगर में करेंगे विचार विमर्श

-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी.

 

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के देहरादून पहुंचने पर राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने किया स्वागत।

पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद तीन दिन के उत्तराखण्ड के दौरे पर आज देहरादून पहुंचे। गढ़ी कैंट देहरादून स्थित डॉ बी.आर. अम्बेडकर मेमोरियल पार्क पहुंचने पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया। इस दौरान भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती के शुभ अवसर पर पार्क में स्थित उनकी मूर्ति पर पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और देश की पूर्व प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविंद ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

इस दौरान मूर्ति के नए स्वरूप को देखकर श्री कोविंद ने कैंट बोर्ड के अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने इस मूर्ति के संबंध में अपनी स्मृति साझा करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड भ्रमण के दौरान बाबा साहेब की मूर्ति के छोटा और उनके गरिमा के अनुरूप न होने की बात को राज्यपाल जी ने संज्ञान लेते हुए इस मूर्ति का जीर्णाेद्धार कर एक नया और भव्य स्वरूप दिया है, जिसके लिए उन्होंने राज्यपाल सहित कैंट बोर्ड के सभी अधिकारियों की सराहना की। इस दौरान उन्होंने इस पुनीत कार्य के लिए अध्यक्ष कैंट बोर्ड ब्रिगेडियर अनिर्बान दत्ता और सीईओ अभिनव सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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मुख्यमंत्री ने चम्पावत के नरसिंग डांडा राजकीय हाईस्कूल में डा०अंबेडकर जयन्ती कार्यक्रम में प्रतिभाग किया

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत में  नरसिंह डांडा के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित भारत रत्न डॉ.भीमराव अंबेडकर जी की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की 132वीं जयंती पर  उनके चित्र में पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अंबेडकर जी ने समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने का कार्य किया। जाति प्रथा और इससे उत्पन्न होने वाले सामाजिक कुप्रभावों को लेकर देश में एक मजबूत आवाज उठाई थी। भारतीय संविधान के निर्माण में डॉ.अंबेडकर जी के योगदान के लिए देशवासी सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहेंगे। आधुनिक भारत की नींव तैयार करने में भी बाबा साहब की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने सामाजिक, कानूनी तथा राजनीतिक क्षेत्र में भी देश व समाज के लिए अनेक महान कार्य किए। उन्होंने हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर कार्य किए जा रहे हैं। जन धन योजना, आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना, उज्जवला योजना, किसान सम्मान निधि या फिर 80 करोड़ लोगों को राशन देने का कार्य हो आज मोदी जी के नेतृत्व में किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, बाबा केदार की भूमि से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, इस दिशा में राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है। चारधाम यात्रा एवं कावड़ यात्रा में पिछले साल श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। इस साल चारधाम यात्रा में और अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं मंडल के सभी मंदिरों का सौंदर्यीकरण कर उनमें अवस्थापना सुविधाएं विकसित कर उन्हें जोड़ने का कार्य एक सर्किट के रूप में किया जा रहा है।  देश में उत्तराखंड राज्य एक ऐसा राज्य होगा जो प्रत्येक क्षेत्र में आगे होगा। उत्तराखंड का मॉडल पूरे भारत के लिए एक मॉडल बनेगा।
इस अवसर पर लोहाघाट ग्रोथ सेंटर में 40 महिलाओं को रोजगार देने वाली नारायणी देवी को उनके इस  सरहनीय कार्य के लिए मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया और इसी तरह आगे को भी कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि जिला पुस्तकालय चंपावत का और अधिक विस्तारीकरण किया जाएगा, साज सज्जा का भी कार्य किया जाएगा। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नरसिंह डांडा का इंटरमीडिएट में उच्चीकरण किया जाएगा। नरसिंह डांडा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया जाएगा। नरसिंह डांडा में लिफ्ट पेयजल योजना का निर्माण किया जाएगा। नरसिंह डांडा में अंबेडकर भवन का निर्माण किया जाएगा। नरसिंह डांडा की भूमि पर निवास कर रहे परिवारों को मालिकाना हक दिलाए जाने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाएगा। सिद्ध नरसिंह मंदिर कालू खान का सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाएगा।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, ब्लाक प्रमुख चंपावत रेखा देवी बाराकोट विनीता फर्त्याल पार्टी सुमनलता, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल महरा, भाजपा जिला अध्यक्ष अनुसूचित जाति मोर्चा गोविंद प्रसाद, जनपद प्रभारी भाजपा गणेश भंडारी, महामंत्री मुकेश कलखुडिया, जिलाध्यक्ष एस सी प्रकोष्ठ मदन राम,ग्राम प्रधान नरसिंह डांडा कविता देवी सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक अधिकारी, जनता मौजूद रही। कार्यक्रम का संचालन प्रमोद टम्टा द्वारा किया गया।

