राज्यपाल ने सगंध पौधा केंद्र (सैंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट्स, कैप) सेलाकुई, देहरादून का भ्रमण किया। WWW.JANSWAR.COM

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राज्यपाल ने सगंध पौधा केंद्र (सैंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट्स, कैप) सेलाकुई, देहरादून का भ्रमण किया।

  राजभवन देहरादून 08 मई 2024:- राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को सगंध पौधा केंद्र (सेंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट्स, कैप) सेलाकुई, देहरादून का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान राज्यपाल ने सगंध पादप केंद्र में स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस क्षेत्र में स्थापित बीज विकास एवं अंकुरण कक्ष, विभिन्न हाई टेक ग्रीन हाउस और केंद्र में स्थित विभिन्न अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं एवं बगीचों का अवलोकन किया एवं केंद्र द्वारा विकसित किए जा रहे तेजपात व दालचीनी के पौधों के विषय में जानकारी प्राप्त की। राज्यपाल ने केंद्र के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ‘अगरवुड’ के पौधे का रोपण भी किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में सगंध पादप कृषि के लिए प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं, साथ ही इन फसलों को जंगली जानवर भी नुकसान नहीं पहुँचाते हैं, ऐसे में उत्तराखण्ड में सगंध पादप खेती को अधिक प्रचारित और प्रसारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सगंध पादप खेती से यहाँ के किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। राज्यपाल ने कहा कि पूरे विश्व में सुगंध का एक विशेष स्थान है, और उत्तराखण्ड की जड़ी-बूटियों, फूलों और पादपों से बनने वाले पर्फ्यूम और इत्र की पूरे विश्व से मांग आएगी।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में उत्पादित होने वाली दालचीनी की गुणवत्ता अच्छी है, और जिस प्रकार कैप द्वारा मिशन दालचीनी के अंतर्गत कार्य किए जा रहे हैं वे सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि कैप द्वारा सगंध पादप कृषि को बढ़ावा देने के लिए कैप ने ‘महक क्रांति’ के नाम से जो योजना बनाई है उससे किसानों के साथ-साथ आमजन को भी फायदा मिलेगा। राज्यपाल ने कहा कि कैप द्वारा विकसित ‘तिमरु पर्फ्यूम’ और अन्य सभी उत्पाद वास्तव में आकर्षक है और कैप को अपने उत्पादों का देश-विदेश में प्रचार-प्रसार करना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि हमें अपने उत्पादों की पैकेजिंग और ब्रांडिंग को वैश्विक स्तर का बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कैप के अधिकारी ऐसा प्रयास करें कि हमारी उत्पादों की ब्रांडिंग में उत्तराखण्ड की दिव्यता और भव्यता की झलक लोगों के सामने आ सके। राज्यपाल ने कहा कि कैप को अपने अनुसंधानों में नवीन तकनीकों को जोड़ते हुए एआई और ऐग्रिकल्चर के मिश्रित स्वरूप को सामने लाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि तकनीक और नवाचार के प्रयोगों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में नई संभावनाएं बनेगी और सगंध पादप कृषि से सिद्धि और समृद्धि के मार्ग खुलेंगे। अपने भ्रमण के दौरान राज्यपाल ने कैप के निदेशक डॉ. नृपेन्द्र चौहान को अगले दो वर्षों में 108 पेटेंट बनाने और देश-विदेश में स्थित एरोमैटिक संस्थानों के साथ 108 एमओयू हस्ताक्षर करने का लक्ष्य दिया।

इस अवसर पर केंद्र के प्रबंधक डॉ. पंकज बिजल्वाण ने कैप के क्रियाकलापों एवं आगामी योजनाओं पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर कैप की वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. हेमा लोहानी, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुनील शाह सहित केंद्र के अन्य वैज्ञानिक एवं अधिकारी उपस्थित थे।