(अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर)
मानसून सत्र तक चलेगा अभियान, चिकित्सा इकाइयों में निःशुल्क जिंक ओआरएस कार्नर स्थापित।
रुद्रप्रयाग:- मानसून सत्र के दौरान बच्चों में डायरिया होने की आशंका के दृष्टिगत डायरिया नियंत्रण को लेकर जनपद में सघन डायरिया रोकथाम अभियान शुरू हो गया। इसके तहत जनपद की सभी चिकित्सा इकाईयों मे जिंक ओआरएस कार्नर की स्थापना कर इन कार्नर के माध्यम से जिंक व ओआरएस पैकेट का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। वहीं अभियान के दौरान डायरिया रोकथाम को लेकर विभिन्न गतिवियां आयोजित की जाएंगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सीमा टेकचंदानी ने आंगनबाड़ी केंद्र बेला खुरड़ में बच्चों को ओआरएस पैकेट वितरित कर डायरिया पखवाड़े का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में 01 अगस्त से मानसून सत्र तक सघन डायरिया रोकथाम अभियान का आयोजन किया जा रहा है। बताया कि इसके तहत आशा व एएनएम पांच साल कम उम्र के बच्चों वाले घरों का दौरा करेंगी व इन घरों में अनिवार्य रूप से ओआरएस पैकेट का वितरण किया जाएगा। साथ ही आशा व एएनएम द्वारा लक्षित आयु वर्ग के बच्चों के अभिभावकों को डायरिया के लक्षण बचाव के बारे में जागरूक किया जाएगा व ओआरएस घोल बनाने की विधि सिखायी जाएगी। घर भ्रमण के दौरान डायरिया के लक्षण मिलने पर संबंधित शिशु को निकटवर्ती चिकित्सालय रेफर किया जाएगा। बताया कि पीड़ित बच्चे को निःशुल्क जिंक टैबलेट उपलब्ध कराई जाएगी, इसके अतिरिक्त आशा कार्यकत्रियों द्वारा शिशु की माताओं को स्वच्छता व स्तनपान प्रथाओं को बढावा देने को लेकर भी जागरू किया जाएगा व गृह भ्रमण के दौरान क्लोरिन टैबलेट का वितरण किया जाएगा। अभियान के तहत जनपद में साभी चिकित्सा इकाईयों में निःशुल्क ओआरएस पैकेट व जिंक दवा के वितरण हेतु जिंक ओआरएस कार्नर की स्थापना की गई है। वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि में आयोजित गोष्ठी में चिकित्सा अधिकारी डा0 महिमा द्वारा डायरिया रोकथाम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इस अवसर पर डीपीसी एनटीईपी मुकेश बगवाड़ी, काउंसलर आरकेएसके जयदीप कुमार आदि मौजूद रहे।
विश्व स्तनपान सप्ताह भी शुरूराष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में शिशु स्वास्थ्य व मातृ स्वास्थ्य में सुधार के लक्ष्य के साथ 01 अगस्त से 07 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मां का दूध शिशु स्वास्थ्य के लिए व्यापक लाभकारी है।
बताया कि इससे शिशु के मानसिक व शारीरिक विकास के साथ-साथ डायरिया, निमोनिया व कुपोषण से बचाव होता है व बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। उन्होंने बताया कि स्तनपान सप्ताह के दौरान जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराने, पहले 06 माह तक केवल मां का दूध पिलाने, 6 माह से बडे शिशुओं व बच्चों को सुरक्षित व स्वस्थ ऊपरी आहार के साथ स्तनपान जारी रखने व स्तनपान कराने के सही तरीके की जानकारी को लेकर जागरूक किया जाएगा व आशाओं द्वारा प्री-लैक्टियल फीड (घुट्टी, पानी, शहद आदि) एवं डब्बे वाले दूध के उपयोग को हतोत्साहित करने को लेकर लक्षित वर्ग को जागरूक किया जाएगा। बताया कि आगामी 07 अगस्त तक आशा कार्यकत्रियां अपने-अपने क्षेत्रों मे बैठकें कर स्तनपान जागरूकता गतिविधि करेंगीं।