18वें गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट के पहले दिन 58 तथा दूसरे दिन 56गोल्फरों ने भाग लिया # केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री,मुख्यमंत्री व वनमंत्री ने राजाजी पार्क भ्रमण किया। # G-20 के लिए सजाये गये मुनि-की-रेती और लक्ष्मण झूला क्षेत्र व गंगा घाट#जिलाधिकारी गढ़वाल ने G-20 की तैयारियों की समीक्षा बैठक ली। #हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र देहरादून में देख सकेंगे उत्तराखंड की 26 जनवरी की झांकी। #सतरुद्रा ट्रस्ट ने तीन बच्चों की नेत्र चिकित्सा हेतु  तथा एक को पढ़ाई हेतु आर्थिक सहायता दी।www.janswar.com

18वें गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट के पहले दिन 58 तथा दूसरे दिन 56गोल्फरों ने भाग लिया 

राजभवन नैनीताल गोल्फ क्लब द्वारा आयोजित 18वें गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट के दूसरे दिन आज 03 युवा गोल्फरों सहित कुल 56 गोल्फरों ने अपने हाथ आजमाए। गौरतलब है कि शुक्रवार को टूर्नामेंट के पहले दिन 58 गोल्फरों ने इस टूर्नामेंट में प्रतिभाग किया।

राजभवन गोल्फ कोर्स में देश के विभिन्न हिस्सों से आए गोल्फर टूर्नामेंट में प्रतिभाग करने के साथ ही यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठा रहे हैं। गवर्नर्स  कप  गोल्फ टूर्नामेंट में प्रतिभाग कर रहे गोल्फरों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस तरह के गोल्फ कोर्स में खेलने का एक अलग ही आनंद है। यहां आकर वे गोल्फ के साथ-साथ यहां की प्राकृतिक खूबसूरती का भी आनंद ले रहे हैं। उन्होंने कहा यहां की व्यवस्थाओं और आवाभगत से वे सभी प्रभावित हुए हैं। प्रतिभाग कर रहे गोल्फरों ने कहा कि वे पिछले कई वर्षों से राजभवन गोल्फ कोर्स में खेल रहे हैं। यहां खेलकर उन्हें एक अलग ही अनुभूति होती है।

राजभवन नैनीताल गोल्फ क्लब द्वारा आयोजित 18वें गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट के दूसरे दिन आज 03 युवा गोल्फरों सहित कुल 18वें गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट के दूसरे दिन गौरतलब है कि शुक्रवार को टूर्नामेंट के पहले दिन 58 गोल्फरों ने इस टूर्नामेंट में प्रतिभाग किया।

राजभवन गोल्फ कोर्स में देश के विभिन्न हिस्सों से आए गोल्फर टूर्नामेंट में प्रतिभाग करने के साथ ही यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठा रहे हैं। गवर्नर्स  कप  गोल्फ टूर्नामेंट में प्रतिभाग कर रहे गोल्फरों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस तरह के गोल्फ कोर्स में खेलने का एक अलग ही आनंद है। यहां आकर वे गोल्फ के साथ-साथ यहां की प्राकृतिक खूबसूरती का भी आनंद ले रहे हैं। उन्होंने कहा यहां की व्यवस्थाओं और आवाभगत से वे सभी प्रभावित हुए हैं। प्रतिभाग कर रहे गोल्फरों ने कहा कि वे पिछले कई वर्षों से राजभवन गोल्फ कोर्स में खेल रहे हैं। यहां खेलकर उन्हें एक अलग ही अनुभूति होती है।

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केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री,मुख्यमंत्री व वनमंत्री ने राजाजी पार्क भ्रमण किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव एवं प्रदेश के वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने शनिवार को मोतीचूर रेंज में राजाजी नेशनल पार्क का भ्रमण किया। इस अवसर पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र से लाई गई एक बाघिन को राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर वन क्षेत्र में बाड़े से छोड़ा गया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा  कि राजाजी नेशनल पार्क का यह क्षेत्र पर्यटन हब बने, लोग यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने आएं, इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। आज राजाजी नेशनल पार्क के मोतीचूर रेंज में एक बाघिन को छोड़ा गया है। इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाए रखने एवं पर्यावरण के संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक श्री अनूप मलिक, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक श्री समीर सिन्हा उपस्थित थे।

