राज्यपाल से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य ने शिष्टाचार भेंट की।गढवाली,कुमाउनीव जौनसारी के चार नवोदित लेखक होंगे सम्मानित# नैनीताल में दो दिवसीय कॉन्क्लेव आयोजित की गयी। #अपर जिलीधिकारी ने चौबट्टाखाल तहसील में मुख्यमंत्री के आगमन तैयारियों की समीक्षा बैठक ली #अल्मोड़ा पुलिस ने भिक्षा नहीं शिक्षा दें अभियान के तहत पाँच बच्चों को स्कूल में कराया एडमिशन-www.janswar.com

-अरुणाभ रतूड़ी

राज्यपाल से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य ने शिष्टाचार भेंट की।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से बुधवार को राजभवन में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमन भदौरिया ने शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने राज्यपाल को संस्थान में चलने वाले विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों और अन्य क्रियाकलापों की जानकारी दी।

राज्यपाल ने कहा कि एनआइएम भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोहण संस्थानों में से एक है और इसे एशिया में सबसे प्रतिष्ठित पर्वतारोहण संस्थान भी माना जाता है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इस तरह का प्रतिष्ठित संस्थान उत्तराखण्ड में अवस्थित है जिसका हमें बेहतर लाभ लेने की जरूरत। राज्यपाल ने कहा कि संस्थान विभिन्न पर्वतारोहण और साहसिक पाठ्यक्रमों, साहसिक प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं सहित पर्वतारोहियों को प्रशिक्षित कर रहा है। उत्तराखण्ड में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए संस्थान का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस अवसर पर राज्यपाल ने विगत वर्ष हुई हिमस्खलन की घटना से सबक सीखने और अपनी कार्य योजना को और बेहतर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने संस्थान के प्रशिक्षण और अन्य विषयों के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की।

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  • गढ़वाली, कुमाउनी व जौनसारी तथा हिन्दी भाषा में 4 नवोदित उदयीमान लेखकों को प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाएगा- सीएम श्री पुष्कर सिंह धामी

 

  • मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार की ओर से प्रथम बार लोक भाषाओं व लोक साहित्य में कुमाउनी, गढ़वाली, अन्य उत्तराखण्ड की बोलियों व उपबोलियों तथा हिन्दी, पंजाबी एवं उर्दू में दीर्घकालीन उत्कृष्ट साहित्य सृजन व अनवरत साहित्य सेवा के लिए प्रतिवर्ष उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान प्रदान करने घोषणा की
  • हमारी लोक भाषाएं-बोलियाँ हमारी पहचान व गौरव- मुख्यमंत्री
  • वर्ष 2014 के बाद पहली बार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की बैठक हुई

