द्वारा-अरुणाभ रतूड़ी
मुख्य सचिव नेअमृत योजनान्तर्गत गठित राज्यस्तरीय हाईपावर स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की।
मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश की अध्यक्षता में अमृत ( अटल मिशन ऑफ़ रेजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफोर्मेशन) योजनान्तर्गत गठित राज्य स्तरीय हाईपावर स्टीयरिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गयी।
बैठक मे अधीक्षण अभियंता शहरी विकास विभाग ने अर्बन योजना के अंतर्गत उत्तराखण्ड के 7 शहरों में पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज सिस्टम, पार्क इत्यादि बुनियादी सुविधायें सृजित करने के कार्यों की भौतिक और वित्तीय प्रगति से समिति को परफॉर्मेंस के माध्यम से अवगत कराया। उन्होंने अवगत कराया कि अमृत योजना के तहत देहरादून, हरिद्वार, रूड़की, काशीपुर, रूद्रपुर, हल्द्वानी और नैनीताल 7 शहरों में राज्य को प्राप्त प्रथम किस्त की धनराशि में से 303.37 करोड़ रूपये के कार्य पूर्ण करने के पश्चात् उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार को प्रेषित किये जा चुके हैं।
इस दौरान मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य उच्च स्तरीय अनुमोदन समिति द्वारा अमृत योजना के अन्तर्गत आगे होने वाले कार्यों के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। इस दौरान मुख्य सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि अनुमोदित प्रस्ताव शीघ्रता से भारत सरकार को प्रेषित किये जायें ताकि अमृत योजना के अंतर्गत आगे किये जाने वाले विकास कार्यों हेतु दूसरी किस्त भी शीघ्रता से प्राप्त हो सके।
इस दौरान बैठक में सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन, अधीक्षण अभियंता शहरी विकास विभाग रवि पाण्डेय सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।
नयी शिक्षा नीति 2000 क्रियान्वयन हेतु राज्य उच्च स्तरीय समिति की बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सम्पन्न।
मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु प्रस्तावित कार्य योजना के सम्बन्ध में राज्य उच्च स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में शिक्षा विभाग द्वारा नई शिक्षा नीति-2020 को प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा स्तर तीनों स्तरों पर क्रियान्वयन करने हेतु प्रस्तावित कार्ययोजना के सम्बन्ध में व्यापक विचार विमर्श किया गया तथा उपस्थित अधिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव भी साझा किये गये।
बैठक में मुख्य सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों को शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और रोजगार प्रदान किये जाने से सम्बन्धित नई शिक्षा के प्रावधानों को प्रथम चरण में लागू करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि शिक्षा की गुणवत्ता और सुधार से सम्बन्धित नई शिक्षा नीति में जो प्रावधान सहज है और जिनको व्यापक विचार विमर्श के बिना लागू किया जा सकता है उन पर कार्य प्रारंभ कर दें, बाकि ऐसे प्रावधान जिस पर व्यापक विचार-विमर्श की आवश्यकता है उनको आगे विचार विमर्श के लिए रखे जाएं।
मुख्य सचिव ने अगली बैठक में नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप शिक्षा को ढालने तथा उसकी अवसरंचना तैयार करने के लिए सरकारी और गैर सरकारी शिक्षाविदों को भी बैठक में आमंत्रित करने को कहा। उन्होंने शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप पहले चरण में विभिन्न निकायों, समितियों और उप समितियों के गठन की रूपरेखा तैयार करने तथा शिक्षा नीति के मुख्य प्रावधानों के अनुपालन हेतु विस्तृत होमवर्क करने के निर्देश दिये।
उन्होंने विभिन्न कार्यों के संचालक हेतु आवश्यकतानुसार समितियों और उप समितियों का गठन करने को कहा। ये समितियां शिक्षा नीति के विभिन्न प्रावधानों पर व्यापक विचार विमर्श करते हुए उसके बेहतर क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव शिक्षा श्री आर0मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव श्री हरवंश सिंह चुग, निदेशक अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान सीमा जौनसारी सहित सम्बधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे
एम्स ऋषिकेश में नेत्रदान की सुविधा पुन: प्रारम्भ ।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में गतवर्ष 2020 में लाॅकडाउन के मद्देनजर स्थगित की गई नेत्रदान की सुविधा को फिर से शुरू कर दिया गया है। बीते अक्टूबर माह से अब तक एम्स के आई बैंक में 13 लोगों के संकल्प के तहत आंखें दान की गई हैं, जिनसे 19 लोगों का जीवन रोशन हुआ है।
मार्च 2020 में विश्वव्यापी कोविड19 महामारी के मद्देनजर देशभर में लाॅकडाउन के बाद एम्स ऋषिकेश के नेत्र कोष विभाग में काॅर्निया प्रत्यारोपण की प्रक्रिया भी स्थगित कर दी गई थी। यह सुविधा सितंबर 2020 महीने तक स्थगित रखी गई। मगर इसके बाद हालात सामान्य होने पर अक्टूबर माह से इसे फिर से शुरू कर दिया गया। तब से अब तक एम्स स्थित नेत्र विभाग के आई बैंक में 13 लोगों के नेत्रदान महादान के संकल्प के तहत आंखें दान कर 19 लोगों को जीवन ज्योति प्रदान की गई।
निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में स्थापित आई बैंक में कोई भी व्यक्ति अपनी आंखें दान कर सकता है। इस प्रक्रिया में किसी भी उम्र तक का व्यक्ति प्रतिभाग कर नेत्र दान जैसे पुण्यकार्य का प्रतिभागी बन सकता है।
गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश में लोगों को नेत्र दान जैसे पुनीत कार्य के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से नेत्र कोष आई बैंक की स्थापना 26 अगस्त 2019 को की गई थी। जिसमें लगभग डेढ़ वर्ष में एम्स आई बैंक के माध्यम से काॅर्निया प्रत्यारोपण के बाद 92 लोगों को जीवन ज्योति प्राप्त हो चुकी है। इस बाबत संस्थान के नेत्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजीव मित्तल ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में काॅर्निया प्रत्यारोपण की सभी विश्वस्तरीय आधुनिकतम सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि आंखें दान करने के इच्छुक व्यक्ति अपने इस संकल्प को साकार करने के एम्स आई बैंक में सीधे संपर्क कर अथवा ’ऋषिकेश आई बैंक’ से ऑनलाइन जुड़कर इस महान कार्य में योगदान कर सकता है। आंखें दान करने को इच्छुक व्यक्ति ऋषिकेश आई बैंक के 90685 63883 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि एम्स संस्थान में संचालित काॅर्निया प्रत्यारोपण प्रक्रिया में कोविड19 गाइडलाइन का पूरा पालन करते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है।