एम्स ऋषिकेश कार्डियो डायबिटिक सोसाइटी का 3 दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू। WWW.JANSWAR.COM

चिकित्सा शोध पर केंद्रित 3 दिवसीय सम्मेलन AIIMS ऋषिकेश में शुरू।

एम्स ऋषिकेश:- एम्स ऋषिकेश में बीते रोज कार्डियो डायबिटिक सोसाइटी के तत्वावधान में छठवां राष्ट्रीय अधिवेशन प्रारंभ हो गया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में मधुमेह रोगियों के लिए चिकित्सा, शोध और उपचार पर व्यापक मंथन किया जायेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा अपनी शोध और उपचार पद्वतियां प्रस्तुत की जायेंगी।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के मुख्य सभागार में आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक प्रो. आशुतोष विश्वास और एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह सहित अन्य अतिथियों ने संयु्क्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सम्मेलन के पहले दिन मेडिसिन के विशेषज्ञ चिकित्सकों और शोधकर्तााओं द्वारा डायबिटीज देखभाल में नवीनतम तकनीकी प्रगति और खोज पर व्यापक चर्चा की गयी। मुख्य अतिथि एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक प्रो. आशुतोष विश्वास ने कहा कि कार्डियोडायबेटिक बीमारियाँ चिकित्सा जगत के सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में डायबिटीज से प्रभावित देशों में अग्रणी है। ऐसे में हमें हृदय एवं मधुमेह संबंधी रोगों के लिए एक सशक्त निवारक रणनीति विकसित करने की आवश्कता है। प्रो. विश्वास ने बताया कि डायबिटीज के कारण बिना किसी स्पष्ट लक्षण के भी हृदयाघात की संभावना बनी रहती है। इस पर उन्होंने अनुसंधान एवं जागरूकता अत्यंत आवश्यकता बतायी।

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) मीनू सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र के शिक्षण और समग्र विकास के लिए ऐसे सम्मेलनों का आयोजन अत्यंत सहायक हैं। उन्होंने कहा कि व्यायाम, वजन नियंत्रण तथा निवारक एवं एकीकृत दृष्टिकोण से इन बीमारियों से निपटा जा सकता है। विभिन्न क्षेत्रों से आए मेडिसिन विशेषज्ञों ने सम्मेलन के दौरान कार्डियक ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी जैसे जटिल विषयों पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए अनुसंधान और इस प्रकार की वैज्ञानिक संस्थाएँ अत्यंत सहायक सिद्ध होंगी। सम्मेलन को संस्थान की डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्या श्री और मेडिसिन विभाग के हेड प्रो. रविकांत आदि ने भी संबोधित किया। कहा गया कि जन-जागरूकता, शिक्षा, अनुसंधान एवं समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से ही कार्डियोडायबेटिक रोगों पर प्रभावी नियंत्रण संभव है।

सम्मेलन में आयोजन अध्यक्ष व एम्स ऋषिकेश के सामान्य चिकित्सा विभाग के हेड प्रो. (डॉ.) रवि कांत, सह अध्यक्ष डॉ. वेंकटेश एस. पाई, कार्डियोडायबेटिक सोसायटी के सचिव डॉ. मुकेश बैरवा, सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ. अनिरुद्ध मुखर्जी सहित देश-विदेश से आए वरिष्ठ विशेषज्ञों ने विभिन्न शैक्षणिक सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को मधुमेह के बारे में नवीनतम चिकित्सा ज्ञान प्रदान किया। सम्मेलन में प्रो. डॉ. रजनीश जोशी, प्रो. ज्योति प्रकाश, डॉ. तनुज भाटिया, डॉ. शरून खंडराई, डॉ. दीपेश, डॉ. कपिल शर्मा, डॉ. डॉ. बालमुरुगेशन, डॉ. सीमा महंत, डॉ. रितु, डॉ. जितेश, डॉ. निधि केले, डाॅ. रोहित, डॉ. अनिकेता और डॉ. सुनील मिश्रा सहित विभिन्न प्रतिष्ठित स्वास्थ्य व चिकित्सा संस्थानों के अनेक विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल थे।