राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने डा.अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि।# राज्यपाल से मिले मौन पालक व उद्यान विभाग के अधिकारी #प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने भारतरत्न डा० अम्बेडकरके महापरिनिर्वाण दिवस पर को श्रद्धासुमन अर्पित किये।www.Janswar.com

 

राज्यपाल ने डा.अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि।

राजभवन देहरादून 06 दिसम्बर, 2022    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन में मंगलवार को भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के मौक़े पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको उनके दिखाए गए सामाजिक न्याय और समरसता के मार्ग पर चलना चाहिए। बाबा साहब के महान आदर्श एक श्रेष्ठ समाज और मज़बूत लोकतांत्रिक व्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

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मुख्यमंत्री ने डा.अम्बेडकर को पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की पुण्य तिथि पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।  मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संविधान के शिल्पकार, वंचितों एवं शोषितों के उत्थान हेतु आजीवन समर्पित रहने वाले  डॉ. भीमराव अंबेडकर जी  का समाजिक न्याय हेतु किया गया संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।

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राज्यपाल से मिले मौन पालक व उद्यान विभाग के अधिकारी

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) से मंगलवार को राजभवन में उद्यान विभाग के अधिकारियों व मौन पालनों ने मुलाकात कर प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उत्पादित शहद एवं पॉलेन (पराग कण) भेंट किया। राज्यपाल के निर्देश पर उद्यान विभाग द्वारा वैली ऑफ फ्लावर्स के आसपास के क्षेत्र गोविंदघाट, घाँघरिया व चोपता के आसपास बसंत उत्सव के समय 10 बॉक्स लगाए गए थे, इन 10 बॉक्स से उच्च गुणवत्ता का 300 किलो शहद उत्पादित किया गया है। जिसमें रानी मधुमक्खी के लिए मधुमक्खियों द्वारा उत्पादित रॉयल जैली शहद भी शामिल है।

राज्यपाल ने कहा कि पॉलेन में अत्यंत औषधीय गुण शामिल होते हैं, और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में इसकी कम उपलब्धता के कारण डिमांड बहुत अधिक है। राज्यपाल ने उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में “मनी फ्रॉम हनी” का लक्ष्य लेकर मौन पालन से संबंधित सभी अभियानों को प्रोत्साहन दिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उत्पादित शहद के जरिए किसानों को सीधा आर्थिक फायदा पहुंचेगा।

प्रभारी उद्यान, राजभवन दीपक पुरोहित ने बताया कि वसंतोत्सव के समय राजभवन में मौन पालन हेतु 10 बॉक्स लगाए गए थे जिससे 110 किलो शहद उत्पादित किया गया। जिसके बाद राज्यपाल द्वारा 10 बॉक्स उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लगाने के निर्देश दिए गए थे। उन्हीं 10 बॉक्स से 300 किलो उच्च गुणवत्ता का शहद उत्पादित किया गया।

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प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ उपाध्यक्ष बिट्टू ने कांग्रेसजनों संग किये भारतरत्न डा०अम्बेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित

अल्मोड़ा-आज संविधान निर्माता भारतरत्न डा० भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस प्रदेश इलेक्शन कैम्पेन कमेटी के चैयरमेन बिट्टू कर्नाटक ने कांग्रेसजनों के साथ उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये।इस अवसर पर बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जिन्हें हम सब डॉक्टर बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से भी जानते हैं आज उनका परिनिर्वाण दिवस है।डॉक्टर अम्बेडकर को संविधान का जनक कहा जाता है। 6 दिसंबर 1956 को उनकी मृत्यु हुई थी।हर साल 6 दिसंबर के दिन को बाबा साहेब की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।उन्होंने कहा कि डाक्टर अम्बेडकर ने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था।श्रमिकों,किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था।वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री,भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे।उन्होंने समता,समानता, बन्धुता एवं मानवता आधारित भारतीय संविधान को 02 साल 11 महीने और 17 दिन में तैयार करने का अहम कार्य किया।साल 1951 में महिला सशक्तिकरण का हिन्दू संहिता विधेयक पारित करवाने में प्रयास किया और पारित न होने पर स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दिया।निर्वाचन आयोग, योजना आयोग,वित्त आयोग,महिला पुरुष के लिये समान नागरिक हिन्दू संहिता,राज्य पुनर्गठन,राज्य के नीति निर्देशक तत्व,मौलिक अधिकार, मानवाधिकार,निर्वाचन आयुक्त और सामाजिक,आर्थिक,शैक्षणिक एवं विदेश नीति बनाई।उन्होंने विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में एसी-एसटी के लोगों की सहभागिता सुनिश्चित की।मानवाधिकार जैसे दलितों एवं दलित आदिवासियों के मंदिर प्रवेश,पानी पीने,छुआछूत,जातिपाति,ऊंच-नीच जैसी सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए कार्य किए।उन्होंने मनुस्मृति दहन,महाड सत्याग्रह,नाशिक सत्याग्रह,येवला की गर्जना जैसे आंदोलन चलाएं।बेजुबान,शोषित और अशिक्षित लोगों को जागरुक करने के लिए साल 1927 से 1956 के दौरान मूक नायक,बहिष्कृत भारत,समता, जनता और प्रबुद्ध भारत नामक पांच साप्ताहिक और पाक्षिक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। उन्होंने छात्रावास,नाइट स्कूल, ग्रंथालयों और शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से कमजोर वर्गों के छात्रों को अध्ययन करने और साथ ही आय अर्जित करने के लिए उनको सक्षम बनाया।सन् 1945 में उन्होंने अपनी पीपुल्स एजुकेशन सोसायटी के जरिए मुम्बई में सिद्वार्थ महाविद्यालय तथा औरंगाबाद में मिलिन्द महाविद्यालय की स्थापना की।कार्यक्रम में भूपेन भोज (भुप्पी),दीपक पोखरिया, गौरव अवस्थी, सहित दर्जनों कांग्रेजन उपस्थित रहे।