समाचार प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी
मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना शुरू, सोलर फार्मिंग से मिलेगा स्वरोजगार
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने योजना का किया शुभारम्भ।
25-25 किलोवाट की 10 हजार परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के सभी लाभ मिलेंगे।
सोलर फार्मिंग द्वारा स्वरोजगार के लिए उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का विधिवत शुभारम्भ हो गया है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार मे आयेजित कार्यक्रम में योजना का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के एक अंग के रूप में संचलित इस योजना में 10 हजार युवाओं व उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी। प्रदेश के युवाओं और वापिस लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना योजना का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में मिलने वाले सभी लाभ इस योजना के विकासकर्ताओं को भी अनुमन्य होंगे।
बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका, जिलाधिकारी बैंकों से समन्वय बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों की इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। जिलाधिकारी बैंकों से लगातार सम्पर्क और समन्वय बनाए रखें। स्वरोजगार योजनाओं को सकारात्मक तरीके से लिए जाने की जरूरत है। डीएलसीसी बैठकों में स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता से हो। हम सभी का दायित्व है कि युवा बिना किसी परेशानी के स्वरोजगार योजनाओं से लाभ उठा सकें।
भू-परिवर्तन में एक सप्ताह से अधिक समय न लगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के आवेदन की प्रक्रिया को सरलतम रखा जाए। भू- परिवर्तन में एक सप्ताह से अधिक नहीं लगना चाहिए। इससे अधिक समय लगने पर संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो टार्गेट तय किए जाते हैं, वे निर्धारित समयावधि में जरूर पूरे हो जाने चाहिए। संबंधित अधिकारी योजना के प्रति पूरी तरह से समर्पित होकर काम करें। कोविड के कारण व्यर्थ चले गए चार माह की भरपाई अगले आठ माह में करनी है। इसलिए दोगुनी ऊर्जा से काम करना होगा।
स्वरोजगार और हरित ऊर्जा का उत्पादन मुख्य उद्देश्य
सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा ने बताया कि प्रदेश के युवाओं और वापिस लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना, योजना का लक्ष्य है। इसमें 25 किलोवाट क्षमता के ही सोलर प्लांट अनुमन्य किए जाएंगे। राज्य के स्थाई निवासी अपनी निजी भूमि या लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट की स्थापना कर सकते हैं।
इटीग्रेटेड फार्मिंग से होगी आय
इंटीग्रेटेड फार्मिंग की इस योजना में सोलर पैनल लगाने के साथ उसी भूमि पर मौन पालन, फल, सब्जी और जड़ी-बूटी आदि का उत्पादन भी किया जा सकता है। संयंत्र स्थापित की जाने वाली भूमि पर जलवायु आधारित औषधीय और स्कन्ध पादपों के बीज निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना में 10 हजार परियोजनाएं पात्र आवेदकों को आवंटित किए जाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए वर्षवार और जिलावार लक्ष्यां का निर्धारण एमएसएमई के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें एमएसएमई की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत अनुमन्य अनुदान और मार्जिन मनी व लाभ मिल सकेंगे। एमएसएमई के आनलाईन पोर्टल के माध्यम से इच्छुक पात्र व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं। इसमें शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं होगी। योजना का क्रियान्वयन उरेडा द्वारा किया जाएगा।
परियोजना के तकनीकी मानक
