सुशासन और जीरो टॉलरेंस आन करप्शन सरकार की प्राथमिकताः मुख्यमंत्री।#राज्य स्वास्थ्य गवर्निंग बॉडी की प्रथम बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सम्पन्न।#जनपद पौड़ी के समचार । पढिए Janswar.Com में।

समाचार प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी

सुशासन और जीरो टॉलरेंस आन करप्शन सरकार की प्राथमिकताः मुख्यमंत्री

जनता से किए 85 फीसदी वायदे पूरे किए, स्वरोजगार पर फोकस।
खेती और बागवानी के लिए विशेष योजनाएं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सरकार के साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल पर वर्चुअल प्रेस वार्ता की।

 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना पर काम कर रही है। इसमें 4 वानर रेस्क्यू स्ेंटरों की स्थापना, 125 किमी जंगली सूअर रोधी दीवार, 50 किमी सोलर फेंसिंग, 13 किमी हाथी रोधी दीवार, 250 किमी हाथी रोधी खाईयों का निर्माण शामिल है। महिला पौधालयों की स्थापना पर भी काम किया जा रहा है जिसमें कि लगभग 20 हजार महिलाओं को रोजगार सम्भावित है। एक वैश्विक स्तर का साईंस कॉलेज और प्रदेश के 5 हजार स्कूलों में हिमालय इको क्लबों की स्थापना की कार्ययोजना भी बनाई गई है।

रोजगार
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल पर वर्चुअल प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि अपै्रल 2017 से सितम्बर 2020 तक विभिन्न विभागों के अंतर्गत कुल 7 लाख 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया। इनमें से नियमित रोजगार लगभग 16 हजार, आउटसोर्स/अनुबंधात्मक रोजगार लगभग 1 लाख 15 हजार और स्वयं उद्यमिता/प्राईवेट निवेश से प्रदान/निर्माणाधीन परियोजनाओं से रोजगार लगभग 5 लाख 80 हजार है।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा की गई भर्तियों की बात की जाए तो इसके माध्यम से वर्ष 2014 से 2017 तक कुल 08 परीक्षाएं आयेजित की गईं जिनमें 801 पदों पर चयन पूर्ण किया गया। जबकि वर्ष 2017 से 2020 तक कुल 59 परीक्षाएं आयोजित की गईं जिनमें 6000 पदों पर चयन पूर्ण किया गया। वर्तमान में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 7200 पदों पर अधियाचन/भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।
मनरेगा में प्रति वर्ष 6 लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है। कोविड के दौरान इसमें अतिरिक्त रोजगार दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 84 हजार अतिरिक्त परिवारों (2 लाख अतिरिक्त श्रमिकों) को रोजगार दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 170 करोड़ रूपए अतिरिक्त व्यय किए गए हैं। आगामी तीन माह में कैम्पा के अंतर्गत 40 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना है।
युवाओं और प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई। एमएसएमई के तहत इसमें ऋण और अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसमें लगभग 150 प्रकार के काम शामिल किए गए हैं।

गैरसैंण, उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी
गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया। इसकी विधिवत अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब गैरसैण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है। भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। इसमें तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है। अटल आयुष्मान योजना में राज्य के सभी परिवारों को 5 लाख रूपए वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखण्ड, देश का पहला राज्य है। अभी 2 लाख 5 हजार मरीजों को योजना में निशुल्क उपचार मिला है। जिस पर 180 करोड़ रूपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा देते हुए देशभर के 22 हजार से अधिक अस्पताल इसमें सूचीबद्ध हैं।

कार्यसंस्कृति में सुधार
ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था के चलते कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस सरकार की प्रमुख नीति है।
इन्वेस्टर्स समिट के बाद पहले चरण में 25 हजार करोड़ रूपए से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। अगले डेढ़ वर्ष में इसे 40 हजार करोड़ तक करने का लक्ष्य रखा गया है।

रिवर्स पलायन पर सुनियोजित प्रयास
पर्वतीय राज्य की अवधारणा से बने उत्तराखण्ड में पहली बार किसी सरकार ने रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से काम शुरू किया है। एमएसएमई के केंद्र में पर्वतीय क्षेत्रों को रखा गया है। सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी भी दी जा चुकी है। बहुत से ग्रोथ सेंटर शुरू भी हो चुके हैं। हर गांव में बिजली पहुंचाई गई है।
किसानों को तीन लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश के गन्ना किसानों को अवशेष गन्ना मूल्य का शत प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित किया गया है।

