भाई बहन के अटूट स्नेह और प्रेम का प्रतीक भैया दूज। WWW.JANSWAR.COM

भाई बहन के अटूट स्नेह और प्रेम का प्रतीक भैया दूज।

(अरुणाभ रतूड़ी):- भाई दूज के पावन अवसर पर भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का उत्सव मनाया जाता है। यह त्योहार दिवाली के बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है और इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। भाई दूज का विशेष महत्व है क्योंकि यह भाई-बहन के संबंधों को मजबूत बनाता है, जहां बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती है। वहीं, भाई अपनी बहन की सुरक्षा का वचन देते हैं और उन्हें उपहार देते हुए इस रिश्ते की मिठास को बनाए रखने का विश्वास देते हैं।इस दिन परिवार में प्रेम, विश्वास और अपनापन बढ़ता है। इसका धार्मिक आधार यमराज और यमुना जी की कथा में मिलता है, जिसमें यमराज ने अपनी बहन यमुना की सेवा और सम्मान के लिए वचन दिया था कि जो भाई इस दिन तिलक लगवाएगा उसकी बहन सदैव सुरक्षित रहेगी। इस प्रकार, भाई दूज केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम और सुरक्षा का गहरा प्रतीक भी है।भाई दूज पर बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर मिठाइयां खिलाती हैं और उनकी खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं। भाई भी अपनी बहन के प्रति अपने स्नेह और सम्मान का परिचय देते हैं। यह दिन भाई-बहन के रिश्ते में मधुरता और गहराई लाता है, जो जीवन भर अटूट रहता है।इस भाई दूज पर सभी भाई-बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं हैं कि उनका यह प्रेम और स्नेह अनंत काल तक बना रहे, उनके जीवन में खुशियां और सफलता बनी रहे।

इस भाई दूज पर सभी भाई-बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं, उनके जीवन में खुशहाली, सुरक्षा और प्रेम बना रहे।