मुख्य सचिव ने महिला सशक्त्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता की।
मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में महिला सशक्त्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गयी।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन जनपदों में जन्म के समय लिंगानुपात में कमी देखी गयी है, उन जनपदों को फोकस करते हुए गहन मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि मदर चाईल्ड ट्रेकिंग सिस्टम (एम.सी.टी.एस.) में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए, गर्भवती महिला की प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय तिमाही की जाँच अवश्य करायी जाए। उन्होंने कहा कि द्वितीय तिमाही जाँच बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है। ऐसे समयावधि में गर्भपात होना अथवा जाँच न कराया जाना संदिग्ध होता है, यदि गर्भपात हुआ है तो इसके कारणों की भी जाँच की जानी चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि लिंगानुपात में सुधार के लिए प्रोएक्टिव होकर काम करना होगा। इससे सम्बन्धित सभी विभागों को आपस में समन्वय बनाकर कार्य करना होगा। उन्होंने महिलाओं में आयरन की कमी एवं कुपोषण के साथ ही, मातृ मृत्यु दर को कम किए जाने हेतु लगातार प्रयास किए जाने की बात कही।
मुख्य सचिव ने वन स्टॉप सेंटर को और अधिक सक्रिय किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन स्टॉप सेंटर में पंजीकृत केसों में से कितनों में चार्जशीट दाखिल हुयी, कितनों में सजा हुयी इसका भी ब्यौरा दिया जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने कहा कि ड्रॉप आउट बालिकाओं के ड्रॉप आउट करने के कारणों को जानकर उनके निराकरण के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्रॉप आउट करने वाले बच्चों में अधिकतर प्रवासी और मजदूरों के बच्चे होते हैं, ऐसे में उनके लिए नोन-फार्मल एजुकेशन पर विचार किया जा सकता है।
बैठक में बताया गया कि राज्य में जन्म के समय लिंगानुपात वर्ष 2018-19 में 938 बालिका प्रति हजार बालक था जो अब बढ़कर 949 बालिका प्रति हजार बालक हो गया है। जन्म के समय लिंगानुपात की दृष्टि से उत्तराखण्ड, देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल है और राज्य के 05 जनपद बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत, देहरादून एवं उत्तरकाशी देश के टॉप 50 जनपदों में शामिल हैं। बताया गया कि चमोली, नैनीताल एवं पिथोरागढ़ में लिंगानुपात में गिरावट आयी है।
इस अवसर पर सचिव श्री एल. फैनई एवं श्री एच.सी. सेमवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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एम्स ऋषिकेश में कोविड वैक्सीनेशन का प्रशिक्षण सम्पन्न
एम्स ऋषिकेश में कोविड19 वैक्सिनेशन सेंसिटाइजेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया,जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मास्टर ट्रेनर द्वारा एम्स के चिकित्सकों, नर्सिंग ऑफिसरों व अन्य स्टाफ को कोविड19 टीकाकरण के लिए प्रशिक्षण दिया गया, साथ ही इस दौरान वैक्सिनेशन सेंटर में रखी जाने वाली जरुरी सावधानियों को लेकर जानकारी दी गयी। संस्थान में सोमवार को आयोजित कोविड19 वैक्सिनेशन सेंसिटाइजेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम का डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता जी ने विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन के लांच होने से आम आदमी के जेहन में इसको लेकर बना भय समाप्त होगा और लोग टीकाकरण के बाद कोरोना संक्रमण के साथ साथ कई तरह की वंदिशों से निजात पा सकेंगे। मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. लतिका मोहन जी ने कहा कि वृहद स्तर पर आयोजित होने वाले कोविड वैक्सिनेशन कार्य के लिए विशेष तैयारियों के साथ साथ कुशल प्रशिक्षण की जरुरत है, जिससे टीकाकरण कार्य को सही तरीके से अंजाम तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने बताया कि कोविड19 वैक्सिनेशन कार्य के लिए एम्स ऋषिकेश राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग देने को तत्पर है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ देहरादून के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डा. विकास शर्मा ने बतौर मास्टर ट्रेनर एम्स के चिकित्सकों, फैकल्टी सदस्यों, नर्सिंग ऑफिसरों व अन्य स्टाफ को कोविड टीकाकरण का प्रशिक्षण दिया। इस दौरान उन्होंने कोविड वैक्सिनेशन सेंटर के प्रारूप के बाबत जानकारी दी, साथ ही वैक्सिनेशन के तहत पंजीकरण, टीकाकरण आदि प्रक्रिया के बाबत विस्तारपूर्वक बताया। इस दौरान एम्स की वैक्सिनेशन टीम के सदस्यों ने उनसे कई सवाल भी पूछे। संस्थान की ओर से संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. मनोज गुप्ता जी व चिकित्सा अधीक्षक प्रो. लतिका मोहन जी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रशिक्षक डा. विकास शर्मा को स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। प्रशिक्षण में कम्यूनिटी मेडिसिन, सिक्योरिटी व क्रिटिकल केयर विभाग के सदस्य शामिल हुए।
