मानक यानी विश्वास और पारदर्शिता: राज्यपाल गुरमीत सिंह (से नि)। WWW.JANSWAR.COM

राज्यपाल ने देहरादून में आयोजित “विश्व मानक दिवस 2025” के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।

राजभवन देहरादून:- राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को देहरादून में आयोजित “विश्व मानक दिवस 2025” के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मानक केवल तकनीकी दस्तावेज नहीं, बल्कि विश्वास, पारदर्शिता और गुणवत्ता के प्रतीक हैं, जो विकास और प्रगति की दिशा निर्धारित करते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि मानक किसी राष्ट्र की गुणवत्ता संस्कृति के द्योतक होते हैं। जब उद्योग मानकों को अपनाते हैं, तो उनके उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहचान और विश्वसनीयता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि जब नीतिगत ढांचे में मानकों को शामिल किया जाता है, तो योजनाएँ अधिक प्रभावी बनती हैं, और जब समाज मानकीकरण को अपनाता है, तो नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता का स्तर ऊँचा उठता है।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में प्रकृति, नदियाँ, शुद्ध वायु, हरित वन और जीवंत संस्कृति स्वयं एक आदर्श मानक प्रस्तुत करती है। यहां की भौगोलिक संरचना हमें यह सिखाती है कि विकास के प्रत्येक कदम पर संतुलन, अनुशासन और जिम्मेदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि हमारी योजनाएँ और निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप हों, तो हम पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ सतत विकास के आदर्श भी स्थापित कर सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि मानक ब्यूरो द्वारा उत्तराखण्ड में गुणवत्ता और मानकीकरण के क्षेत्र में कई सकारात्मक पहलें की जा रही हैं। इन प्रयासों को गाँव-गाँव, छोटे उद्योगों और सहकारी समितियों तक पहुँचाना आवश्यक है, जिससे वह जागरूक हो सकें। राज्यपाल ने आह्वान किया कि सभी नागरिक अपने-अपने क्षेत्रों में मानकीकरण को बढ़ावा दें, गुणवत्ता की संस्कृति को अपनाएँ और उत्तराखण्ड को मानक आधारित शासन व विकास का आदर्श राज्य बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएँ।

कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने मानक गैलरी एवं प्रदर्शनी स्टॉलों का अवलोकन किया, जिनमें बीआईएस प्रमाणित उत्पादों के साथ-साथ गुणवत्ता मॉडल भी प्रदर्शित किए गए थे। उन्होंने बीआईएस देहरादून की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के प्रयास जनता में गुणवत्ता के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक होंगे।

राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल ने बीआईएस को विश्व मानक दिवस पर बधाई दी और कहा कि गुणवत्ता और मानक देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

राज्यसभा सांसद श्रीमती कल्पना सैनी ने युवाओं में गुणवत्ता चेतना विकसित करने में राष्ट्रीय मानक निकाय की भूमिका पर प्रकाश डाला और शैक्षणिक संस्थानों से बीआईएस के साथ सहयोग करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम के अवसर पर परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने बीआईएस के स्वदेशी मानकों के विकास के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि स्वनियंत्रण, आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास ही देश के विकास की कुंजी हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे देश आत्मनिर्भर बनेगा, वह हर क्षेत्र में समृद्धि प्राप्त करेगा। उन्होंने बीआईएस से स्वदेशी उत्पादों के प्रचार-प्रसार को और बढ़ाने तथा गुणवत्ता नियंत्रण को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का आग्रह किया।

बीआईएस देहरादून के प्रमुख एवं निदेशक श्री सौरभ तिवारी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और पिछले एक वर्ष में बीआईएस देहरादून द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी। इनमें राज्य विभागों के साथ क्षमता निर्माण कार्यक्रम, संवेदनशीलता कार्यशालाएँ, ज्वैलर जागरूकता अभियान और मानकीकरण के क्षेत्र में नवीन पहलें शामिल हैं।

कार्यक्रम के प्रारंभ में बीआईएस देहरादून द्वारा गुणवत्ता जागरूकता यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें 1000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर अनेक सरकारी विभागों के अधिकारियों, न्यूज संस्थानों को बीआईएस के सहयोग के लिये सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर 50 से अधिक प्रदर्शनी स्टॉलों में बीआईएस प्रमाणित उत्पाद, वैज्ञानिक मॉडल, स्टार्टअप नवाचार और स्टैंडर्ड क्लब छात्रों की परियोजनाएँ प्रदर्शित की गईं। कार्यक्रम में 1500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लेकर आयोजन को सफल बनाया।