मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने हाल ही में उत्तराखण्ड में चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में आई आपदा से हुई जनधन की हानि और इसके बाद संचालित सर्च व रेस्क्यू आपरेशन के साथ ही राहत कार्यों के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने आपदा में तत्काल सहायता के लिए प्रधानमंत्री जी और केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि आपदा प्रभावित 13 गांवों में जल व विद्युत व्यवस्था सुचारू कर दी गई है। तीन गांवों में आवागमन के लिए ट्राली संचालित कर दी गई है। समुचित मात्रा में राशन प्रदान किया जा रहा है। ऋषिगंगा आपदा के तुरंत बाद इसरो, डीआरडीओ, आईआईआरएस, एसएएसई, वाडिया इंस्टीट्यूट, जीएसआई व सेंट्रल वाटर कमीशन के वैज्ञानिकों द्वारा स्थलीय सर्वेक्षण किया गया। ऋषिगंगा के मुहाने पर अस्थायी रूप से बनी झील की वैज्ञानिकों द्वारा निरंतर निगरानी की जा रही है। झील से निकासी को और बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में उत्तराखण्ड हिमनद एवं जल संसाधन केंद्र बनाए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कुम्भ मेले के साथ ही श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी विस्तार से जानकारी दी। राज्यों के वित्तीय संसाधनों से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री ने वन भूमि हस्तान्तरण के मामलों में राज्य सरकार की परियेजनाओं को केंद्र सरकार की परियोजनाओं की भांति डिग्रेडेड फोरेस्ट पर क्षतिपूरक वृक्षारोपण किए जाने की नीति की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री रेल, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण श्री पीयूष गोयल से भेंट की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में रेल कनेक्टिवीटी के विकास के लिए रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर रेल मंत्री ने टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन के फाइनल लोकेशन सर्वे की स्वीकृति दी। रेल मंत्री ने हरिद्वार-रायवाला सेक्शन में वर्तमान सिंगल रेल लाईन के दोहरीकरण और देहरादून व योगनगरी ऋषिकेश के मध्य सीधी रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए लक्सर की भांति रायवाला स्टेशन से पहले डायवर्जन लाईन के निर्माण पर स्वीकृति देते हुए रेलवे के अधिकारियों को तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सुझाव पर पुराने ऋषिकेश स्टेशन के वाणिज्यिक उपयोग के लिए रेलवे के अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने को निर्देशित किया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में स्विटजरलैण्ड की तर्ज पर रेलवे और रोप-वे बनाने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा अध्ययन कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के अनुरोध पर केन्द्रीय मंत्री ने विकेंद्रीकृत खरीद प्रणाली के अंतर्गत उत्तराखण्ड के सब्सिडी के बकाया 640 करोड़ रूपये की राशि अवमुक्त करने के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देशित किया
मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भेंट की। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को देहरादून में प्रस्तावित कोस्ट गार्ड रिक्रूटमेंट सेंटर की अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि कुंआवाला में कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर के लिए रक्षा मंत्रालय को सशुल्क भूमि प्रस्तावित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के निकट चौखुटिया में हवाई पट्टी बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। गैरसैंण के समीप होने के साथ ही सामरिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। मुख्यमंत्री ने धारचूला से लिपुलेख तक सड़क सम्पर्क स्थापित कर मानसरोवर यात्रा के लिए लिंक रोड शुरू किए जाने पर रक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया। दोनों के मध्य रूद्रप्रयाग जिले में सैनिक स्कूल स्थापित किए जाने पर भी चर्चा हुई। