I2U2 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संबोधन# राज्यपाल ने गुजरात के अहमदाबाद स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल मैमोरियल व आनन्द में अमूल को-ऑपरेटिव डेयरी का भ्रमण किया।# 18 वर्ष से ऊपर पात्र लाभार्थियों को अब निःशुल्क लगेगी कोविड प्रीकॉशन डोज़ #नमामि गंगे योजना के तहत तीन प्रोजेक्टों के लिए केन्द्र द्वारा वित्तीय सहायता मिलने पर मुख्यमंत्री ने आभार प्रकट किया #अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग द्वारा 13 जनपद में 34 फायर स्टेशन संचालित।www.Janswar.com

-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

 

Your Excellency, प्रधानमंत्री लापीद,

Your Highness, शेख़ मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नहयान,

Your Excellency, राष्ट्रपति बायडन,

सबसे पहले प्रधानमंत्री लापीद को प्रधान मंत्री का कार्यभार ग्रहण करने के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ।

आज की समिट की मेजबानी करने के लिए भी मैं उन्हें ह्रदय से धन्यवाद करता हूँ।

यह सही मायने में स्ट्रेटेजिक पार्टनर्स की मीटिंग है।

हम सभी अच्छे मित्र भी हैं, और हम सभी के दृष्टिकोण में, हमारे interests में भी समानता है।

Excellencies, Your Highness,

आज की इस पहली समिट से ही “आई-टू-यू-टू” ने एक सकारात्मक एजेंडा स्थापित कर लिया है।

हमने कई क्षेत्रों में Joint Projects की पहचान की है, और उनमें आगे बढ़ने का रोडमैप भी बनाया है।

“आई-टू-यू-टू” फ्रेमवर्क के तहत हम जल, ऊर्जा, परिवहन, स्पेस, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में Joint Investment बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं।

यह स्पष्ट है कि “आई-टू-यू-टू” का विजन और एजेंडा प्रोग्रेसिव और प्रैक्टिकल है।

अपने देशों की परस्पर strengths – Capital, Expertise और Markets – को मोबिलाईज करके हम अपने agenda को गति दे सकते हैं, और वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

बढ़ती हुई वैश्विक अनिश्चिताओं के बीच हमारा कॉपरेटिव फ्रेमवर्क व्यावहारिक सहयोग का एक अच्छा मॉडल भी है।

मुझे पूरा विश्वास है कि “आई-टू-यू-टू” से हम वैश्विक स्तर पर Energy Security, Food Security और Economic Growth के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।

धन्यवाद

*******

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने अपने गुजरात दौरे के दौरान अहमदाबाद स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल मैमोरियल का भ्रमण किया। अहमदाबाद में स्थित इस मैमोरियल में लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन वृत्त को दर्शाया गया है। मैमोरियल के बेसमेंट में एक नई वॉक-इन प्रदर्शनी लगाई गयी है, जो आगंतुकों को सरदार के व्यक्तित्व और एक सत्याग्रही से लेकर राष्ट्रीय नेता और राजनेता तक की उनकी यात्रा के बारे में जानकारी देती है।

राज्यपाल ने कहा यह मैमोरियल सरदार वल्लभ भाई द्वारा राष्ट्र के प्रति किये गये कार्यों के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचाएगा। विशेषकर युवा उनके व्यक्तित्व से प्रेरित होकर उनके आर्दशों पर चलेंगे। उन्होंने कहा की सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन और कार्य सभी के लिए प्रेरणा हैं।

इस दौरान उन्होंने आनन्द में अमूल को-ऑपरेटिव डेयरी का भ्रमण किया। उन्हांने अमूल डेयरी और अमूल चॉकलेट प्लांट का दौरा किया। श्री. रामसिंह परमार, अध्यक्ष, अमूल डेयरी ने अमूल की विभिन्न गतिविधियों और पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में अमूल द्वारा की गई नई पहलों की जानकारी दी।