तकनीकी मानकों की जानकारी देते हुए बताया गया कि 25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र आवंटित किए जाएंगे। इसके लिए लगभग 1.5 से 2 नाली भूमि की आवश्यकता होगी। 40 हजार रूपए प्रति किलोवाट की दर से कुल लागत लगभग 10 लाख रूपए सम्भावित है। राज्य में औसतन धूप की उपलब्धता के आधार पर 25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र से पूरे वर्ष में लगभग 38 हजार यूनिट प्रतिवर्ष विद्युत उत्पादन हो सकता है। इस योजना के अंतर्गत यूपीसीएल द्वारा स्थापित 63 केवीए और इससे अधिक क्षमता के स्थापित ट्रांसफार्मर्स से पर्वतीय क्षेत्रों में 300 मीटर और मैदानी क्षेत्रों में 100 मीटर की हवाई दूरी (एरियल डिस्टेंस) तक सोलर पावर प्लांट आवंटित किए जाएंगे। इन ट्रांसफार्मर्स की सूची आनलाईन उपलब्ध कराई जा रही है। योजना के अंतर्गत आवंटित परियेजना से उत्पादित बिजली को यूपीसीएल द्वारा निर्धारित दरों पर 25 वर्षों तक खरीदी जाएगी। इसके लिए संबंधित लाभार्थी के साथ बिजली खरीद अनुबंध (पीपीए) किया जाएगा।
यूपीसीएल के साथ विद्युत क्रय अनुबंध
लाभार्थी सहकारी या किसी राष्ट्रीयकृत बैंक से ऋण ले सकता है। सहकारी बैंक द्वारा इस योजना के लिए 8 प्रतिशत की ब्याज दर पर 15 वर्षों के लिए ऋण दिया जाएगा। चयनित लाभार्थी को अपनी भूमि के भू-परिवर्तन के बाद मोर्टगेज करने के लिए लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। तकनीकी समिति द्वारा उपयुक्त पाए गए आवेदकों को परियोजना का आवंटन जिला स्तर पर करने के लिए जिलाधिकरी की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। पूरी प्रक्रिया में समय सीमा का विशेष ध्यान रखा गया है। परियोजना आवंटन पत्र मिलने के बाद लाभार्थी द्वारा यूपीसीएल के साथ विद्युत क्रय अनुबंध किया जाएगा। लाभार्थी द्वारा परियेजना आवंटन पत्र, यूपीसीएल के साथ अनुबंध की प्रति, और अन्य आवश्यक अभिलेख जमा कराने के सात दिन के भीतर महाप्रबंधक, जिला उद्योग संबंधित बैंक शाखा को अग्रसारित कर देंगे। इसके 15 दिनों के भीतर बैंक शाखा से स्वीकृति या अस्वीकृति सूचना लाभार्थी को बता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने किया संचार की नवीनतम प्रणाली क्यू.डी.ए का शुभारम्भ
दूरस्थ ग्रामों के नो सिंगल एरिया में संचार के लिए एसडीआरएफ द्वारा स्थापित किया गया है क्विक डिप्लोएबल एंटिना।
इस तकनीक का उपयोग करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य।
सचिवालय स्थित एसडीएमए, देहरादून उत्तराखंड कन्ट्रोल रूम से क्यू.डी.ए का शुभारम्भ कर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मलारी, गुंजी और त्यूणी के ग्रामीणों से बात की।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने संचार की नवीनतम प्रणाली क्यू.डी.ए का शुभारम्भ किया। इस तकनीक का उपयोग करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। दूरस्थ ग्रामों के नो सिंगल एरिया में संचार के लिए एसडीआरएफ द्वारा क्विक डिप्लोएबल एंटिना स्थापित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने एसडीएमए, देहरादून उत्तराखंड कन्ट्रोल रूम से प्रदेश के चमोली जिले के मलारी, पिथौरागढ़ जिले के गुंजी और देहरादून जिले के त्यूणी क्षेत्र के प्रधान और ग्रामवासियों से क्यूडीए से सम्पर्क स्थापित कर प्रणाली का उत्तराखण्ड में शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने एसडीआरएफ के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रणाली उत्तराखंड में किसी भी आपदा रूपी संकट के दौरान संजीवनी स्वरूप है जिसके दूरगामी परिणाम अत्यंत सुखद ओर लाभकारी होंगे। सभी ग्रामवासियों ने क्षेत्र को डिजिटल प्रणाली से जोड़ने ओर पूर्व में सेटेलाइट फोन वितरण के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। क्यूडीए से सम्पर्क के दौरान मलारी से श्री मंगल सिंह राणा, श्री शेर सिंह राणा, बच्चन सिह राणा, गुंजी से कुमारी लक्ष्मी, श्रीमती मानवती देवी, श्री संतोष सिंह और त्यूणी से मातवर सिह चैहान, श्री गोविंद शर्मा , श्रीमती अंजली गुसाईं, श्रीमती ममता सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
प्रदेश के सुदूरवर्ती एवमं सीमांत क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य के सभी जनपदों में संचार की दृष्टि से कमजोर क्षेत्रों में 248 सेटेलाइट फोन वितरित किये थे। इस काम को को गति और व्यापकता देते हुए एसडीआरएफ द्वारा नवीनतम टेक्नोलॉजी क्यू.डी.ए (क्विक डिप्लोएबल एंटिना) का क्रय किया गया। उत्तराखंड देश में प्रथम राज्य है जो इस प्रकार की टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहा है। वर्तमान में देश में एनडीआरएफ और पैरामिलेट्री फोर्सेस ही इसका उपयोग कर रहे हैं।
