स्वर्णिम भारत के के लिए आधुनिक और सेवा परक सोच के साथ काम करना होगा-पूर्व राष्ट्रपति कोविंद#मुख्यमंत्री से आईएएस प्रशिक्षु अधिकारियों# मुख्यमंत्री न महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ आन्दोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर दुख जताया।#स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर जनता के साथ हो रहे खिलवाड़ के लिए जनप्रतिनिधि जिम्मेदार-बिट्टू कर्नाटक#अल्मोड़ा में स्वावलंबन कनेक्ट केंद्र (एससीके) हुआ लॉन्च -www.janswar.com

-अरुणाभ रतूड़ी

 

स्वर्णिम भारत के निर्माण के लिए आधुनिक और सेवा परक सोच के साथ काम करना होगा-पूर्व राष्ट्रपति कोविंद

पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद एवं राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक  अकादमी, मसूरी में आयोजित ‘विपश्यना’ शिविर कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। 2022 बैच के प्रशिक्षु, अधिकारियों के फेज-1 प्रशिक्षण कार्यक्रम में 10 दिवसीय ‘विपश्यना’ शिविर के अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को संबोधित किया।

अपने संबोधन में श्री कोविंद ने कहा कि 2047 में जब देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष मना रहा होगा तो आप सभी अधिकारी में देश के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में होंगे। स्वर्णिम भारत के निर्माण के लिए आधुनिक और सेवा परक सोच के साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध चल रहे राष्ट्रीय अभियान में आप सभी को अग्रणी भूमिका निभानी है। भ्रष्टाचार उन्मूलन में योगदान देने और देश तथा समाज में नैतिकता पर आधारित व्यवस्था को आगे बढ़ाने में विपश्यना जैसी पद्धतियां उपयोगी सिद्ध होती हैं।

उन्होंने कहा कि समाज में सामान्यत ऐसी अवधारणा बनी है कि योग व ध्यान क्रियाओं का पालन करने का समय सेवानिवृत्ति के बाद का समय होता अथवा इन पद्धतियों की उपयोगिता सन्यासी जीवन जीने वालों के लिए होती है। लेकिन योग क्रियाओं को जब सरल व आम भाषा में सिखाया गया तो उसके लाभ का अनुभव होने लगा और समय के साथ-साथ आज योग न केवल भारत में बल्कि विश्व के अधिकांश देशों में हम सभी की जीवन क्रियाओं का हिस्सा हो गया है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपको सुसंस्कृत व लोकोपयोगी जीवन जीने का लक्ष्य रखना होगा। अपने कार्यों में पारदर्शिता, निष्पक्षता और लोगों को संतुष्ट करने की भावना के साथ आगे बढ़ना होगा।

कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि विपश्यना ध्यान प्रक्रिया से प्रशिक्षु अधिकारियों को परिचित कराना एक अच्छी पहल है, यह उनके आत्मावलोकन में लाभप्रद साबित होगा। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने अंतर्मन को नियंत्रित कर लें, तो हम अपने बाहरी कार्यों को भी नियंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि फील्ड में प्रशिक्षु अधिकारियों के सम्मुख अनेक प्रकार की चुनौतियां व परिस्थितियां आएगी जिसे वे अपने आत्मानुशासन और दृढ़ इच्छाशक्ति से उसके समाधान खोजें।

राज्यपाल ने कहा कि एक लोक सेवक के रूप में आपको प्रत्येक व्यक्ति की समस्या को सुनने की क्षमता का विकास करना होगा। किसी की समस्या को सुनने से उस समस्या के समाधान के रास्ते मिलते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की क्षमताओं को विकसित करने के लिए योग व ध्यान जैसी पद्धतियां कारगर साबित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों को भ्रष्टाचार उन्मूलन और लोगों के जीवन को सरल बनाने में अपना योगदान देने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।

इस अवसर पर श्री प्रवीण भल्ला ने विपश्यना पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यक्रम में पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी ने भी अपने विचार प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ साझा किए। अकादमी के निदेशक श्री श्रीनिवास आर. कटिकिथाला ने उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर अकादमी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और प्रशिक्षु अधिकारी उपस्थित थे।

