एम्स ऋषिकेश:-एम्स ऋषिकेश में क्रेनियोफेशियल सर्जरी विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। WWW.JANSWAR.COM

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एम्स ऋषिकेश में क्रेनियोफेशियल सर्जरी विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया।

एम्स ऋषिकेश:- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश में क्रेनियोफेशियल सर्जरी विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें देश-विदेश से जुटे विशेषज्ञों ने क्रेनियोफेशियल सर्जरी से जुड़ी कई अहम जानकारियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया और उनसे अपने अनुभव साझा किए।
एम्स,ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह व संकायाध्यक्ष (अकादमिक) प्रो. जया चतुर्वेदी की देखरेख में बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के तत्वावधान में आयोजित क्रेनियोफेशियल सर्जरी विषय पर आधारित सम्मेलन का डीन (रिसर्च) प्रो. शैलेंद्र शंकर हांडू व अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आर.बी. कालिया ने संयुक्तरूप से दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया।
इस अवसर पर डीन (रिसर्च) एसएस हांडू ने विषय आधारित कोर्स संबंधी जानकारी दी साथ ही ऐसे आयोजनों को एक- दूसरे के अनुभवों से रूबरू होने और मरीजों के हित में नितांत आवश्यक बताया। एमएस प्रो. आरबी कालिया ने संस्थान के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के द्वारा आयोजित सम्मेलन की सराहना की और इसे एक दूसरे के ज्ञान व अनुभव को साझा करने वाला रचनात्मक कार्यक्रम बताया।
इस अवसर पर देश- विदेश से आए प्लास्टिक सर्जरी के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने क्रेनियोफेशियल सर्जरी विषय पर व्याख्यानमाला प्रस्तुत की। उन्होंने इस कार्यक्रम को प्लास्टिक सर्जरी के विशेष क्षेत्र में ज्ञान संवर्धन और कौशल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करने वाला बताया।
सम्मेलन की शुरुआत प्लास्टिक सर्जरी विषय से जुड़े स्थानीय विशेषज्ञों की अगुवाई में की गई। कोर्स निदेशक व प्लास्टिक चिकित्सा विभाग की अपर आचार्य डॉ. मधुभरी वाथुल्या ने क्रेनियोफेशियल विकृति कोर्स का नेतृत्व किया तथा इससे संबंधित जानकरियां प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि यह शल्य चिकित्सा उन बच्चों में की जाती है, जिनके सिर एवं चेहरे की हड्डी असामान्य होती हैं। लिहाजा असामान्य हड्डी को सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश के प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विशाल मागो द्वारा बताया गया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में यह सर्जरी प्लास्टिक सर्जरी विभाग द्वारा 2017 से की जा रही है, जिससे अब तक सैकड़ों की संख्या में मरीजों को इसका लाभ मिला है।
सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने व्याख्यानमाला के माध्यम से अपने अनुभव साझा किए। इनमें मास्ट्रिच, नीदरलैंड से प्रो. डॉ. पीटर केसलर व डॉक्टर टिममेर, मुंबई से प्रो. नितिन मोकल, पंचकूला से प्रो. रमेश कुमार शर्मा, नई दिल्ली से डॉ. सुनील चौधरी, सफदरजंग हॉस्पिटल से प्रो. राकेश कैन व सीमा डेंटल कॉलेज के डॉ. तरूण शर्मा प्रमुखरूप से शामिल थे। उन्होंने प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए क्रेनियोफेशियल सर्जरी के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति के बारे में बताया।
सम्मेलन के तहत हेंड ऑन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें डमी प्रयोग के जरिए कार्यशाला में उपस्थित चिकित्सकों एवं सीनियर रेसिडेंट्स को प्रयोग कराया गया।
सम्मेलन में विभागाध्यक्ष प्रो. विशाल मागो, डॉ. देबरती चट्टोपाध्याय, डॉ. अक्षय कपूर, डॉ. नीरज के अलावा इंद्रेश हॉस्पिटल देहरादून के प्रो.संजय साधु, डॉक्टर तरुण जैन आदि ने शिरकत की।