एम्स में नर्सिंग प्रोफेशनलों को दिया गया प्रशिक्षण

  • मेडिको लीगल केसों में गोपनीयता का पालन जरूरी
  • एम्स में नर्सिंग प्रोफेशनलों को दिया गया प्रशिक्षण
  • सतत नर्सिंग शिक्षा के तहत आयोजित हुआ कार्यक्रम

एम्स ऋषिकेश:-एम्स में नर्सिंग अधिकारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत बताया गया कि मेडिको लीगल मामलों में गोपनीयता का पालन करना बहुत जरूरी है। कहा गया कि नर्सिंग देखभाल के दौरान रोगी के अपर्याप्त दस्तावेज रखने से काूननी प्रक्रिया जटिल हो सकती है। 

एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग अधिकारियों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाने के लिए नियमित स्तर पर सतत नर्सिंग शिक्षा कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को आयोजित काॅन्टिन्यूअस नर्सिंग एजुकेशन (सी.एन.ई.) कार्यक्रम के दौरान रोगी देखभाल के क्षेत्र में मेडिको लीगल मामलों (एम.एल.सी. केस) को संभालने के बारे में विस्तृत जानकारियां दी गयी। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधि अधिकारी प्रदीप चन्द्र पांडेय ने एम.एल.सी केसों के बारे में अस्पताल में इलाज के दौरान रोगी के सटीक दस्तावेजीकरण पर जोर दिया और कहा कि रोगी की गोपनीयता बनाए रखना, केस से संबन्धित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना और पुलिस का सहयोग करना प्रत्येक नर्सिंग अधिकारी का कर्तव्य है। उन्होंने मेडिको लीगल केस को पहिचानने, पुलिस को सूचित करने, दस्तावेजीकरण, मामले को रजिस्टर में अंकित करने और दवाओं के नमूने सुरक्षित रखने आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। बताया कि ऐसे मामलों में रोगी की व्यक्तिगत और उपचार से जुड़ी मेडिकल जानकारी की गोपनीयता बरतना बहुत जरूरी है।

कार्यक्रम को चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्याश्री, मेडिकल रिकॉर्ड डिपार्टमेंट (एमआरडी) की फेकल्टी इंचार्ज डाॅ. नम्रता गौड़, फोरेसिंक विभाग के डाॅ. आशीष भूते, फेमिली मेडिसिन विभाग की हेड की डाॅ. वर्तिका सक्सैना, डाॅ. वंदना धींगरा सहित काॅलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिन्सिपल प्रो. स्मृति अरोड़ा, मुख्य नर्सिंग अधिकारी डाॅ. अनिता रानी कंसल आदि ने भी संबोधित किया। सी.एन.ई में अलग-अलग चरणों में विषय से संबन्धित व्यवहारिक और नवीनतम जानकारियां दी गयीं। कार्यक्रम में सभी डीएनएस, एएनएस और एसएनओ आदि नर्सिंग अधिकारी मौजूद रहे।