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा में उत्तराखण्ड के जवानों का हमेशा बड़ा योगदान रहा है। केन्द्र द्वारा उत्तराखण्ड को हर सम्भव सहयोग दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को जोशीमठ क्षेत्र में आपदा के बाद संचालित राहत व बचाव कार्यों की भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द सिंह रावत ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री, सडक परिवहन और राजमार्ग ,श्री नितिन गडकरी से भेट की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में रोड़ कनेक्टीवीटी के विकास में महत्वपूर्ण सहयोग के लिए केंद्रीय मंत्री का बहुत आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने आईएसबीटी, देहरादून बस अड्डा की सडक परियोजना के लिए 48 करोड रूपए की स्वीकृति पर सहमति दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रूद्रप्रयाग टनल निर्माण के लिए लगभग 225 करोड़ रूपए स्वीकृत हो गए हैं, इस पर आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड में नए राष्ट्रीय राजमार्ग में बाईपास की गई पुरानी सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए भी 69 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने हरिद्वार-देहरादून एनएच पर जोगीवाला में जाम की समस्या को दूर करने पर सहमति व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से इसका प्रस्ताव जल्द भेजने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-भानियावाला मोटर मार्ग चारधाम यात्रा में शोर्ट लिक मार्ग है। जौलीग्राट एयरपोर्ट भी ऋषिकेश भानियावाला के मध्य स्थित है । वर्तमान में यह केवल दो लेन मार्ग है। इस मार्ग के व्यापक महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्रीय सङक व अवस्थापना निधि के अंतर्गत मंत्रालय को प्रेषित 219 करोड़ रूपए के प्रस्तावों की शीघ्र स्वीकृति का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में 6 राजमार्गो (कुल लम्बाई 524 किमी) को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-नैनीडाडा-मोहन- रानीखेत(274किमी), पाण्डुआखाल -नागचूलाखाल उफरैखाल-बैजरो (64 किमी), खैरना-रानीखेत (34 किमी). बुआखाल-देवप्रयाग (49 किमी). देवप्रयाग-गजा-खाड़ी (70 किमी), बिहारीगढ़-रोशनाबाद (33 किमी) शामिल है मुख्यमंत्री ने इन्हें जल्द से जल्द राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का अनुरोध किया।
बैठक में उत्तराखण्ड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव श्रीमती राधिका झा, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डा पराग मधुकर धकाते व केंद्र सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।
श्री त्रिवेन्द सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री, सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, श्री नितिन गडकरी से भेट की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में रोड़ कनेक्टीवीटी के विकास में महत्वपूर्ण सहयोग के लिए केंद्रीय मंत्री का बहुत आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने आईएसबीटी, देहरादून बस अड्डा की सडक परियोजना के लिए 48 करोड रूपए की स्वीकृति पर सहमति दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रूद्रप्रयाग टनल निर्माण के लिए लगभग 225 करोड़ रूपए स्वीकृत हो गए हैं, इस पर आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड में नए राष्ट्रीय राजमार्ग में बाईपास की गई पुरानी सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए भी 69 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने हरिद्वार-देहरादून एनएच पर जोगीवाला में जाम की समस्या को दूर करने पर सहमति व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से इसका प्रस्ताव जल्द भेजने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-भानियावाला मोटर मार्ग चारधाम यात्रा में शोर्ट लिक मार्ग है। जौलीग्राट एयरपोर्ट भी ऋषिकेश भानियावाला के मध्य स्थित है । वर्तमान में यह केवल दो लेन मार्ग है। इस मार्ग के व्यापक महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्रीय सङक व अवस्थापना निधि के अंतर्गत मंत्रालय को प्रेषित 219 करोड़ रूपए के प्रस्तावों की शीघ्र स्वीकृति का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में 6 राजमार्गो (कुल लम्बाई 524 किमी) को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-नैनीडाडा-मोहन- रानीखेत(274किमी), पाण्डुआखाल -नागचूलाखाल उफरैखाल-बैजरो (64 किमी), खैरना-रानीखेत (34 किमी). बुआखाल-देवप्रयाग (49 किमी). देवप्रयाग-गजा-खाड़ी (70 किमी), बिहारीगढ़-रोशनाबाद (33 किमी) शामिल है मुख्यमंत्री ने इन्हें जल्द से जल्द राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का अनुरोध किया।