वर्ष 2014 के बाद बुधवार को सचिवालय में पहली बार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की बैठक हुई। संस्थान की प्रबन्ध कार्यकारिणी एवं साधारण सभा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार की ओर से प्रथम बार लोक भाषाओं व लोक साहित्य में कुमाउनी, गढ़वाली, अन्य उत्तराखण्ड की बोलियों व उपबोलियों, पंजाबी एवं उर्दू में दीर्घकालीन उत्कृष्ट साहित्य सृजन व अनवरत साहित्य सेवा तथा हिन्दी में उत्कृष्ट महाकाव्य/खण्डकाव्य रचना, काव्य रचना कथा साहित्य व अन्य गद्य विधाओं के लिए प्रतिवर्ष उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान प्रदान करने की घोषणा की। इसके साथ ही गढ़वाली, कुमाउनी व जौनसारी तीन लोक भाषाओं तथा हिन्दी भाषा में 4 नवोदित उदयीमान लेखकों को प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाएगा। आगामी मई माह में भव्य समारोह आयोजित कर उत्कृष्ट साहित्यकारों को उक्त पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री धामी ने उत्तराखण्ड के ऐसे रचनाकारों, जो अर्थाभाव के कारण अपनी पुस्तकों का प्रकाशन नहीं करा पाते हैं, उन्हें उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा आर्थिक सहायता के रूप में आंशिक अनुदान दिए जाने के प्रस्ताव पर भी स्वीकृति दी। मुख्यमंत्री श्री धामी ने राज्य के प्रत्येक जनपद में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय भाषा सम्मेलन आयोजन करने के निर्देश भी दिए। यह भाषा संस्थान की एक बहुआयामी योजना होगी जिसमें शोध पत्रों का वाचन, भाषा संबंधी विचार विनिमय, साहित्यिक शोभायात्रा, लोक भाषा सम्मेलन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के प्रत्येक जनपद के 01 प्राथमिक विद्यालय में डिजिटल/ई पुस्तकालय स्थापित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में राज्य में नेशनल बुक ट्रस्ट के साथ मिलकर पुस्तक मेले का आयोजन तथा पुस्तक मेले में साहित्यिक संगोष्ठियों के आयोजन पर भी स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही राज्यभर में सुविख्यात लेखकों की व्यखानमालाएं आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि हमारी लोक भाषाएं एवं बोलियां हमारी पहचान और गौरव है। राज्य सरकार स्थानीय भाषाओं, बोलियों व संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरन्तर प्रयासरत है।
बैठक में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा साहित्यिक एवं शोध पत्रिकाओं के प्रकाशन पर भी सहमति बनी। इसके साथ ही लोक भाषाओं के मानकीकरण हेतु कार्यशालाओं व प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन हेतु भी स्वीकृति दी गई। सम्बन्धित अधिकारियों ने कहा कि उत्तराखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में गढ़वाली, कुमाउनी व जौनसारी बोलियों को बोलने वाले व लिखने वाले अलग-अलग हैं, जिनके लेखन में शब्दों का औच्चारणिक विभेद है। गढ़वाली एवं कुमाउनी बोली भाषा के औच्चारणिक एवं वर्तनी के मानकीकरण की अत्यंत आवश्यकता है। यह शिविर गढ़वाल एवं कुमाउं मण्डल में आयोजित किए जाएंगे। उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा उत्तराखण्ड में जनपद तथा राज्य स्तरीय भाषायी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
बैठक में भाषामंत्री श्री सुबोध उनियाल, सचिव श्री विनोद प्रसाद रतूड़ी, अपर सचिव एवं निदेशक उत्तराखण्ड भाषा संस्थान श्रीमती स्वाति भदौरिया, सदस्य डा0 सुलेखा डंगवाल, प्रो0 दिनेश चन्द्र शास्त्री, डॉ सुधा पाण्डेय, डॉ हरिसुमन बिष्ट, प्रो. देव पोखरिया  एवं अन्य सदस्य मौजूद रहे।

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नैनीताल समाचार

नैनीताल में दो दिवसीय कॉन्क्लेव आयोजित की गयी।

डा. आर.एस. टोलिया प्रशासन अकादमी, नैनीताल में  Urbanization and Development in Fragile Mountain Ecosystem विषय पर दो दिवसीय कॉन्क्लेव आयोजित की गयी। अस्थिर पर्वतीय पारितन्त्र के शहरीकरण व विकास पर विभिन्न देश, राज्य से आये हुए प्रतिनिधियों ने विस्तार से चर्चा की। बेहतर शहरीकरण व सतत विकास हेतु अपने देश व राज्य में लागू किये गई योजनाओं की भी जानकारी दी।

