राजभवन देहरादून:- राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन देहरादून से श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित बैकुंठ चतुर्दशी मेला एवं विकास प्रदर्शनी का वर्चुअल शुभारंभ किया। www.janswar.com

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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन देहरादून से श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित बैकुंठ चतुर्दशी मेला एवं विकास प्रदर्शनी का वर्चुअल शुभारंभ किया। 

राजभवन देहरादून, 25 नवम्बर, 2023:- राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन देहरादून से शनिवार को श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित बैकुंठ चतुर्दशी मेले एवं विकास प्रदर्शनी का वर्चुअल शुभारंभ किया। राज्यपाल ने मेले में उपस्थित लोगों को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि आज आप सभी बैकुंठ चतुर्दशी के अद्भुत और पवित्र अवसर पर एक साथ एकत्र हुए हैं जिसे सभी लोग पूरे उत्साह और भक्ति के साथ मनाते हैं।  उन्होंने कहा कि बैकुंठ चतुर्दशी हमें भगवान विष्णु के परम लोक बैकुंठ की याद दिलाता है जहां शांति और सुख का आदान-प्रदान होता है। इस दिन हम अपने जीवन में शुभ और सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प भी लेते हैं। बैकुंठ चतुर्दशी हमें यह शिक्षा देता है कि सच्चे सुख और शांति का स्रोत आत्मा में ही है। हमें अपने मन, वचन और कर्मों को पवित्रता और सत्य के माध्यम से सजीव करना चाहिए।  राज्यपाल ने कहा कि सुरम्य पर्वतीय शहर श्रीनगर गढ़वाल एक अद्वितीय शहर है जहां विचारशीलता, सौंदर्य, और धार्मिकता का विशिष्ट संगम होता है। एक प्रकार से पहाड़ पर स्थित यह श्रीनगर गढ़वाल, उत्तराखण्ड की प्रगति का एक आधार केंद्र बन गया है। जल्दी ही यह क्षेत्र रेल नेटवर्क से जुड़ेगा यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा। इस ऐतिहासिक उपलब्धि से पूरे गढ़वाल क्षेत्र में विकास के नए प्रतिमान स्थापित होंगे। प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन में 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। यह तभी संभव होगा जब हम सभी अपना योगदान प्रदेश की तरक्की और विकास में देंगे।

राज्यपाल ने कहा की इस मेले के माध्यम से हम अपने स्थानीय उत्पादों को प्रमोट कर सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं। साथ ही इस प्रकार के आयोजन से हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने का कार्य भी करते हैं। इस तरह के आयोजन हमें अपनी विरासत से जुड़ने के साथ-साथ अपने उन साथियों से मिलने का भी अवसर प्रदान करते हैं जो अब प्रवासी हो चुके हैं इस प्रकार के आयोजनों से हम पलायन के विरुद्ध भी उपयोगी कदम उठा सकते हैं। उन्होंने कहा की हमें प्रयास करने चाहिए कि हमारे जो भी भाई-बहन राज्य से बाहर हैं उन्हें निमंत्रण देकर यहां बुलाएं और उन्हें बताए कि अपनी संस्कृति से जुड़ने का बेहतरीन अवसर है।

इस बार पर राज्यपाल ने कहा कि जनपद उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में 41 श्रमिक फंसे हुए हैं जिन्हें केंद्र तथा प्रदेश की विभिन्न एजेंसियों की एकजुटता से सकुशल बाहर निकालने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने सभी के सकुशल बाहर निकलने की प्रार्थना की है।