बैठक में उत्तराखण्ड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव श्रीमती राधिका झा, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डा पराग मधुकर धकाते व केंद्र सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से भेंट की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में 6 सीवेज शोधन संयंत्र और सीवर लाईन (अनुमानित लागत 228 करोड़ 40 लाख रूपये) के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखंड में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर 8 स्नान व मोक्ष घाट (अनुमानित लागत 22 करोड़ 04 लाख रूपये) के प्रस्ताव को भी स्वीकृति देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लखवाड़ परियोजना पर कैबिनेट क्लियरेंस व किसाऊ परियोजना पर राज्यों के बीच में समझौता भी जल्द ही हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र पोषित बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत 1108 करोड़ 38 लाख रूपये की 38 बाढ़ सुरक्षा योजनाओं को वर्ष 2014-15 व 2015-16 में भारत सरकार द्वारा टेक्नो इकोनोमिक क्लीयरेंस प्रदान की जा चुकी है। अब इनके इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस की स्वीकृति अपेक्षित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक निर्माण लागत को देखते हुए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हर खेत को पानी की वर्तमान गाइडलाइन के अनुसार 2.5 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर की लागत को बढ़ाकर 4 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर किया जाए। जब तक ऐसा नहीं हो जाता है तब तक राज्य सरकार को 2.5 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर से अधिक की लागत को स्वयं वहन करने की अनुमति दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अतिवृष्टि व दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त सिंचाई योजनाओं के जीर्णोद्धार, पुनरोद्धार व सुदृढ़ीकरण को भी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-हर खेत को पानी में शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-हर खेत को पानी के अंतर्गत उत्तराखंड में 349 करोड़ 39 लाख रूपये लागत की 422 नयी योजनाओं का प्रस्ताव भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने इनकी स्वीकृति का अनुरोध किया। राज्य में जल जीवन मिशन की प्रगति के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को जलशक्ति मंत्रालय से हर सम्भव सहयोग दिए जाने के प्रति आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य से संबंधित सभी लम्बित मामलों का एक माह में निस्तारण कर दिया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को वीर दुर्गादास की प्रतिमा भी भेंट की।
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मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में कृषि अवसंरचना निधि के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गयी। बैठक में सचिव श्री हरबंस सिंह चुघ ने बताया कि प्रधानमंत्री-किसान योजना के तहत अच्छा कार्य करने वाले जनपदों में राज्य की तीन जनपदों को विभिन्न मापदण्डों के आधार पर प्रधानमंत्री-किसान योजना की द्वितीय वर्षगांठ के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा। बताया गया कि पर्वतीय राज्यों की श्रेणी में Aadhar Authenticated and Farmers Paid (Weighted Average) के लिए जनपद उधमसिंहनगर, Grievance Redressal के लिए जनपद नैनीताल एवं Physical verification के लिए जनपद देहरादून को सम्मानित किया जाएगा।
मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने कृषि अवसंरचना निधि के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि इस वित्तीय वर्ष हेतु निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के लिए तेजी से कार्य किया जाए। उन्होंने सभी जनपदों को अपने प्रस्तावों की डीपीआर मार्च 2021 के प्रथम सप्ताह तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन्नोवेटिव प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दिए जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रोथ सेंटर्स को डेवेलप करने में यह योजना काफी कारगर सिद्ध होगी। उन्होंने सभी जनपदों को ग्रोथ सेंटर्स पर फोकस किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बड़े प्रोजेक्ट्स पर अधिक फोकस किया जाए। हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर जनपद में बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। पौड़ी जनपद को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए दिए गए रू0 1.89 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष रू0 4.67 करोड़ के प्रस्ताव भेजने की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि जो जनपद अच्छा कार्य कर रहे हैं, उनके लिए निर्धारित लक्ष्यों को बढ़ाया जाए।