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प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से भेंट की 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में आई.ए.एस. प्रशिक्षु अधिकारियों ने भेंट की। सभी अधिकारी लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों पर शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उनका लाभ आम आदमी तक सुलभ कराने का दायित्व रहता है। उन्होंने लोगों की समस्याओं को समझने के लिये आम लोगों से जुडने की भी प्रशिक्षु अधिकारियों से अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण एवं संतुष्टि को अपनी कार्य पद्धति का सिद्धांत बनाया है और इसी मूल मंत्र को आधार बना कर जन समस्याओं को सुलझाया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आने वाले समय में सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण मंत्र के साथ वे भी जन सेवा का दायित्व निभायेंगे ऐसी अपेक्षा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखंड के सतत और सर्वांगीण विकास का विकल्प रहित संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं और इस संकल्प को समयबद्ध अवधि में निश्चित ही सिद्ध करने का हमारा प्रयास है।
इस अवसर पर सुश्री छवि भारद्वाज डिप्टी डायरेक्टर, सुश्री एकता उनियाल असिस्टेंट डायरेक्टर (लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी), प्रशिक्षु आई.ए.एस. सुश्री दीक्षा जोशी, श्री अर्पित चौहान, श्री प्रियांशु खाती एवं श्री मुकुल बेनिवाल उपस्थित थे

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मुख्यमंत्री न महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ आन्दोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर दुख जताया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी तथा उत्तराखंड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सुशीला बलूनी के निधन पर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक उत्तराखण्ड के निर्माण में श्रीमती सुशीला बलूनी के योगदान को सदैव याद रखा जायेगा।

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स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर जनता के साथ हो रहे खिलवाड़ के लिए जनप्रतिनिधि जिम्मेदार-बिट्टू कर्नाटक

अल्मोड़ा:(अशोक कुमार पाण्डेय)-मेडिकल कॉलेज में तैनात आठ विशेषज्ञ चिकित्सकों की संबद्धीकरण अवधि खत्म हो गई पर जनप्रतिनिधि,सरकार और मेडिकल कॉलेज प्रशासन गहरी नींद में सोया रहा।यदि इन चिकित्सको का संबद्धीकरण समाप्त होने से पहले ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन/प्रदेश सरकार ने इनके नियमितीकरण की कार्यवाही की होती या जनहित में अन्य चिकित्सको की व्यवस्था कर ली होती तो आज मरीजों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता। ये कहना है उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक का।
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए एक साल पूर्व रेडियोलॉजिस्ट, ईएनटी,आई सर्जन,पैथोलॉजी लैब प्रभारी सहित आठ चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग से यहां संबद्ध किया गया।सोमवार को एक साल पूरा होते ही सभी चिकित्सकों का संबद्धीकरण खत्म हो गया है।कॉलेज प्रबंधन को मजबूर होकर उन्हें रिलीव करना पड़ा है।ऐसे में मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड,नाक,कान,गला, आंख का उपचार मिलना ठप्प हो गया है।इससे मरीजों को काफी दिक्कतें हो रही है और उन्हें दूसरे अस्पतालों का रूख करना पड़ रहा है।
इस गंभीर विषय पर पूर्व दर्जा मंत्री कर्नाटक ने प्रदेश सरकार,अल्मोड़ा के जनप्रतिनिधियों और मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही बताते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश सरकार और अल्मोड़ा के जनप्रतिनिधियों को जनता की तकलीफों से कोई लेना देना नही रह गया है।जनप्रतिनिधि केवल अपनी जय जयकार करवाने में मस्त है।मेडिकल कॉलेज से इतनी बड़ी संख्या में चिकित्सक चले गए पर जन प्रतिनिधि अभी भी नींद से नही जागे।उन्होंने कहा कि विगत दिनों जिला चिकित्सालय में एन.आई.सी.यू .की सुविधा उपलब्ध न होने से एक नवजात शिशु की मृत्यु हो गई।उन्होंने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि अल्मोड़ा विधानसभा में जिला चिकित्सालय मात्र एक रेफलर सेंटर बनकर रह गया है।पर जनप्रतिनिधि मौनी बाबा बनकर बैठे हुए है।मेडिकल कॉलेज से बड़ी संख्या में चिकित्सक चले जाते है पर जनप्रतिनिधियों का मौन नही टूटता।उन्होंने कहा कि क्या जनता ने इसलिए इन जनप्रतिनिधियों को जिताकर विधानसभा/लोकसभा भेजा था कि ये सब चुनाव जीतकर जनता की दुःख तकलीफें सब भूल जायेंगे।उन्होंने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि जिला अस्पताल में लोगों को स्वास्थ सुविधाएं नहीं मिल रही,मेडिकल कॉलेज से चिकित्सक बड़ी संख्या में जा रहे हैं लेकिन जनप्रतिनिधि मौन है।उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात में जनप्रतिनिधियों के ढुल- मुल रवैये को देखते हुए जनता को अब जनप्रतिनिधियों से कोई खास अपेक्षा रह भी नही गई है।
पूर्व दर्जा मंत्री कर्नाटक ने कहा कि भले ही जनप्रतिनिधि मौनी बाबा बनकर बैठे रहें लेकिन जनता को हो रही असुविधा पर वे चुप नही बैठेंगे।उन्होंने कहा कि यदि पंद्रह दिन के भीतर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई तो वे मेडिकल कॉलेज में ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।*********

