सरकार ने निरस्त की डॉ. आफताब अहमद की नियुक्ति, जांच में फर्जी दस्तावेजों की पुष्टि। WWW.JANSWAR.COM

सरकार ने निरस्त की डॉ. आफताब अहमद की नियुक्ति, जांच में फर्जी दस्तावेजों की पुष्टि।

विथ्याणी (पौड़ी गढ़वाल):- महायोगी गुरु गोरखनाथ डिग्री कॉलेज, विथ्याणी के पूर्व प्राचार्य डॉ. आफताब अहमद की नियुक्ति को सरकार ने रद्द कर दिया है। उच्च शिक्षा विभाग ने उनके अनुभव प्रमाणपत्रों को भ्रामक, संदिग्ध और अपर्याप्त मानते हुए यह कार्रवाई की है। इसके साथ ही 2015 से 2017 तक प्राचार्य पद पर नियुक्ति अवधि के दौरान प्राप्त समस्त वेतन की रिकवरी के आदेश भी जारी किए गए हैं।उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि डॉ. अहमद 2 जुलाई 2025 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। हालांकि, हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद वर्ष 2019 से चल रही जांच में उनकी नियुक्ति को नियमविरुद्ध पाया गया।निदेशालय की जांच में फर्जी प्रमाणपत्र सामने आएकॉलेज प्रबंध समिति के निर्णय के विरोध में डॉ. अहमद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट के आदेशानुसार 13 दिसंबर 2019 को उन्हें हल्द्वानी स्थित निदेशालय में अटैच कर जांच प्रारंभ की गई।उच्च शिक्षा निदेशक की 30 अप्रैल 2025 को शासन को भेजी गई रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि डॉ. अहमद के अनुभव प्रमाणपत्र संदिग्ध, अपूर्ण और भ्रामक हैं। रिपोर्ट के आधार पर शासन ने उनकी 15 जुलाई 2015 की नियुक्ति तथा 25 जुलाई 2017 को प्राचार्य पद पर हुए समायोजन—दोनों को नियमविरुद्ध घोषित कर दिया।

शासन ने वेतन रिकवरी के साथ आगे की कानूनी कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए हैं।कॉलेज की स्थापना में सीएम योगी की भूमिकापौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ डिग्री कॉलेज की स्थापना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से हुई थी। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद 25 मई 2017 को तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने कॉलेज को अनुदान सूची में शामिल किया और 29 सितंबर 2017 को इसका प्रांतीयकरण किया गया। इसके बाद कॉलेज के कर्मचारियों के वेतन-भत्तों का दायित्व राज्य सरकार के अधीन आ गया।