राज्यपाल ने देहरादून मे राष्ट्रीय सैनिक संस्था  के 16 वें अधिवेशन में मुख्यअतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।#मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री से नयी दिल्ली में भेंट की # श्री केदारनाथ यात्रा के यात्रियों के लिए सारी व्यवस्थाएं 15 अप्रैल तक पूर्ण हों-अध्यक्ष मंदिर समिति-www.janswar.com

राज्यपाल ने राष्ट्रीय सैनिक संस्था  के 16 वें अधिवेशन में मुख्यअतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को भानियावाला देहरादून में राष्ट्रीय सैनिक संस्था के 16 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में निःस्वार्थ भाव से कार्य करने वाले राष्ट्रीय सैनिक संस्था के सदस्यों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में राज्यपाल ने संस्था की स्मारिका का विमोचन किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय सैनिक संस्था राष्ट्र सर्वोपरि व राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि संस्था के 90 हजार से अधिक सदस्य एक विशाल परिवार को रूप लेकर देश सेवा के महान संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय सैनिक संस्था वीर सैनिकों और राष्ट्रभक्त नागरिकों के साथ व्यक्तिगत और चरित्र निर्माण के क्षेत्र में कार्य कर रही है। इस परिवार को हमारे हजारों देशभक्त नागरिकों और वीर सैनिकों ने स्वयं समर्पित भावना से बनाया है, इस परिवार का सदस्य होना हर एक के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकीकरण और चरित्र निर्माण एक दूसरे के पूरक हैं। बिना चरित्र निर्माण के राष्ट्रीय एकीकरण संभव नहीं है।

राज्यपाल ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति और उन्नति उसके नागरिकों पर निर्भर है। नागरिक अपने राष्ट्रभक्ति और अनुशासन के बल पर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी नेतृत्व भावना को पहचानना होगा जिसके बल पर हम भारत को एक बार पुनः विश्वगुरू के शिखर पर आसीन कर सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि भारत की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास समृद्ध है, जो हमें नेतृत्व की भावना के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि अमृतकाल का यह समय भारत का है और इसे हमें पहचानना होगा।

राज्यपाल ने कहा कि इस अधिवेशन में नगर पालिका से लेकर संसद तक पूर्व सैनिकों को मनोनीत करने का विचार रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस विचार के साथ यह अपेक्षा करता हूँ कि समाज के सभी क्षेत्रों में एक नई प्रगति लाने के लिए पूर्व सैनिकों को शामिल किया जाना चाहिए। सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधित्व से वे देश की प्रगति व उन्नति में अपना सहयोग कर सकेंगे।

कार्यक्रम में पावन चिंतन धारा आश्रम के संस्थापक प्रो. पवन सिन्हा, विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य डॉ.लोकेश मुनि, ले.ज.अश्विन कुमार बक्शी, ले.ज शक्ति गुरूंग, मे.ज ओ पी सौनी, मे.ज एम एल असवाल आदि ने अपने विचार रखे। राष्ट्रीय सैनिक संस्था के   राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने इस कार्यक्रम का संचालन किया। राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र बगासी सहित देश के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से सदस्यों ने प्रतिभाग किया

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मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री से नयीदिल्ली में भेंट की
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव से नई दिल्ली में भेंट की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से  04 नदियों  गौला, शारदा, दाबका एवं कोसी की वन स्वीकृतियाँ इस सत्र के अन्त तक अर्थात 31 मई, 2023 तक वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत शीघ्र विस्तार किए जाने एवं आगामी दस वर्षों तक नवीनीकृत करने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करने के लिए अनुरोध किया। वन मंत्री ने इस अनुरोध पर शीघ्र ही उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।र
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय नदियों में मानसून के दौरान जमा उपखनिज (आरबीएम) को  बाढ़ नियंत्रण एवं नदी किनारों पर स्थित वन एवं कृषि भूमि की सुरक्षा करने, आपदा प्रबन्धन के निवारणात्मक उद्देश्यों को पूरा करने, नदी तल के ऊपर उठने पर नियंत्रण पाने और आम जनता व विशेष रूप से किसानों के नदी तटीय अधिकारों (Riparian Rights) के संरक्षण करने हेतु  हटाया जाना अत्यन्त आवश्यक है। इन नदियों से आर०बी०एम० की उपलब्धता सिविल निर्माण कार्यों, धार्मिक व सामरिक रूप से आवश्यक सड़क और रेल नेटवर्क का विस्तार जैसे अति महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बेहत जरूरी है जो लगभग 50000 स्थानीय और प्रवासी श्रमिकों को सार्थक रोजगार भी प्रदान करता है। वर्तमान में भी वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा उपरोक्त 04 नदियों की वन स्वीकृति को 28 फरवरी, 2023 तक बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से इन  04 नदियों  गौला, शारदा, दाबका एवं कोसी की वन स्वीकृतियाँ इस सत्र के अन्त तक अर्थात 31 मई, 2023 तक वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत शीघ्र विस्तार किए जाने एवं आगामी दस वर्षों तक नवीनीकृत करने का अनुरोध किया।

