आज करें मां चंद्रघंटा की पूजा, मिलेगी सभी बाधाओं से मुक्ति। WWW.JANSWAR.COM

मां चंद्रघंटा की कृपा से मिलता है सुख-समृद्धि और मन की शांति।

(अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर):- नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। उनका नाम ‘चंद्रघंटा’ इसलिए पड़ा क्योंकि उनके माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। यह अर्धचंद्र उनकी सुंदरता और शक्ति का प्रतीक है।

मां चंद्रघंटा का स्वरूप:- मां चंद्रघंटा का स्वरूप भव्य और तेजस्वी है। वह शेर पर सवार हैं, जो साहस और पराक्रम का प्रतीक है। उनके दस हाथ हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र जैसे तलवार, धनुष-बाण, गदा, त्रिशूल, कमल, जपमाला, शंख और अमृत कलश धारण किए हुए हैं। उनका एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है, जिससे वह अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। उनके घंटे की ध्वनि दुष्टों को भयभीत करती है और भक्तों को शांति प्रदान करती है।