नए पर्यटन केद्रो का विकास
13 डिस्ट्रिक्ट-13 न्यू डेस्टीनेशन से नए पर्यटन केंद्रों का विकास हो रहा है। होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। विभिन्न रोपवे प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है।
जलसंरक्षण और जलसंवर्धन पर काफी काम किया गया है। प्रदेश की नदियों, झीलों, तालाबों और जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक जनअभियान शुरू किया गया है।

डबल इंजन का असर साफ-साफ देखा जा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। बहुत सी योजनाओं पर तेजी से काम भी चल रहा है। इनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना़, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियोजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, भारत नेट फेज -2 परियोजना, एयर कनेक्टीवीटी पर किया जा रहा काम मुख्य है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां उड़ान योजना में हेली सेवा प्रारम्भ की गई है। श्री बदरीनाथ धाम का भी मास्टर प्लान बनाया गया है।

राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
पिछले लगभग साढ़े तीन वर्षों में उत्तराखण्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। नीति आयोग द्वारा जारी ‘‘भारत नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल है। राज्य को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट घोषित किया गया। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को सात पुरस्कार मिले हैं। ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ अभियान में ऊधमसिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया। उत्तराखंड को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दूसरी बार कृषि कर्मण प्रशंसा पुरस्कार दिया गया। जैविक इंडिया अवार्ड 2018 के साथ ही मनरेगा में देशभर में सर्वाधिक 16 राष्ट्रीय पुरस्कार राज्य को मिले। मातृत्व मृत्यु दर में सर्वाधिक कमी के लिए उत्तराखण्ड को भारत सरकार से पुरस्कृत किया गया है।

लोक कल्याणकारी सरकार
आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आंगनबाड़ी सहायिका, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजन पेंशन की राशि को 1000 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1200 रूपए प्रतिमाह किया गया। ग्राम प्रहरियों का मानदेय रूपए 2000 हजार प्रतिमाह किया गया। दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां अनाथ बच्चों की चिंता करते हुए उनके लिए सरकारी सेवाओं में आरक्षण की व्यवस्था की गई है। दुर्घटना राहत राशि को मृत्यु पर 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख, गम्भीर घायल होने पर 20 हजार से बढ़ाकर 40 हजार और साधारण घायल होने पर 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रूपए किया है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दी जा रही है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है।

कोविड-19 से लड़ाई, हेल्थ सिस्टम को मजबूती

उत्तराखण्ड में सभी के सहयोग से कोविड-19 से लड़ाई लड़ी जा रही है। परिस्थितियों के अनुसार निर्णय ले रहे हैं। सर्विलांस, सेम्पलिंग, टेस्टिंग पर फोकस किया जा रहा है। राज्य में हेल्थ सिस्टम को मजबूत किया गया है। पर्याप्त संख्या में कोविड अस्पताल, आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, आक्सीजन सपोर्ट बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। अब राज्य के सभी जनपदों में आई0सी0यू0 स्थापित किए जा चुके हैं। मार्च में राज्य में कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग सुविधा नहीं थी। वर्तमान में 5 सरकारी और विभिन्न प्राईवेट लेब में कोविड-19 के सेम्पल की जांच की जा रही है। वर्तमान में 481 आईसीयू बेड, 543 वेंटिलेटर, 1846 आक्सीजन सपोर्ट बेड, 30500 आईसोलेशन बेड उपलब्ध हैं। रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में भी मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। पिछले लगभग तीन साल में पर्वतीय क्षेत्रों में डाक्टरों की संख्या में पहले से लगभग ढाई गुना वृद्धि की गई है। टेलीमेडिसीन और टेलीरेडियोलोजी भी लाभदायक साबित हो रही हैं।

राज्य स्वास्थ्य गवर्निंग बॉडी की प्रथम बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सम्पन्न।

मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की गवर्निंग बॉडी की प्रथम बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश ने कहा कि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोग ले सकें इसके लिए आवश्यक है कि आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना/अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए।
मुख्य सचिव ने योजना के सुचारू संचालन के लिए शासन द्वारा स्वीकृत 10 सीटर कॉल सेंटर को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह कॉल सेंटर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने प्रोक्योरमेंट पॉलिसी में पब्लिक प्रोक्योरमेंट प्रीफें्रस टू मेक इन इण्डिया (पीपीपीएमआई) के अन्तर्गत किये जाने पर बल दिया।
बैठक में ‘‘अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड सोसायटी‘‘ के नाम से रजिस्टर्ड सोसायटी में संशोधन करते हुए ‘‘राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखण्ड‘‘ किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया। बताया गया कि योजना के अन्तर्गत राज्य के 15.83 लाख परिवारों (सभी परिवारों को) को योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसके साथ ही इस योजना में राज्य के अन्तर्गत 175 हॉस्पिटल सूचीबद्ध हैं जिसमें 102 राजकीय एवं 73 प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं। इसके साथ 23040 नेशनल हॉस्पिटल सूचीबद्ध हैं जिसमें 825 भारत सरकार, 11815 अन्य राज्यों के सरकारी क्षेत्र के एवं 10400 प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं। राज्य में योजना के अन्तर्गत आधार सीडिंग का कार्य 99 प्रतिशत पूर्ण हो गया है।
बैठक के दौरान वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में सोसायटी के लेखे एवं ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु प्रस्तावित बजट को भी अनुमोदित किया गया।
इस अवसर पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की कार्यकारिणी के अध्यक्ष श्री दिलीप कुमार कोटिया एवं सचिव श्री अमित नेगी सहित गवर्निंग बॉडी के अन्य सदस्य शामिल थे।

जनपद पौड़ी समाचार

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तहसील चाकीसैंण में एक 34 वर्षीय व्यक्ति को भालू ने किया घायल।
पट्टी पटवारी पुत्र खेमसिंह, 34 वर्ष,ग्राम-कठमुड़,पट्टी ढाईजूली-2,तहसील-चाकीसैण विगत दिवस दिन में लकड़ी बीनने अपने गांव के निकट के जंगल में गया जहा लकड़ी बीनते समय एक भालू ने उसपर हमला कर उसके सिर व जांध पर पंजों के वार से घायल कर दिया।गांव लोग उसे सड़क तक लाये जहां से ऐम्बुलेंस से उसे जिला अस्पताल पौड़ी ले जाया गया जहां उसका उपचार चल रहा है।

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मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी की अध्यक्षता में जिला सलाहकार समिति पी0सी0पी0एन0डी0टी0 की बैठक आयोजित हुई।

विकास भवन सभागार पौड़ी में आज मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में जिला सलाहकार समिति पी0सी0पी0एन0डी0टी0, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य व राष्ट्रीय तम्बाकू नियन्त्रण कार्यक्रम की बैठक आयोजित हुई। उन्होने लिंगानुपात के तर्क संगत आकडे़ न होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए, संबंधित ब्लाक काॅडिनेटर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये, साथ ही संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि सही आंकडे के साथ अगली बैठक में प्रतिभाग करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध रूप से चल रहे मेडिकल स्टोर व झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ सख्त कार्यवाई अमल में लायी जाए। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति पखवाडा को सफल बनाने हेतु तथा तम्बाकू नियंत्रण के तहत जनजागरूकता कार्यक्रम हेतु सरकारी कार्यालयों विद्यालय परिसर में प्रचार सामाग्री साईन बोर्ड आदि लगाने तथा एक्ट के तहत चालन करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये। बैठक में संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से योजना की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।
उन्होंने उपस्थित समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी बैठक में पूरी तैयारी के साथ प्रतिभाग करेंगे। संचालित योजना में आ रही कमी के फलस्वरूप उसके सही निस्तारण हेतु पूर्व तैयारी तथा संवेदनशील के प्रति कार्यो को सही तरीके से संपादन हेतु वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इंप्लीमेंट होना जरूरी है।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 मनोज कुमार बहुखंड़ी, एसीएमओ रमेश कुंवर, मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत, डीपीआरओ एमएम खान, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार, डा0 एसएम शुक्ला, निम्नी कुकरेती, दुर्गा नेगी, मनमोहन पटवाल, आशीष रावत, श्वेता गुसांई सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

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पौडी़ गढवाल के पानी तोक गधेरे में पुजारी की लाश मिली।

नायब तहसीलदार पौड़ी की रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पट्टी मन्यारस्यूं -2के अन्तर्गत ग्राम पंचायत थापला के ग्राम कांसदेऊ के पानी तोक गधेरे में स्थानीय पुजारी रमेशगिरी उर्फ रामप्रसादआयु 56वर्ष की लाश संदिग्ध परस्थितियों में पानी गधेरा तोक में मिली। लोगों का अनुमान है कि वह किसी हिंसक वन्य पशु का शिकार हुए हैं। नायब तहसीलदार की रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी या राजस्व उपनिरीक्षक व रा.निरीक्षक की नजर में यह हत्या है या वन्यपशुओं द्वारा हत्या का जिक्र नहीं है।जो कि एक जांच अधिकारी की प्रथम ओपनियन होती है।लाश पेस्टमार्टम के लिए पौड़ी भेज दी गयी है।

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