कॉन्क्लेव का उद्घाटन मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। रा.बा.इ.का. सूखाताल, नैनीताल की बालिकाओं द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति की गयी। कॉन्क्लेव में 04 देश जापान, कोरिया,भूटान, नेपाल , 05 राज्य के हिमाचल, नई दिल्ली, मिजोरम, नागालैण्ड तथा सिक्किम सहित 30 शहरों के 120 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
महानिदेशक, उत्तराखण्ड प्रशासनिक अकादमी बी.पी. पाण्डे ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के कारण शहरी क्षेत्रों में चुनौतियां भी बढ़ती जा रही है। शहरी क्षेत्रों के साथ ही पैरीअर्बन एरिया में समय की आवश्यकताओं के दृष्टिगत् बदलाव, स्वच्छता व्यवस्थाओं एवं पर्यटकों के बढते फूटफॉल के कारण आवश्यक ढाँचागत सुविधाओं तथा पार्किंग निर्माण आदि पर चर्चा की गयी। विगत 2 दशकों में उत्तराखण्ड के पर्यटन क्षेत्रों में पर्यटकों के बढ़ते दबाव एवं उसके पर्यावरणीय प्रभाव के अध्ययन की आवश्यकताओं पर बल दिया गया, साथ ही उत्तराखण्ड की परम्परागत वॉटर बॉडिज, जल स्त्रोत, नौले के अस्तित्व के संकट पर चिंता व्यक्त की गयी व प्रभावी मैकेनिजम बनाने पर बल दिया गया।
चेयरपर्सन, हाई लेवल कमेटी, शहरी मंत्रालय, भारत सरकार केशव वर्मा, द्वारा बताया गया कि पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ते दबाव के कारण नकारात्मक ट्रॉन्सफॉरमेशन हेतु असंवेदनशील शहरीकरण, रिवर सिस्टम को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए अन्तराष्ट्रीय अनुभवों को साझा किया गया जिससे चुनौतियों से पार पाया जा सकता है।
कार्यशाला में कोरिया, जापान, भूटान व नेपाल से आये विषय विशेषज्ञों ने बताया कि समेकित नियोजन व क्रियान्वयन से बेहतर शहरीकरण व आपदा के खतरे को कम किया जा सकता है। उन्होंने अपने देश में सरकार द्वारा भूस्खलन कम करने, घरेलू पर्यटन को व्यवस्थित करने, स्लोप का मॉडिफिकेशन करने आदि की जानकारी दी।
नगर निगम हल्द्वानी व केदारनाथ यात्रा मार्ग पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में जनसहभागिता से किये गए सफल प्रयास की सराहना की गई व अन्य जगह भी लागू किये जाने पर जोर दिया गया। जो कि सिविल सोसाइटी का बेहतर उपयोग करके मानव संसाधन की कमी को पूरा करता एक उदाहरण है।
’उत्तराखण्ड राज्य में केदारनाथ यात्रा में जिला प्रशासन द्वारा यात्रा मार्ग में प्रत्येक प्लास्टिक बॉटल्स हेतु जारी क्यू आर कोड अर्थात डी आर एस (डिजिटल डिपॉजिट रिफण्ड सिस्टम) कार्य योजना को साझा किया। उपजिलाधिकारी केदारनाथ जितेंद्र वर्मा ने बताया कि यात्रा मार्ग में प्रत्येक दुकानदार के लिए अनिवार्य है कि वह पानी की बोतल में क्यू आर कोड लगाए जिसे वापसी के समय यात्री को  खाली बॉटल की वापसी पर 10 रूपए लौटा दिए जाते है अन्यथा घोड़ा खच्चर व स्थानीय लोगों द्वारा बोटल के जमा करने पर उन्हें वह धनराशि दी जाती है।
नगर निगम हल्द्वानी द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु शुरू की गई बैणी सेना के कार्यों को मुख्य नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय द्वारा शार्ट फ़िल्म के माध्यम से बताया गया । उन्होंने बताया कि आम जन की नगर निगम तक आसानी से पहुँच हो, इसके साथ ही जनसहभागिता से बहुआयामी प्रयास हेतु बैणी सेना का शुभारंभ किया गया। एक ओर 57 वार्ड की सेवा के जिम्मा 570 महिलाओं ने बखूबी निभाया, वही दूसरी ओर महिला सशक्तिकरण हेतु भी अभिनव प्रयास रहा। कुल यूजर चार्ज का 25 प्रतिशत इन महिलाओं को इंसेंटिव के रूप में दिया गया। साथ ही नगर निगम का यूजर चार्ज प्रत्येक माह 06 लाख से बढ़कर 35 लाख हुआ’
कार्यशाला में पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पाण्डे, प्रैक्टिस मेनेजर वर्ल्ड बैंक आभास झा, सचिव शहरी विकास दीपेन्द्र कुमार चौधरी, कोरिया के डा0 सैंग क्योन ली, महानिदेशक आईसीमोड नेपाल डा0 पेमा ग्याम्स्टों, अपर सचिव नवनीत पाण्डे, अपर निदेशक शहरी विकास अशोक कुमार पाण्डे, नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय सहित विभिन्न शहरों के प्रतिभागी उपस्थित थे।

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पौड़ी गढवाल समाचार

अपर जिलीधिकारी ने चौबट्टाखाल तहसील में मुख्यमंत्री के आगमन तैयारियों की समीक्षा बैठक ली