इस अवसर पर कोविड वैक्सिनेशन कमेटी की चेयरपर्सन प्रो. वर्तिका सक्सैना जी, एनाटॉमी विभागाध्यक्ष प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह जी, डा. बलरामजी ओमर,कोविड टीकाकरण प्रशिक्षण के नोडल ऑफिसर डा. अजीत सिंह भदौरिया, कमेटी के सदस्य सचिव डा. योगेश बहुरुपी, डा. अंकित अग्रवाल, डा. प्रदीप अग्रवाल,डा. संतोष कुमार, डा. महेंद्र सिंह,डा. मीनाक्षी खापरे, डा. स्मिता सिन्हा आदि मौजूद थे।
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पर्यटन सचिव ने उत्तरकाशी में जिला,राज्यसेक्टर व केन्द्रपोषित,बाह्य सहायतित योजनाएं की समीक्षा की।

देहरादून/उत्तरकाशी 04 जनवरी, 2020सचिव पर्यटन, संस्कृति, सूचना, नागरिक उड्डयन
उत्तराखंड शासन एवं जनपद प्रभारी दिलीप जावलकर ने सोमवार को जिला सभागार उत्तरकाशी में जिला सेक्टर, राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित, वाह्य सहायतित के अंर्तगत विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की।
समीक्षा बैठक के दौरान पर्यटन सचिव जावलकर ने जनपद में वुडन हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए।
कामगारों के अन्दर स्किल डेबलप कर उन्हें मशीनरी से जोड़ने को कहा ताकि स्थानीय कारीगरों को पारम्परिक भवन, रिजॉर्ट, आदि के नव निर्माण कार्यों में रोजगार मिल सकें साथ ही जनपद अथवा उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों के लिए यहां का पारम्परिक यादगार उपहार भी तैयार करने के निर्देश महाप्रबंधक उद्योग को दिएताकि पर्यटकउसे यादगार के रूप में अपने साथ ले जा सकें।
पर्यटन सचिव जावलकर ने कहा कि ग्रोथ सेंटर महत्वपूर्ण योजना है इसके नियोजन करने की जरूरत है। टूरिज्म ग्रोथ सेंटर रैथल में एक डिस्प्ले स्थापित कर यहां की पारम्परिक वस्तुओं का समावेश किया जाय। जिससे बाहर से आने वाले पर्यटक यहां की स्थानीय चीजों से प्रत्यक्ष हो सकेयहां की वस्तुओं व विशेष
उत्पादनों को राष्ट्रीय एवंअंतराष्ट्रीय स्तर पर एक
विशिष्ट पहचान मिले इस हेतुकार्य करने के निर्देश दिये। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री सीमांत विकास योजना के अंर्तगत हर्षिल में पर्यटन हब विकसित कर रिवर फ्रंट के कार्य किया जाय। जिससे यहा आने वाले पर्यटक यहां की नैसर्गिक सौंदर्य की झलक अपनी सेल्फी के जरिये कैद कर सके। सचिव ने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया कि लाभार्थियों को दी जाने वाली विभिन्न पेंशन, छात्रवृत्ति को समय से उनके खातों में भेजी जाय। ताकि पेंशनर्स को इसका लाभ समय से मिल सके।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जिला सेक्टर, राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित, बाह्य सहायतित की प्रगति एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, सीएम हेल्पलाइन, सीएम डेशबोर्ड, माननीय मुख्यमंत्री त्वरित समाधान कार्यक्रम, ईऑफिस, ग्रोथ सेंटर, साक्षरता, कोसी नदी के तर्ज पर इंद्रावती नदी के जल स्रोत रिचार्ज की प्रगति के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि पारम्परिक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना बनाई गई है पंचायत भवन, विद्यालय व सरकारी भवनों के नवनिर्माण कार्यों में पारम्परिक रूप दिया जाएगा।
समीक्षा बैठक के उपरांत पर्यटन सचिव द्वारा वरणावर्त में प्रस्तावित एडवेंचर टूरिज्म पार्क का निरीक्षण किया गया जिसमें बर्ड वाचिंग ट्रेल, एमटीबी ऑफ रोड़ ट्रेल, चिल्ड्रन मनोरंजन पार्क व व्यू प्वांईट्स प्रस्तावित हैंइसके अलावा इसमें एडवेंचर एक्टिविटी पार्क में पर्यटकों के लिए कमांडो नेट, प्लैंक वाॅक, स्काई वाॅक, वाॅल क्लाईबिंग व बंजी जंपिंग जैसे साहसिक खेलों की भी व्यवस्था की जायेगी।
समीक्षा बैठक एवं एडवेंचर टूरिज्म पार्क निरीक्षण के समय डीएफओ दीपचंद आर्य, मुख्य विकासअधिकारी पीसी डंडरियाल, सीएमओ डॉ डीपी जोशी, वरिष्ठ कोषाधिकारी बालकराम, परियोजना निदेशक संजय सिंह, सीवीओ डॉ प्रलंयकर नाथ, अधिशासी अभियंता लोनिवि धीरेंद्र सिंह, सुरेश तोमर, मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल भंडारी, डीएसओ गोपाल मटूड़ा, अधिशासी अभियंता आरईएस विभू विश्वमित्र रावत, अपर संख्या अधिकारी राजीव शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।