राष्ट्र की सुरक्षा को समर्पित: पुलिस स्मृति दिवस पर वीर बलिदानियों को कोटि-कोटि नमन।
(अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर):- आज का दिन (पुलिस स्मृति दिवस) उन सभी बहादुर और समर्पित पुलिसकर्मियों को याद करने का है, जिन्होंने देश और समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। ये वे गुमनाम नायक हैं, जो दिन-रात, हर मौसम और हर चुनौती में अपने कर्तव्य पथ पर अडिग खड़े रहते हैं।
पुलिस बल किसी भी राज्य और राष्ट्र की सुरक्षा की रीढ़ होती है। इनकी जिम्मेदारी केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपदाओं, आपात स्थितियों, और अपराधों से समाज को बचाने के व्यापक कार्य को भी समाहित करती है। जब हम त्योहारों पर अपने घरों में खुशियाँ मनाते हैं, तब ये जवान सड़कों पर, सीमाओं पर और थानों में जागते रहते हैं। जब देश किसी प्राकृतिक आपदा (बाढ़, भूकंप) से जूझता है, तो पुलिस और अर्द्धसैनिक बल ही सबसे पहले सहायता के लिए आगे आते हैं।
ये जवान ‘सेवा, सुरक्षा और सहयोग’ के मंत्र को अपने जीवन में उतारते हैं। उनका बलिदान सिर्फ एक व्यक्तिगत क्षति नहीं है, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए चुकाई गई एक अमूल्य कीमत है।
इस अवसर पर, हम उन सभी वीर शहीदों को शत-शत नमन करते हैं, जिन्होंने देश की शांति, सौहार्द्र और एकता के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका साहस, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा हम सभी के लिए एक महान प्रेरणा है। हम उनके परिवारों के प्रति भी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने एक ऐसे नायक को खोया, जो अंतिम साँस तक राष्ट्र की सेवा में लगा रहा।
राज्य और समाज का यह कर्तव्य है कि वह इन वीर बलिदानियों के परिवारों के कल्याण और सम्मान को सुनिश्चित करे। उनकी शहादत को केवल एक दिन तक सीमित न रखकर, उनके योगदान को सदैव सम्मानपूर्वक स्मरण किया जाए।