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श्री केदारनाथ यात्रा के यात्रियों के लिए सारी व्यवस्थाएं 15 अप्रैल तक पूर्ण हों-अध्यक्ष मंदिर समिति

रुद्रप्रयाग- (देवेन्द्र चमोली)आगामी केदारनाथ धाम यात्रा को सुव्यवस्थित ढंग से संपादित कराने के लिए की जा रही तैयारियों के सम्बंध में अध्यक्ष बद्रीकेदार मंदिर समिति अजेन्द्र अजय ने जिला कार्यालय में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिया कि यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो व सुब्यवस्थित यात्रा का सफल संचालन सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
आज जिला कलैक्ट्रेट में जनपदीय अधिकारियों के साथ यात्रा ब्यवस्थाओं की तैयारियों की   समीक्षा करते हुये अध्यक्ष बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल, 2023 को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यात्रा को सुव्यवस्थित एवं सफल संचालन हेतु जिस स्तर से जो भी व्यवस्थाएं एवं तैयारियां की जा रही हैं वह सभी व्यवस्थाएं 15 अप्रैल, 2023 से पूर्व ही आवश्यक रूप से पूर्ण की जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में बर्फ हटाने का कार्य त्वरित गति से शुरू किया जाए तथा जो भी मार्ग क्षतिग्रस्त हैं उनका भी मरम्मत कार्य शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं को संपादित करने हेतु तैनात किए जाने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाए ताकि यात्रा व्यवस्थाओं को संचालित करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को निर्देश देते हुये कहा कि यात्रा के दौरान यातायात व्यवस्था को संचालित करने में काफी परेशानी होती है इसके लिए उचित पार्किंग एवं यातायात प्लान तैयार किया जाए तथा सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किए जाने वाले पुलिस कर्मियों को उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए एवं केदारनाथ धाम सहित यात्रा मार्ग में उचित स्वास्थ्य सुविधाएं, साफ-सफाई व्यवस्था, पर्याप्त शौचालयों की व्यवस्था तथा संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के लिए उचित पानी की व्यवस्था एवं यात्रा मार्ग में विद्युत व्यवस्था आदि सभी व्यवस्थाओं को दुरस्त रखने के निर्देश दिए गए।
बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मा. अध्यक्ष को अवगत कराया है कि केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन के लिए तैनात किए गए अधिकारियों एवं कार्मिकों को निर्वाचन प्रक्रिया को संपादित किए जाने की तर्ज पर सभी को उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है तथा उन्हें सौंपे गए दायित्वों एवं कार्यों के बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है ताकि यात्रा व्यवस्था में किसी प्रकार की कोई समस्या न आने पाए। उन्होंने कहा कि यात्रा की सफलता के लिए जो भी तैयारियां एवं व्यवस्थाएं जिस स्तर से की जानी हैं सभी को आवश्यक निर्देश देते हुए सभी विभागों द्वारा अपनी-अपनी तैयारियां पूर्ण की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग को सुचारू करने के लिए बर्फ हटवाने का कार्य कल से ही शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं तथा यात्रा मार्ग में जिन स्थानों में वर्तमान में बर्फ नहीं है उस क्षेत्र के क्षतिग्रस्त मार्ग को ठीक कराने के निर्देश डीडीएमए को दिए गए हैं। उन्होेंने यह भी अवगत कराया है कि यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों के साथ किसी प्रकार की कोई क्रूरता न हो तथा बीमार व कमजोर घोड़े-खच्चरों का किसी भी दशा में संचालन न किया जाए इसकी निगरानी के लिए 20 पीआरडी जवानों की तैनाती की गई है जिन्हें उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुए यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों की निगरानी के लिए विभिन्न यात्रा पड़ावों में तैनात किए जाएंगे।
बैठक में अध्यक्ष नगर पालिका श्रीमती गीता झिंक्वाण, अध्यक्ष नगर पंचायत अगस्त्यमुनि श्रीमती अरुणा बेंजवाल, तिलवाड़ा श्रीमती संजू जगवाण, पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी केदारनाथ योगेंद्र सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मार्तोलिया, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत, अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल, जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल, मंदिर समिति से आरसी तिवारी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।