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अल्मोड़ा समाचार

कुछ संगठन जी 20 के अंतर्गत हिमालय के सतत विकास पर श्रीनगर में करेंगे विचार विमर्श

अल्मोड़ा:(अशोक कुमार पाण्डेय):  गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान सोमवार दिनांक 17 अप्रैल को एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय, रिसर्च एंड इनफार्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कन्ट्रीज (आरआईएस) और कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडो-पैसिफिक स्टडीज (केआईआईपीएस) के साथ मिलकर भारतीय हिमालयी क्षेत्र (आई.एच.आर) के संदर्भ में चुनिंदा व्यापक विषयों पर तथा हिमालयी क्षेत्र के सतत विकास हेतु एक दिवसीय गोलमेज चर्चा का आयोजन करने जा रहा है. यह आयोजन भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 सम्मेलन के आलोक में किया जा रहा है.

G20 अध्यक्षता के माध्यम से, भारत के पास जलवायु परिवर्तन शमन, जलवायु स्थिरता, कृषि और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने, सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से डिजिटल परिवर्तन लाने, ऊर्जा-रोजगार-लिंग-शिक्षा-स्वास्थ्य और अन्य संबंधित सामाजिक और आर्थिक नीतियों और हस्तक्षेप को बढ़ाने और सुधारने के लिए रचनात्मक समाधान तलाशने में अपने कार्यबल को शामिल करने का अनूठा अवसर है। महामारी के बाद की दुनिया में ऊर्जा संक्रमण का प्रबंधन और स्थायी आर्थिक सुधार की दिशा में काम करना भी मानव कल्याण के लिए आवश्यक है, इसलिए वैश्विक, क्षेत्रीय और यहां तक कि स्थानीय स्तर पर इन मुद्दों पर फलदायी चर्चा करने की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि ये समाजों के सतत विकास की प्राथमिक आवश्यकता हैं। सदियों से भारत का दृढ़ विश्वास है कि किसी भी विकास, नीति या रणनीति के केंद्र में मानव होना चाहिए और इसलिए, G20 का विषय उसी के अनुसार चुना गया है।

गौरतलब है कि पहाड़ एक बड़े वैश्विक भूमि क्षेत्र को घेरते हैं, और पूरे विश्व में जल मीनारों, जैव विविधता हॉट स्पॉट और पर्यटन स्थलों के रूप में पहचाने जाते हैं। वे वैश्विक और क्षेत्रीय जलवायु को भी प्रभावित करते हैं; और व्यापक सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता के लिए जाने जाते हैं। भारतीय हिमालयी क्षेत्र (आईएचआर) न केवल ऊपर की आबादी के लिए बल्कि डाउनस्ट्रीम शहरों और लोगों के लिए भी पानी, जैव विविधता, भोजन, ऊर्जा आदि के प्रावधान में अपनी भूमिका के मद्देनजर दुनिया के पर्वतीय पारिस्थितिक तंत्र में एक विशेष स्थान रखता है।

समृद्ध संसाधन आधार के बावजूद, पर्वतीय समुदाय अक्सर गरीब रहते हैं, और यह क्षेत्र जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता प्रदर्शित करता है। पर्वतीय क्षेत्रों का सतत विकास एक बड़ी चुनौती है और हाल के वर्षों में गहन बहस का विषय रहा है। यहाँ विविध क्षेत्र-विशिष्ट मुद्दे हैं, जैसे गरीबी और निर्वाह कृषि, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और आपदा न्यूनीकरण, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना, आर्थिक लचीलापन बनाना, तथा सतत विकास के लिए स्थानिक योजना, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा, संचार और व्यवहार परिवर्तन, और आजीविका संवर्धन और कौशल विकास।