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G-20 के लिए तैयार हुआ मुनि-की-रेती और लक्ष्मण झूला क्षेत्र

जानकी सेतु से लेकर गंगा घाटों को दिया गया नया लुक

विदेशी मेहमानों को उत्तराखंड की संस्कृति से रूबरू होने का मिलेगा मौका

एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने एमडीडीए द्वारा किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया

 24-25 मई को नरेंद्र नगर में होने जा रही दूसरी जी-20 बैठक के लिए मुनि-की-रेती और लक्ष्मण झूला क्षेत्र पूरी तरह से सज-धज कर तैयार हो चुका है। विदेशी मेहमान गंगा जी की शाम की आरती में शामिल होंगे तो कल-कल बहती गंगा के बीच उन्हें एक अलौकिक अनुभूति होगी। शनिवार को उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी ने मुनि की रेती और लक्ष्मण झूला क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिये। इस पूरे क्षेत्र को बड़ी खूबसूरती और कलात्मक तरीके से सजाया गया है। यूं तो माँ गंगा के पावन तट पर आम दिनों में भी अलग अनूभूति का अहसास होता है लेकिन जी-20 में प्रतिभाग करने आ रहे विदेशी मेहमानों को उत्तराखंड की संस्कृति से रूबरू कराने के भी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। जानकी सेतु पर जहां बजरंग बली जी की भव्य आकृति मेहमानों को आकर्षित करेगी तो गंगा घाटों पर लगी रेलिंग इत्यादि की भी साज-सज्जा अपनी ओर आकर्षित कर रही है। जी-20 के लिए सबसे पहले मेहमान देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट आयेंगे। यहां एयरपोर्ट के अंदर और बाहर उन्हें उत्तराखंड की संस्कृति के दीदार कराने के लिए दीवारों पर सुंदर आकृतियां उकेरी गई हैं तो एयरपोर्ट में लैंडस्केप आदि के कार्य भी नए सिरे से किये गए हैं। एयरपोर्ट से नरेन्द्र नगर जाने वाले मार्ग को भी सलीके से सजाया गया है। इसी तरह पौड़ी के मुनि की रेती और लक्ष्मण झूला में भी नए सिरे से साज-सज्जा की गई है। गंगा के बीच स्थित महादेव की प्रतिमा भी आकर्षण का बड़ा केंद्र होगी।

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जिलाधिकारी गढ़वाल ने G-20 की तैयारियों की समीक्षा बैठक ली।

 

जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने जी-20 की तैयारियों को लेकर विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा बैठक ली। तत्पश्चात मौके पर स्थलीय निरीक्षण करते हुए तैयारियों का जायजा भी लिया।
जिलाधिकारी ने इस दौरान विभिन्न विभागों और कार्यदाई संस्थाओं को तेजी से और बेहतर गुणवत्ता से दिए गए दायित्वों को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्थाई निर्माण कार्य और ब्यूटीफिकेशन के कार्यों को शीघ्रता से अंतिम रूप देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि  तैयारियां सुगम आवागमन, बेहतर सुरक्षा प्रबंधन और फास्ट मोबिलिटी को देखते हुए संपादित किये जाए।
इस दौरान बैठक में उप जिलाधिकारी आकाश जोशी, मुक्ता मिश्रा, अजयवीर सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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  • हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र, देहरादून में देख सकेंगे गणतंत्र दिवस परेड में प्रथम पुरस्कार प्राप्त उत्तराखण्ड की झांकी ‘मानसखण्ड’
  • सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़ी कैण्ट, देहरादून स्थित संस्कृति विभाग के हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र परिसर में झांकी स्थायी रुप से स्थापित

दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाली उत्तराखण्ड की झांकी ‘मानसखण्ड’ को सम्पूर्ण उत्तराखण्ड भ्रमण के पश्चात गढ़ी कैण्ट स्थित संस्कृति विभाग के हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र परिसर में स्थायी रुप से स्थापित कर दिया गया है। इस झांकी को प्रदेश की आम जनता के अवलोकनार्थ प्रदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर डेढ़ माह तक पूरे प्रदेश में भ्रमण कराया गया था, जिसका शुभारम्भ मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुख्यमंत्री आवास से दिनांक 05 अप्रैल, 2023 को किया गया था।
मुख्यमंत्री ने इस झांकी को गढ़ी कैण्ट स्थित संस्कृति विभाग के हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र परिसर में संरक्षित रखने के निर्देश दिये थे। इस झांकी के अग्र तथा मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारहसिंघा, घुरल, मोर तथा उत्तराखण्ड में पाये जाने वाली विभिन्न पक्षियों व झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिर समूह तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया गया था, साथ ही कुमांऊ की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झांकी में समावेश किया गया था।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2021 में गणतंत्र दिवस परेड में तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली उत्तराखण्ड की झांकी ‘केदारखण्ड’ को भी इसी परिसर में स्थापित किया गया है। भविष्य में प्रदेश की आम जनता द्वारा इन झांकियों का अवलोकन कभी भी किया जा सकता है।

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सतरुद्रा ट्रस्ट ने तीन बच्चों की नेत्र चिकित्सा हेतु  तथा एक को पढ़ाई हेतु आर्थिक सहायता दी।

उत्तराखंड सतरुद्रा ट्रस्ट द्वारा मई माह में प्राप्त सहयोग आवेदन एवं लिये गये निर्णय-
1. एक परिवार के तीन बच्चे हैं और तीनों की आंखें खराब हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है जिससे इलाज नहीं करवा पा रहे थे। इन बच्चों की जांच के लिए एम्स ऋषिकेश में व्यवस्था की गई। जांच के उपरांत एक बच्चे का चश्मे से नजर दोष काफी ठीक हो जायेगा और दो बच्चों की एक एक आंख की पुतली बदलने की तैयारी है। शीघ्र ही शायद यह कार्य अपने अंजाम तक पहुंच जायेगा। बच्चों का अधिकांश खर्चा आयुष्मान कार्ड से होगा फिर भी कुछ दैनिक खर्चे के लिए ₹ 5000/ की राशि स्वीकृत की गई है जो समय आने पर परिवार को दे दी जायेगी। इसके अतिरिक्त कोई अन्य आवश्यकता होती है तो अपने संसाधनों के अनुरूप सहायता की जायेगी।
2. एम्स ऋषिकेश में ही भर्ती ब्लड कैंसर पीड़ित 16 वर्षीय बालक की सहायता के लिए आवेदन मिलने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए ₹10000 की सहयोग राशि खाते में भेजी गई।
3. पौड़ी गढ़वाल निवासी 12 वर्षीय एक बालक के पिता की मृत्यु हो गई उसके बाद मां उसको बूढ़े दादा दादी के पास छोड़कर अन्यत्र चली गई। इस बालक की शिक्षा का संकट दादा दादी के समक्ष आ गया जो स्वयं ही जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं। क्षेत्र के संवेदनशील समाज सेवी जो पार्लियामेंट से अंडर सैक्रेटरी के रूप में सेवा निवृत्त हुये हैं ने उसकी सहायता का बीड़ा उठाया और वे ट्रस्ट तक पहुंचे। ट्रस्ट के संज्ञान में आने पर प्रयास किये गए और उक्त बच्चे को ₹ 800/ प्रतिमाह का शैक्षणिक सहयोग बोर्ड की संस्तुति होने के बाद शुरू कर दिया जायेगा।
हम पुनः सभी सहयोगियों एवं दानदाताओं का आभार व्यक्त करते हैं।