चौबट्टाखाल तहसील में मा0 मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारियों के संबंध में विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ अपर जिलाधिकारी ईला गिरी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
एनआईसी कक्ष में आयोजित बैठक में अपर जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री के आगमन पर संबंधित विभाग समुचित व्यवस्था पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने लोक निर्माण विभाग व पीएमजीएसवाई विभाग को कार्यक्रम स्थल पर मंच, साउण्ड, एलईडी टीवी की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने जल संस्थान को पेयजल व्यवस्था व नगर पंचायत सतपुली तथा जिला पंचायत को कार्यक्रम स्थल व हैलीपैड पर बेहतर साफ-सफाई, मोबाइल टॉयलेट रखने तथा चूना छिड़काव करने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि कार्यक्रम समाप्ति बाद कार्यक्रम स्थल पर पुनः साफ-सफाई व कूड़ा निस्तारण करें। अपर जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को कार्यक्रम में लाभार्थियों को लाने तथा पुलिस व परिवहन विभाग को वाहनों हेतु पार्किंग तथा पुलिस विभाग को यातायात व सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने उपजिलाधिकारी चौबट्टाखाल को सभी व्यवस्थाओं का समन्वय करने के निर्देश दिये।
चौबट्टाखाल विधानसभा के अंतर्गत मा0 मुख्यमंत्री द्वारा 22 योजनाओं का शिलान्यास, भूमि पूजन व लोकापर्ण किया जायेगा। अपर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को ससमय पर शिलापट्ट तैयार करने के निर्देश दिये। 16 विभागों द्वारा कार्यक्रम स्थल पर स्टॉल भी लगाये जायेंगे। कार्यक्रम में मा0 मंत्री लोक निर्माण विभाग, पर्यटन, सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज सहित अन्य मंत्री व विधायकगण उपस्थित रहेंगे।
बैठक में परियोजना अधिकारी डीआरडीए संजीव कुमार रॉय, जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह चौहान, अधिशासी अभियंता निर्माण खंड धन सिंह कुटियाल, लैंसडाउन पीएस बिष्ट, बैजरों विवेक सेमवाल, जिला पर्यटन अधिकारी प्रकाश खत्री, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत सतपुली सीमा रावत सहित एनआईसी सभागार में तथा अन्य अधिकारी वीसी के माध्यम से उपस्थित रहे।

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अल्मोड़ा समाचार

अल्मोड़ा पुलिस ने भिक्षा नहीं शिक्षा दें अभियान के तहत पाँच बच्चों को स्कूल में कराया एडमिशन

अल्मोड़ा:(अशोक कुमार पाण्डेय):अल्मोड़ा पुलिस की आँपरेशन मुक्ति टीम ने “भिक्षा नही शिक्षा दें” अभियान के तहत आज 05 नन्हें-मुन्ने बच्चों का कराया स्कूल में एडमिशन

प्रचलित अभियान में अब तक 37 बच्चों का कराया जा चुका है स्कूलों में दाखिला

श्रीमती रचिता जुयाल, एसएसपी अल्मोड़ा के निर्देशन पर सीओ आँपरेशन ओशिन जोशी के पर्यवेक्षण में जनपद की आँपरेशन मुक्ति टीम द्वारा ऑपरेशन मुक्ति” भिक्षा नहीं शिक्षा दें” अभियान के तहत प्रथम चरण में शिक्षा ग्रहण हेतु चिन्हित किये गये बच्चों का दितीय चरण में स्कूलों में दाखिला कराया जा रहा है।

आज दिनांक- 05.04.2023 को आँपरेशन मुक्ति टीम द्वारा प्रथम चरण में चिन्हित बच्चों में से *05 बच्चों का शिक्षा ग्रहण हेतु आँगनबाड़ी केन्द्र एनटीडी अल्मोड़ा* में दाखिला कराया गया है। बच्चों के परिजनों से बच्चों को नियमित स्कूल भेजने व स्कूल प्रबन्धन से बच्चों का विशेष ध्यान रखने हेतु वार्ता की गयी है। चिन्हित शेष बच्चों का भी प्रचलित अभियान में स्कूल में दाखिला कराया जायेगा।

प्रचलित अभियान में अल्मोड़ा पुलिस द्वारा पूर्व में 32 बच्चों व आज 05 बच्चों का स्कूल में दाखिला कराकर अबतक कुल 37 बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया जा चुका है।

आँपरेशन मुक्ति टीम में कांस्टेबल बालम सिंह, कांस्टेबल भूपाल सिंह, कांस्टेबल सुरेश गिरी व महिला कांस्टेबल मोनिका जोशी आदि रहे।
अभियान जारी है।