क्यूडीए एक प्रकार से नो सिंगल एरिया से संचार स्थापित करने की महत्तम ओर नवीनतम टेक्नोलॉजी है। इस प्रणाली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डेटा को भेजने के लिए 1.2 मीटर क्यू.डी.ए (वी.एस.ए.टी) एंटीना टर्मिनलों और 1.2 मीटर स्टेटिक (वी.एस.ए.टी बहुत छोटे एपेरचर टर्मिनल) एंटीना टर्मिनल का उपयोग होता है। यह विभिन्न वीसैट टर्मिनल के साथ उपग्रह आधारित संचार स्थापित करने में मदद करता है। वॉयस और वीडियो संचार को दूरस्थ से दूरस्थ वी.एस.ए.टी टर्मिनलों तक संप्रेषित किया जाता है। 1.2 मीटर क्यू.डी.ए वी.एस.ए.टी एक पोर्टेबल सिस्टम है जो अलग-अलग दूरस्थ क्षेत्रों में तुरंत स्थापित किया जा सकता है सकता है और किसी भी इलाके में स्थापित हो सकता है। साधारण तौर पर यह कह सकते है कि यह टेक्नोलॉजी किसी ऐसे क्षेत्र में जहां किसी प्रकार का संचार का साधन नही है, उपयोग करने पर तत्काल सेटेलाइट से सम्पर्क स्थापित कर लाइव ऑडियो ओर वीडियो कॉल की सुविधा देता है।
मुख्यमंत्री ने एचएनबी उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पटेलनगर स्थित हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की। विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2019-20 के कुल 922 अभ्यर्थियों को उपाधियां प्रदान की गई।
इस अवसर पर संजय गांधी पी.जी.आई.एम.एस लखनऊ के न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष (पद्मश्री) प्रो. सुनील प्रधान, एम्स जोधपुर के निदेशक प्रो. संजीव मिश्रा, भूतपूर्व कुलपति हेमवती नन्दन बहुगुणा, उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. सौदान सिंह एवं एम्स नई दिल्ली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी.के. शर्मा को ‘‘डी एस सी’’ की मानद उपाधि दी गई। चिकित्सा क्षेत्र में श्रेष्ठ शोध पत्र के लिए डॉ. प्रियंका चौरसिया, डॉ. स्मृति, डॉ. प्रेरणा सिंह एवं डॉ. दीपिका लोहानी को प्रो. (डॉ.) एन.सी.पंत पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेम चन्द्र द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘‘हेल्थ केयर डिलीवरी सिस्टम इन इंडिया’’ का विमोचन भी किया।
पौड़ी गढवाल समाचार
शासन के दिशा-निर्देशन में जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल ने जनपद के समस्त विभागाध्यक्ष/प्रमुख कार्यालयाध्यक्ष को अपने अधीनस्थ अधिकारी/कर्मचारियों को दिनांक 09 अक्टूबर, 2020 को पूर्वाह्न 11ः00 बजे वर्चुअल माध्यम/सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए प्रतिज्ञा/शपथ दिलाये जाने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा देश भर में जन जागरूकता अभियान चालाया जा रहा है। मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा चलाये गये इस जन जागरूकता अभियान को व्यापक रूप से सफल बनायें।
अपर जिलाधिकारी ने कार्यक्रमों के आउटपुट को लेकर ठोस रणनीति बनाने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने रख-रखाव दल बनाने के निर्देश दिये। कोविड-19 जागरूकता कार्यक्रम में युवाओं का बेहतर भागीदारी हेतु दिशा-निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि जनपद के समस्त विकासखण्डों में फिट इंडिया के तहत योग के नियमित कार्यक्रम किए जायें तथा योग के लिए एक नियमित समय निर्धारित कर कार्यक्रम को संचालित करें। कहा कि समस्त ब्लाकों में बैंक मित्र बनाये जाए, जिससे स्थानीय युवाओं को भी रोजगार मिल सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर में स्थापित वार रूम से आज दिनांक 08.10.2020 को समय 01ः30 बजे की रिर्पोट के अनुसार जनपद में आरटीपीसीआर, रेपिड एन्टीजन व ट्रूनेट रूप से 48570 सैम्पल जांच हेतु भेजे गये, जिनमंे से 42575 नेगेटिव, 3913 लम्बित, 1216 अस्वीकृत तथा 2082 कोरोना संक्रमित रोगी पाये गये। कोरोना संक्रमित 2082 में से 1498 स्वास्थ्य हो चुके है, जबकि 20 की मृत्यु हुई तथा 564 एक्टिव केस हैं। वर्तमान समय में 54 रोगी आइसोलेशन में भर्ती है, जिनमंे 15 बेस हाॅस्पिटल श्रीकोट तथा 39 बेस हाॅस्पिटल कोटद्वार में है। कोविड केयर सेंटर के अन्तर्गत 33 लोग हैं, जिनमंे 07 नर्सिंग काॅलेज डोबश्रीकोट, 20 सीसीसी कोड़िया कैम्प मंे, 06 गीता भवन स्वर्गाश्रम ट्रस्ट में है।