विश्व स्तर पर और विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट समाधानों, रणनीतियों और कार्यों को तैयार करने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से बहु-हितधारक संवादों में विविध कार्यकर्ताओं को कार्य में लगाने और शामिल करने की एक मजबूत आवश्यकता है।

इसे ध्यान में रखते हुए जी.बी. पंत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन एनवायरनमेंट (जीबीपीएनआईएचई), और रिसर्च एंड इनफार्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कन्ट्रीज (आरआईएस) और कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडो-पैसिफिक स्टडीज (केआईआईपीएस) ने भारतीय हिमालयी क्षेत्र (आई.एच.आर) के संदर्भ में चुनिंदा व्यापक विषयों पर एक दिवसीय गोलमेज चर्चा आयोजित करने के लिए एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय के साथ हाथ मिलाया है। चर्चा के मुख्य मुद्दों में भारत की G20 अध्यक्षता और राजनीतिक संवाद शामिल होंगे; पर्यावरण और जलवायु स्थिरता; कृषि और आजीविका; सामाजिक-राजनीतिक, सांस्कृतिक और प्राचीन सभ्यतागत ऐतिहासिक जड़ें; आपदा जोखिम में कमी, जैवसंसाधन प्रबंधन और रोजगार; शिक्षा और ऊर्जा संक्रमण, स्वास्थ्य, व्यापार और निवेश, और पर्यावरण के अनुकूल और लागत प्रभावी पर्यटन। गोलमेज विचार-विमर्श में, विषय विशेषज्ञ विभिन्न विषयगत मुद्दों का विश्लेषण करेंगे और उसके बाद विषयों पर गहन चर्चा करेंगे। गोलमेज के परिणाम में सिफारिशों का एक सेट शामिल होगा जिसे आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित मंत्रालयों और सरकारी विभागों को भेजा जाएगा।

राजनीति शास्त्र की विद्वान और गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो अन्नपूर्णा के वक्तव्य के साथ कार्यक्रम शुरू होगा। डॉक्टर शेषाद्रि रामानुजम चारी, प्रो चिंतामणि महापात्र,डॉक्टर, डॉ अनिल कुमार, डॉ सुनील नौटियाल, डॉ आर के मैखुरी, डॉ प्रकाश नौटियाल, डॉ प्रशांत कंडारी, डॉ जे सी कुनियाल, डॉ वाई पी सुंदरियाल, प्रो डी आर पुरोहित,डॉ नागेंद्र रावत आदि विद्वान इस विचार विमर्श में शामिल होंगे।

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एम्स ऋषिकेश समाचार

जयन्ती पर एम्स ऋषिकेश में डा.अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी

संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती पर एम्स ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। इस दौरान सभी ने उनके जीवन को सभी के लिए प्रेरणादायक बताया। उधर इस मौके पर संस्थान द्वारा आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 60 रक्तदाताओं ने लोगों का अमूल्य जीवन बचाने के लिए महादान किया। शुक्रवार को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती पर एम्स के मिनी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह की अगुवाई में फेकल्टी सदस्यों, चिकित्सकों, अधिकारियों व कार्मिकों ने बाबा साहेब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि बाबा साहेब के जीवन दर्शन से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने अपने संपूर्ण जीवन को सामाजिक उत्थान के लिए होम कर दिया। ऐसे महापुरुषों से नई पीढ़ी को संपूर्ण समाज के कल्याण के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य करने की प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम को डॉ. संतोष कुमार व डॉ. रविकांत ने भी संबोधित किया। बाबा साहेब की जयंती पर एम्स संस्थान द्वारा ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया। जिसमें संस्थान के कर्मचारियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया व स्वैच्छिक रक्तदान कर अमूल्य जीवन के संरक्षण के लिए महादान किया। इस दौरान सभी लोगों ने समय समय पर स्वैच्छिक रक्तदान का संकल्प लिया। इस दौरान 60 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। इस अवसर पर संस्थान की डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव मित्तल, प्रो. गिरीश सिंधवानी, डा,मुकेश बैरवा, डॉ. पूर्वी कुलश्रेष्ठ, कॉलेज ऑफ नर्सिंग प्रिंसिपल प्रो. स्मृति अरोड़ा, एसई ले.कर्नल राजेश जुयाल, रजिस्ट्रार राजीव चौधरी सहित अनेक संकाय गण, अधिकारी एवं कर्मचारी आदि मौजूद थे।