राज्यपाल ने अमूल द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण में उपयोग की जाने वाली अत्याधुनिक तकनीक से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि अमूल द्वारा दूध की आवाजाही के लिए नवोन्मेषी तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है जो सराहनीय है।

राज्यपाल ने कहा की देवभूमि उत्तराखण्ड में भी समृद्धि और विकास को जोड़कर ऐसी पहल एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। उन्होंने कहा की अमूल सहकारी समिति ने दुग्ध उत्पादों के ब्रांडिंग को कुशल प्रबंधन के ज़रिए विकसित कर विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर लाखों डेयरी किसानों की कठिनाइयों को कम किया है जो प्रशंसनीय है।

*******

उत्तराखण्ड राज्य में नमामि गंगे परियोजना के तहत् गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण एवं गंगा तटों पर जनसुविधा विकसित किये जाने हेतु लगभग 25 करोड़ की लागत की 03 परियोजनाओं को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की 43वीं कार्यकारी समिति की बैठक में सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी  ने  इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी  व केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत  का आभार व्यक्त किया है।

******

18 वर्ष से ऊपर पात्र लाभार्थियों को अब निःशुल्क लगेगी कोविड प्रीकॉशन डोज़

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भारत सरकार द्वारा कोविड वैक्सीन अमृत महोत्सव का आयोजन 15 जुलाई से आगामी 75 दिनों तक पूरे प्रदेश भर में चलाया जाएगा

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश वासियों से प्रीकॉशन डोज लगवाने की अपील की

आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनज़र भारत सरकार द्वारा कोविड वैक्सीन अमृत महोत्सव का आयोजन 15 जुलाई से आगामी 75 दिनों तक पूरे प्रदेश भर में चलाया जाएगा। इसमे
18 वर्ष से ऊपर पात्र लाभार्थियों को अब निःशुल्क कोविड प्रीकॉशन डोज़ लगेगी।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के विरूद्ध लड़ाई में वैक्सीनेशन ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है, सभी प्रदेशवासी जो भी 18 वर्ष से ऊपर है वो सभी कोविड प्रीकॉशन डोज अभियान का हिस्सा बनकर कोविड वैक्सीन अवश्य लगवाएं और अन्य लोगों को भी प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में हमने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना महामारी का डटकर मुकाबला किया। उनके नेतृत्व में भारत में कोविड वैक्सीनेशन का महाअभियान चलाया गया, साथ ही मानवता का परिचय देते हुए दुनिया भर में भारत द्वारा वैक्सीन बांटने का कार्य भी किया गया। कोरोना महामारी कम अवश्य हुई है परन्तु अभी खत्म नही हुई है, अभी भी बचाव, जागरूकता, साफ-सफाई एवं वैक्सीनेशन द्वारा ही इससे बचा जा सकता है।
कोविड प्रीकॉशन डोज़ के महाअभियान के विषय में जानकारी देते हुए  निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि 15 जुलाई से प्रदेश के सभी स्वास्थ्य ईकायों में 18 वर्ष की आयु से ऊपर उन लोगों को जिनको कोविड की दूसरी डोज़ लगे 6 महिने (26 हफ्ते) पूरे हो चुके हों को निःशुल्क बूस्टर/प्रीकॉशन डोज़ लगवाई जाएगी।
डॉ. नैथानी ने बताया की बूस्टर/प्रीकॉशन डोज़ निजी चिकत्सालयों में 386 रुपये प्रति डोज़ की लग रही थी वह अब सभी सरकारी स्वास्थ्य ईकायों में निशुल्क लगाया जाएगा। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है और सभी जनपदों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

वर्तमान में उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग में 13 जनपद में 34 फायर स्टेशन एवं 13 फायर यूनिट संचालित है। वर्तमान में मानसून सीजन एवं चारधाम यात्रा के दृष्टिगत समस्त फायर स्टेशन/ यूनिट के अधिकारी / कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत आपदा राहत एवं बचाव उपकरणों को क्रियाशील दशा में रखते हुये किसी भी दैवीय आपदा यथा भू-स्खलन बादल फटना, बाढ़, भूकम्प एवं अग्निकाण्ड आदि की घटनाओं के दौरान राहत एवं कार्यों को कुशलतापूर्वक सम्पादित किये जाने में सदैव तत्पर रहते हैं।

