राजभवन में शीघ्र ही एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित स्मार्ट ऑटोमेशन सिस्टम प्रारंभ किया जाएगा।#मुख्यमंत्री ने वन विभाग व लोक निर्माण विभाग की समीक्षा की#यूएसडीएमए द्वारा नोडल अधिकारियों की कैपिसिटी बिल्डिंग हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आरम्भ#एम्स ऋषिकेश व देवभूमि समिति के मध्य मरीजों को नि:शुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने का करार -www.janswar.com

-अरुणाभ रतूडी़
राजभवन में शीघ्र ही एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित स्मार्ट ऑटोमेशन सिस्टम प्रारंभ किया जाएगा।

राजभवन में जल्द ही एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित स्मार्ट ऑटोमेशन सिस्टम प्रारंभ किया जाएगा। स्मार्ट ऑटोमेशन सिस्टम के पहले चरण में ऑनलाईन गेट-पास तथा ई-इन्विटेशन सिस्टम शुरू किया जाएगा। इसके अंतर्गत राजभवन आने वाले आगंतुकों को गेट पास के लिए लाईन में नहीं लगना पड़ेगा। गेट में लगा वेब कैमरा उनकी पहचान करेगा और वेरीफाई होने के बाद उन्हें एंट्री मिल जाएगी। आगंतुकों द्वारा कहीं से भी राजभवन आने के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकेगा।

ई-इन्विटेशन सिस्टम के माध्यम से विभिन्न राजकीय समारोहों में राजभवन से आमंत्रित किए जाने वाले महानुभावों को ई-आमंत्रण प्रेषित किया जाएगा जिसका लिंक वह एंट्री गेट में दिखाकर राजभवन में प्रवेश कर सकेंगे। राजभवन में शुरुआती चरण में ऑनलाइन गेट-पास सिस्टम तथा ई-इन्विटेशन सिस्टम शुरू किया जाएगा। इसके बाद स्मार्ट ऑटोमेशन सिस्टम पर आधारित अन्य प्रक्रियाएं शुरू की जाएंगी। यह सिस्टम एनआईसी द्वारा यूपीईएस विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित किया जा रहा है।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की अध्यक्षता में राजभवन में एआई आधारित स्मार्ट ऑटोमेशन सिस्टम के संबंध में हुई बैठक में यह जानकारी दी गई। राज्यपाल ने एप विकसित किए जाने हेतु एनआईसी के अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। उन्होंने राजभवन में एआई आधारित पोर्टल तथा मोबाइल एप विकसित किए जाने हेतु अपनी प्राथमिकताओं को समयबद्ध रूप से पूर्ण किए जाने की अपेक्षा की। उन्होंने निदेशक आईटीडीए अधिकारियों को एआई प्रोजेक्ट को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने हेतु रोडमैप बनाने के निर्देश दिए।

इस बैठक में सचिव आईटीडीए शैलेश बगौली, सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव स्वाति एस. भदौरिया, निदेशक आईटीडीए नितिका खंडेलवाल, एसआईओ एनआईसी आशीष अग्रवाल, यूपीईएस विश्वविद्यालय के प्रो. प्रिया रंजन, वरिष्ट प्रोग्रामर राजभवन वी. एस. पुंडीर आदि उपस्थित रहे।

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मुख्यमंत्री ने वन विभाग व लोक निर्माण विभाग की समीक्षा की
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड @ 25 के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई अल्प, मध्य एवं दीर्घकालिक रोडमैप की समीक्षा की।
वन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कैम्पा के तहत होने वाले कार्यों में और तेजी लाई जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि कैम्पा के तहत प्राप्त हो रही धनराशि का समय पर एवं सही तरीके से उपयोग हो। वन सम्पदाओं से लोगों की आजीविका में वृद्धि करने की दिशा में लगातार प्रयास किये जाएं। अखरोट, बांस एवं औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड में कार्य किये जाएं। बांज, सागोन, पॉपुलर को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किये जाएं। पिरूल नीति से लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए और प्रयास किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने बैठक में वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि हरेला पर्व पर प्रदेश में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जाए। फलदार एवं औषधीय पौधों के रोपण पर विशेष ध्यान दिया जाय। वृक्षारोपण के लिए जन सहभागिता का होना जरूरी है। इसके लिए सामाजिक संगठनों एवं लोगों का पूरा सहयोग लिया जाए। जल संरक्षण एवं जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाय। जल संचय के लिए तालाबों के निर्माण की दिशा में वन विभाग द्वारा कार्य किये जाएं। मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए लगातार प्रयास किये जाएं।
वन विभाग की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि विभाग द्वारा 2026-27 तक आर्थिकी को दुगुना करने के लिए ईको टूरिज्म गन्तव्यों का विकास किया जा रहा है। वन पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। लीसा उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। निजी भूमि में स्थित वृक्षों के पातन की प्रक्रिया के सरलीकरण की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में हो रहे विकास, मन्दिर माला मिशन के तहत हो रहे कार्यों, विभिन्न शहरों के विकास एवं भविष्य की सम्भावनाओं को देखते हुए सड़कों के निर्माण एवं विस्तार की दिशा में कार्य किये जाए। तकनीकि सर्वें के साथ सड़कों के विकास के सुनियोजित तरीके से कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि सड़क निर्माण के साथ ही ड्रेनेज की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएं। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि रोड कटिंग के समय प्राकृतिक जल स्रोत प्रभावित न हों। सड़कों के किनारे फलदार वृक्ष लगाये जाएं।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान बारिश से प्रदेश के विभिन्न मार्गों पर सड़क बाधित होने की स्थिति में लोक निर्माण विभाग द्वारा की गई तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि बारिश के कारण यदि सड़क बाधित होती है तो, उनको तुरंत सुचारू करने के लिए पूरी व्यवस्थाएं रखी जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पुराने पुलों का भी सर्वे किया जाए। सड़क निर्माण के लिए विभिन्न स्थानों पर जो वन भूमि के प्रकरण चल रहे हैं, उनके समाधान के लिए कार्यों में और तेजी लाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के निर्माण एवं सुधारीकरण से संबंधित जो भी कार्य चल रहे हैं, वे सभी निर्धारित समयावधि में पूर्ण किये जाए, इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाय। उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये कि विभाग की ओर से भारत सरकार को जो भी प्रस्ताव भेजे जाने हैं, वे शीघ्र उपलब्ध कराये जाएं।
बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि लोक निर्माण विभाग में अगले दो वर्षों में 03 हजार किमी मार्गों का डामरीकरण करने, 3500 किमी मार्गों के नवीनीकरण के कार्य करने का लक्ष्य रखा गया है। दीर्घकालिक योजनाओं के तहत देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर एवं हल्द्वानी रिंग रोड का निर्माण किया जायेगा। मानसखण्ड योजना के लिए मार्गों के निर्माण हेतु प्रथम चरण के कार्यों की कार्यवाही गतिमान है। वर्षा काल में विभिन्न मार्गों पर 400 जेसीबी लगायी गई है, इनको जीआईएस से कनेक्ट किया गया है।
बैठक में वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव डॉ. पंकज कुमार, प्रमुख वन संरक्षक(हॉफ) श्री अनूप मलिक, अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदाण्डे, लोक निर्माण एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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यूएसडीएमए द्वारा नोडल अधिकारियों की कैपिसिटी बिल्डिंग हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आरम्भ

उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के आपदा प्रबन्धन विशेषज्ञों द्वारा प्रतिदिन सचिवालय में विभिन्न विभागों के आपदा नोडल अधिकारियों को कुशल आपदा प्रबन्धन हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार को यूएसडीएमए के विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विभागों के आपदा नोडल अधिकारियों को सचेत एप, रिसोर्स मैपिंग, फोरकास्टिंग सिस्टम, वाहनों के जीपीएस का एपीआई लिंकिंग, ऑड अवर स्ट्रेटजी, आपदा प्रबन्धन में नई टेक्नॉलॉजी का उपयोग आदि की जानकारी दी गई। विभिन्न विभागों के आपदा नोडल अधिकारियों के क्षमता निर्माण (कैपिसिटी बिल्डिंग) हेतु यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिदिन संचालित किया जाएगा।
इस अवसर पर अपर सचिव श्री सविन बंसल, यूएसडीएमए विशेषज्ञ डा0 पूजा राणा,  सिस्टम एक्सपर्ट श्री अमित शर्मा, जीआईएस एक्सपर्ट श्री रोहित कुमार, यूएसडीएमए विशेषज्ञ डा मणि, सुश्री तन्द्रिला सरकार तथा विभिन्न विभागों के आपदा नोडल अधिकारी मौजूद रहे।

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एम्स ऋषिकेश व देवभूमि समिति के मध्य मरीजों को नि:शुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने का करार

एम्स ऋषिकेश और देवभूमि समिति देहरादून के मध्य ऑक्सीजन की दरकार वाले मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर निशुल्क उपलब्ध कराने के बाबत करार हुआ है। इससे एम्स में भर्ती के लिए आने वाले ऐसे मरीजों को एडमिशन देने की बजाए घर पर ही इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा। इतना ही नहीं दोनों संस्थाओं के बीच हुए इस एमओयू से अन्य गंभीर स्थिति के मरीजों को एम्स अस्पताल में भर्ती के लिए काफी हद तक बेड उपलब्ध हो सकेंगे।

गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड राज्य व समीपवर्ती राज्यों का सबसे बड़ा हायर सेंटर है। जहां गंभीरतम बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

ऐसे में कई दफा महज ऑक्सीजन की कमी से ग्रसित मरीजों को भी एम्स में भर्ती किए जाने से अन्य गंभीर मरीजों को दाखिला नहीं मिल पाता है। महज ऑक्सीजन की दरकार रखने वाले मरीजों को अन्य तरह के उपचार की आवश्यकता नहीं होने पर ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा उनके घर पर ही सुलभ कराने के लिए यह अनुबंध किया गया है।

समिति को एम्स की ओर से इस तरह के मरीजों के लिए 100 ऑक्सीजन सिलेंडर सिस्टम उपलब्ध कराए गए हैं। इससे एम्स में खाली होने वाले बैड इलाज के लिए अस्पताल में एडमिशन लेने में सहूलियत होगी। एग्रीमेंट पर एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने हस्ताक्षर किए हैं।

ऑक्सीजन संबंधी जरूरतमंद मरीज इस सुविधा को घर बैठे निशुल्क प्राप्त करने के लिए देवभूमि समिति, 69 वाणी विहार, अधोईवाला, देहरादून से दूरभाष नंबर 091491 33650 / 08954287276 पर संपर्क कर सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि एम्स अस्पताल में फिलवक्त 960 बेड की सुविधा है। यहां उपचार के लिए उत्तराखंड के अलावा समीपवर्ती राज्यों उत्तरप्रदेश, हिमाचल, दिल्ली, हरियाणा आदि के गंभीर रोगी इलाज के पहुंचते हैं। इसके लिए आपातकालीन 108 सेवा के जरिए एम्स अस्पताल में लावारिस पेशेंट्स को भी उपचार के लिए भर्ती कराया जाता है। ऐसे मरीजों का पूर्ण इलाज के उपरांत संस्थान का पीआर सैक्शन लावारिस पेशेंट्स के घर का पता ट्रेस कर उन्हें अपने घर भेजने की व्यवस्था करता है।