जगमोहन सिंह नेगी एसएच-09 पर अतिक्रमण नोटिस से मचा जनता में हड़कम्प किसी का आधा तो किसी का पूरा मकान अतिक्रमण की जद में

-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी                                (राज्य मान्यता प्राप्त पत्रकार)

 

जगमोहन सिंह नेगी एसएच-09 पर अतिक्रमण नोटिस से मचा जनता में हड़कम्प किसी का आधा तो किसी का पूरा मकान अतिक्रमण की जद में

(कांडी में अतिक्रमण चिह्नित।)

वर्तमान में उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश पर लक्ष्मणझूला-कांडी- दुगड्डा मोटरमार्ग जिसे जगमोहन सिंह नेगी राज्य मार्ग-9कहा जाता है।)पर लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियन्ता कार्यालय के कर्मचारी अतिक्रमण के निशान लग रहे हैं। साथ ही उन्हें सहायक अभियन्ता द्वारा एक सप्ताह में अतिक्रमण हटाने व न हटाने पर बल पूर्वक हटाने के नोटिस दिये जा रहे हैं विभाग सड़क के मध्य से नीचे की ओर 08 मीटर (24फीट) व सड़क के ऊपर 12 मीटर(लगभग 36फुट) अपनी जमीन मानकर निशान लगा रहा है।

(भृगुखाल  में अतिक्रमण चिह्नित।)

पर रत्तापानी, घट्टूगाड , खैरखाल दिउली,उमड़ा, पोखरखाल, बिनक, गणेशपुर , तूंगखाल (तिलधार खाल), भड़ेत, उमरोली,  बिथ्याणी, ठांगर, कांडी, भृगुखाल, कस्याली नालीखाल पौखाल,कठूड़धार, कांडाखाल व हनुमन्ती के कुछ आवासीय व व्यवसायिक मकान पूरे के पूरे निशान के अन्तर्गत आ रहे हैं।और कुछ आंशिक रूप से।जिससे मकानों के मालिकों में हड़कम्प मचा है।अगर लोक निर्माण विभाग ने चौड़ाई मानकों में छूट नहीं दी तो ये पहाड़ी बाजार नष्ट हो जाएंगे। क्यों कि कुछ स्थानों पर इतनी जगह नहीं है कि ये मकान और पीछे सरक सकें।
स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं कि नालीखाल से कांडी तक यह रोड़ श्रमदान में बनी है।और इसका मुआवजा उन्हें नहीं मिला है उनकी इस बात में कितनी सत्यता है यह तो ज्ञात नहीं, किन्तु इतना याद है कि सन् 1962-63 में जब मैं कक्षा-06 में श्रद्धानन्द उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय भृगुखाल (अब रा.इं.कालेज) में पढता था तो हमारे विद्यालय के बच्चों ने भी उस सड़क पर श्रमदान किया था।जनता का कहना है कि यह चौड़ाई भविष्य में इसके राष्ट्रीय राजमार्ग(N.H.)बनने के नाम पर नापी जा रही है।
अतिक्रमण का समर्थन बिल्कुल नहीं किया जा सकता है।अगर लोक निर्माण विभाग की जमीन पर अतिक्रमण हुआ है तो उसे अवश्य हटाया जाना चाहिए परन्तु जिस जमीन का अगर मुआवजा विभाग द्वारा नहीं दिया गया है तो उसके लिए विभाग को वैधानिक कार्यवाही कर गजट नोटिफिकेशन कर उचित मुआवजा दे कर ही अतिक्रमण की कार्यवाही करनी चाहिए।
इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग को, जब अतिक्रमण कर निर्माण कार्य होता है,तभी निर्माण कार्य रोकने का कार्य करना चाहिए।अगर निर्माणकार्य को समय पर रोक दिया जाता तो अतिक्रमण की स्थिति ही नहीं बनती।क्या प्रदेश सरकार देहरादून की तर्ज पर अध्यादेश ला कर इन बाजारों को बचाएगी।