*******
उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग के अधिकारी / कर्मचारी घटनास्थल पर पहुँचकर First responder के रूप में अग्निशमन तथा राहत एवं बचाव का कार्य सम्पादित करते है साथ ही अग्निकाण्ड एवं आपदा से होने वाली हानि को कम करने के लिये समय समय पर जनपद के फायर स्टेशन / यूनिट के क्षेत्रान्तर्गत पड़ने वाले स्कूल / कॉलेज / ग्रामीण / संवेदनशील क्षेत्रों / वन पंचायत आदि में अग्निकाण्ड एवं आपदा के समय बरतने वाली सावधानियों के बारे में डैमोस्ट्रेशन देकर जागरूक किये जाने का कार्य करती है। फायर सीजन में अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग द्वारा मनाग्नि की घटनाओं को नियंत्रित किये जाने में अपना विशेष योगदान दिया जाता है।

वर्षा ऋतु में अतिवृष्टि होने के कारण राज्य के अधिकांश जनपदों में भू-स्खलन, बादल फटना, बाढ़, इत्यादि की घटनायें घटित होती रहती हैं जिस हेतु आपदा के दृष्टिगत राज्य के पर्वतीय जनपद में पड़ने वाले दूरस्थ क्षेत्रों में अति संवेदनशील / संवेदनशील स्थलों पर यथा जनपद- रूद्रप्रयाग में फाटा, अगस्तमुनी, एवं श्री केदारनाथ धाम, जनपद चमोली में गैरसैण एवं श्री बद्रीनाथ धाम, जनपद टिहरी में घनशाली जनपद पौड़ी में थलीसैंण, जनपद-देहरादून में त्यूनी जनपद उत्तरकाशी में चिन्यालीसौड हैलीपैड, मोरी, पुरोला, नौगाँव जनपद-टिहरी में घनसाली, जनपद- पिथौरागढ में डीडीहाट एवं धारचूला जनपद बागेश्वर में गरूड एवं कपकोट आदि स्थलों पर प्रशिक्षित अग्निशमन कर्मियों मय आपदा राहत एवं बचाव उपकरणों सहित फायर यूनिट की तैनाती की गयी है, जो निरंतर जनपद मुख्यालय के फायर स्टेशन के सम्पर्क में रहते हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर जनपद मुख्यालय के फायर स्टेशन से सम्बन्धित फायर यूनिट को तत्काल सहायता पहुँचाई जा सके, वर्तमान में जनमानस द्वारा भी उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा के कर्मियों द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में दिये जाने वाले विशेष योगदान विशेषकर राहत बचाव एवं जीव रक्षा सम्बन्धी कार्यों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की जा रही है।
उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा द्वारा शिक्षण संस्थानों, व्यवसायिक भवना, औद्योगिक भवनों, अपार्टमेन्टस आदि के फायर रिस्क निरीक्षण / ऑडिट का कार्य भी सम्पादित किया जाता है, जिससे किसी भी प्रकार की अग्निकाण्ड घटित होने की दशा में अग्निसुरक्षा व्यवस्थाओं गथा फायर फाईटिंग मशीन / उपकरणों का सही समय पर सदुपयोग किया जा सके तथा आग से होने वाली जान-माल की क्षति को रोका जा सके अथवा कम किया जा सके।

उक्त के अतिरिक्त अग्निशमन एवं आपात सेवा द्वारा संवेदनशील भवनों यथा राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, सचिवालय, विधानसभा, राजकीय कार्यालयों / मुख्यालयों आदि का समय-समय पर फायर रिस्क निरीक्षण / ऑडिट किया जाता है तथा आवश्यकतानुसार अग्निशमन सेवायें प्रदान की जाती है।