अल्मोड़ा में स्वावलंबन कनेक्ट केंद्र (एससीके) हुआ लॉन्च। 

अल्मोड़ा (अशोक कुमार पांडेय) सिडबी और एक्सेस लाइवलीहुड्स द्वारा प्रोमोटेड माइक्रो-इनक्यूबेटर सेंटर (एस सी के) केंद्र सिजवाली काम्प्लेक्स धारानौला में लॉन्च किया गया। जिसका शुभारंभ मंगलवार को जिलासाहकारी बैंक प्रतिनिधि स्नेहा बिष्ट,ग्रामीण बैंक से हिम्मत सिंह नेगी जिला उद्योग केंद्र से दीपक कुमार,मनोज कुमार, एक्सेस लाइवलीहुड्स टीम के जेड ओ कुशाग्र पांडे एवम हिम्मत सिंह रौतेला एस सी के हेमा सिजवाली द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया था। इसके अलावा, एक्सेस लाइवलीहुड्स टीम भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रही । उत्तराखंड में,7 में से 5 एससीके लॉन्च किए गए हैं। शेष अगले कुछ हफ्तों में लॉन्च किए जाएंगे। जिस क्षेत्र में केंद्र सरकार ने एससीके को लॉन्च किया है। जिसमें महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए सबसे पहले 100 महिलाओं का चयन किया जाएगा और ट्रेनिंग की व्यस्था करवा कर स्वरोजगार बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही बैंक से आर्थिक लिंक के लिए भी सहायता प्रदान करी जाएगी। । स्टेट प्रोजेक्ट मैनजर ने बताया कि सिडबी द्वारा शुरू किया गया स्वावलंबन मिशन के तहत उद्यम निर्माण में संभावित उद्यमियों की मदद करना और उसके समर्थन के लिए स्वावलंबन कनेक्ट केंद्र (एससीके) स्थापित करना हैं। योजना के पहले हिस्से के रूप में सिडबी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में 100 एससीके लॉन्च करने के लिए हैदराबाद स्थित सामाजिक उद्यमी के समूह एक्सेस लाइवलीहुड्स के साथ साझेदारी की है। आज अल्मोड़ा में एक स्वावलंबन कनेक्ट केंद्र लॉन्च किया गया। यह अल्मोड़ा में उद्यमियों को अपना व्यवसाय शुरू करने, उन्हें निवेश से जोड़ने और उद्यम विकसित करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने में मदद करेगा। SCK माइक्रो-इनक्यूबेटर हैं जो उद्यम को बढ़ावा देने के लिए एक डिजिटल दृष्टिकोण अपनाते हैं। संभावित उद्यमियों का समर्थन करने के उद्देश्य से, एससीके इच्छुक उद्यमियों को जागरूकता, मैपिंग गैप्स, स्किल कनेक्ट, प्री-हैंडहोल्डिंग सपोर्ट, स्थानीय प्रोजेक्ट प्रोफाइल बनाने, क्रेडिट कनेक्ट और पोस्ट-हैंडहोल्डिंग सपोर्ट जैसे मार्केट कनेक्ट के माध्यम से जॉब क्रिएटर बनने के लिए मार्गदर्शन करते हैं। SCK अपनी व्यावसायिक योजनाओं को मजबूत करने, कौशल प्रशिक्षण और ऋण आवश्यकताओं तक पहुँचने में भी मदद कर रहे हैं। SCKs राज्य/जिला/स्थानीय प्रशासन, बैंकों आदि के साथ मिलकर काम करते हैं। परियोजना के पहले चरण के रूप में, पांच राज्यों में 100 स्वावलंबन कनेक्ट केंद्रों की पहचान और स्थापना की गई है।