सचिव कृषि श्री चुघ ने बताया कि कृषि अवसंरचना निधि के तहत फसलों की कटाई के बाद फसलों के प्रबन्धन अवसंरचना और सामुदायिक खेती की सम्पत्ति के लिए गोदामों, छंटाई-ग्रेडिंग इकाईयां, पैक हाऊसों का निर्माण, लॉजिस्टिक्स और कोल्ड चेन, वेयर हाऊसों की स्थापना आदि के लिए ऋण सुविधा प्रदान की जाती है। योजना में ऋण पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट की सुविधा 7 वर्षों तक उपलब्ध रहेगी। 2 करोड़ तक के ऋण के लिए ऋण गारण्टी लागत सरकार द्वारा व्यय की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के लिए उत्तराखण्ड राज्य के लिए रू0 157 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार एवं कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी जनपदों से जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।
विकास भवन सभागार पौड़ी में जिलाधिकारी डाॅ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में डी.सी.सी./डी.एल.आर.सी. की बैठक हुई। बैठक में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित महत्वकांक्षी ऋण योजनाओं के अन्तर्गत बैंक शाखाओं को प्रेषित आवेदनों की अद्यतन प्रगति पर विस्तृत जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारी एवं बैंकर्स को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। सीडी रैशियों को लेकर कम प्रगति वाले बैंक के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी डीएलआरसी की बैठक में अपर जिलाधिकारी को भी बुलाना सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी डाॅ. जोगदण्डे ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अन्तर्गत कार्य प्रगति की जानकारी ली, जिस पर महाप्रबन्धक उद्योग विभाग तथा एलडीएम पौड़ी ने अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष में प्राप्त भौतिक लक्ष्य 98 के सापेक्ष 128 निस्तारित किये गये। समीक्षा के दौरान एनआरएलएम के संबंधित अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि वार्षिक लक्ष्य 1100 के सापेक्ष 1050 आवेदन स्वीकृत किये गये। वहीं एनयूएलएम(राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन) के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि प्राप्त वार्षिक लक्ष्य 109 के सापेक्ष 113 आवेदन बैंकों को प्रेषित किये गये, जिनमें से 61 का निस्तारण किया गया। जबकि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत प्राप्त भौतिक लक्ष्य 531 के सापेक्ष 332 का निस्तारण किया गया है, जिसको लेकर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी एवं बैंकर्स को शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिये। एससीपी की समीक्षा में जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं एलडीएम ने अवगत कराया कि लक्ष्य 11 के सापेक्ष 48 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं।
जिलाधिकारी डाॅ. जोगदण्डे ने वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना में गैर वाहन मद में कम प्रगति पर संबंधित अधिकारी एवं बैंकर्स को कार्यों में तेजी लाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। कहा कि आपस बेहतर सांमजस्य स्थापित करते हुए प्राप्त लक्ष्य से अधिक प्रगति करना सुनिश्चित करें। वहीं होमस्टे योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने जिला पर्यटन विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि बैंकर्स को शासन द्वारा नये शासनादेश की पत्रावली प्रेषित करना सुनिश्चित करें, जिससे लाभार्थियों को भूमि संबंधी मामलों में सुगमता मिल सके। अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत वार्षिक लक्ष्य 250 के सापेक्ष 306 आवेदन स्वीकृत तथा 210 को ऋण वितरण किया गया है, जिस पर जिलाधिकारी ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु सरकार की महत्वपूर्ण योजना में तेजी लाने के निर्देश दिये। साथ ही जीएम डीआईसी को मुख्य विकास अधिकारी, एलडीएम एवं संबंधित बैंकर्स के साथ अलग से समीक्षा बैठक आयोजित कराने के निर्देश दिये।
केसीसी(किसान के्रडिड कार्ड) की समीक्षा के दौरान संबंधित बैंकर्स को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। सीडी रैशियों के अन्तर्गत एक्सेस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, सीबीआई, एसबीआई एवं पीएनबी व कैनरा बैंकों की कम प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, एपीडी संजीव कुमार राय, एलडीएम अनिल कटारिया, महाप्रबन्धक उद्योग केन्द्र कोटद्वार मृत्युजंय सिंह, जिला पर्यटन विकास अधिकारी के.एस. नेगी, मुख्य प्रबन्धक सुशांत गोयल, महाप्रबन्धक डाॅ. मनोज कुमार, ईओ नगरपालिका प्रदीप बिष्ट, क्षेत्रीय प्रबन्धक यूजीबी के.सी. बिष्ट, बैंक मैनजर यूको श्वेता रावत सहित संबंधित अधिकारी एवं बैंकर्स आॅफिसर उपस्थित थे।