समाचार प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विधान सभा क्षेत्र बागेश्वर की 12 योजनाओं का शिलान्यास धनराशि 4032.91 लाख तथा 05 योजनाओं का लोकार्पण धनराशि 848.33 लाख तथा विधानसभा कपकोट की 15 योजनाओं का शिलान्यास धनराशि 4480.59 लाख तथा 09 योजनाओं का लोकार्पण धनराशि 1825.34 लाख इस प्रकार 14 योजनाओं का लोकार्पण तथा 27 योजनाओं का शिलान्यास कुल धनराशि 11187.17 लाख के विभिन्न विभागों के योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। कार्यक्रम के मुख्यमंत्री ने जिला कार्यालय भाजपा का भी उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य व अवस्थापना के क्षेत्र पर कार्य कर रही है। रोजगार व प्रोत्साहन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में युवाओं के लिए खेलनीति बनाई गयी है। हमारी आने वाली पीढ़ी स्वस्थ हो इसके लिए सौभाग्यवती योजना शुरू की जा रही है। यह बात मुख्यमंत्री ने जनपद बागेश्वर में विभिन्न विकास कार्यों के शिलान्यास एवं लोकार्पण के अवसर पर कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार विकास को प्राथमिकता देते हुए अपना कार्य कर रही है। साढ़े तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने अपनी साफ सुथरी छवि बनाई है, इसी का परिणाम है कि इस अवधि में कोई भी भ्रष्टाचार का मामला नहीं आया। कोविड के दौरान भी प्रदेश सरकार ने विकास कार्यों को रूकने नहीं दिया। कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए स्वास्थ को सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हुए प्रत्येक जनपद में आईसीयू तथा ऑक्सीजन बैड की उपलब्धता सुनिश्चित करायी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान समय में 2400 डॉक्टर कार्यरत है तथा 720 डॉक्टर तथा नर्सेज की भर्ती की जा रही है। उत्तराखण्ड अटल आयुष्मान योजना की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है। इस योजना के अन्तर्गत देश के 22 हजार अस्पतालों में 05 लाख रूपये की राशि तक की चिकित्सा सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगले सत्र से अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में कक्षायें शुरू हो जायेंगी तथा पिथौरागढ़, हरिद्वार व रूद्रपुर में मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला प्रदेश है जहां 500 स्कूलों में ऑनलाइन कक्षायें शुरू करायी गयी है तथा पूरे प्रदेश में एनसीईआरटी की किताबें लागू की गयी है। ट्रांसफर एक्ट लाया गया है जिससे कार्यों में पारदर्शिता आयी है। प्रदेश सरकार बेटी बचाओं-बेटी पढाओं योजना पर बेहतरीन कार्य कर रही है। सरकार मूलभूत सुविधाओं को सर्वोच्चता दे रही है जिसके कारण हर गॉव को सड़क व बिजली सुविधा से जोड़ा गया है। जिसके लिए उत्तराखण्ड को अनेक अवार्ड भी मिल चुके है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के हाथ खोले गये है जिससे वह स्वतंत्र होकर वह अपना उत्पाद कहीं भी बेच सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र की स्थापना की गयी है जो पूरा स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। महिला समूहों को 05 लाख तक का ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज पर दे रही है तथा आगामी 09 नवम्बर से किसानों को 03 लाख तक का ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज पर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ऑगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चे स्वस्थ रहे इस ओर प्रदेश सरकार कार्य कर रही है जिससे ऑगनबाड़ी केन्द्रों में पढ़ने वाले बच्चों को 02 दिन दूध, 02 दिन अण्डा और 02 दिन फल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऑगनबाड़ी केन्द्रों में सबसे अधिक पैसा देने वाले में देश के टॉप थ्री प्रदेशों में उत्तराखण्ड का भी नाम भी शामिल है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकत्रियों का पिछले 05 साल का मानधन की धनराशि का बकाया 25000 रूपये उनके खाते में डाला गया है तथा प्रदेश सरकार ने इसे सालाना रू0 5000 से बढाकर रू0 18000 सालाना किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं, किसानों व डॉक्टरों आदि के संबंध में अपनी घोषणाओं के अनुसार कार्य कर रही है।
कार्यक्रम को प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, अध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर बसंती देव, क्षेत्रीय विधायक चन्दन राम दास, विधायक कपकोट बलवन्त सिंह भौर्याल आदि ने भी संबोधित किया।
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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुर्गाअष्टमी एवं नवमी की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है। अपने बधाई संदेश में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि दुर्गा अष्टमी एवं नवमी शक्ति की उपासना का पर्व है। जो मातृ शक्ति के रूप में इस जगत में व्याप्त है। यह पर्व महिला सशक्तिकरण के प्रति भी हमारा ध्यान आकर्षित करता है।
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पॉलीटेक्निक प्रवेश की 1841 सीटों के लिए द्वितीय काउंसलिंग हेतु 26 से 29 अक्टूबर तक ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन होगा।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत पॉलिटेक्निक में प्रवेश हेतु प्रथम काउसलिंग में 3380 सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया सम्पन्न की गयी। प्रथम कांउसलिंग के पश्चात रिक्त रह गयी सीटों तथा शासनादेश संख्या- 983/XLI-A/20-56/14 14 दिनांक 20 अक्टूबर 2020 द्वारा बढ़ायी गयी 575 और शासनादेश संख्या- 982/XLI-A/20-20/20 दिनांक 20 अक्टूबर 2020 द्वारा बढ़ायी गयी 1266 कुल 1841 सीटो को सम्मिलित करते हुए द्वितीय काउंसलिंग एनआईसी के माध्यम से करायी जा रही है। ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन एवं विकल्प भरने की तिथि दिनांक 26 अक्टूबर 2020 से 29 अक्टूबर 2020 तक रहेगी। संस्थान/ब्रांच आवंटन की तिथि 02 नवम्बर, 2020 एवं आंवटित संस्थान में रिपोर्ट, अभिलेखों की जांच एवं प्रवेश की तिथि 03 नवम्बर 2020 से दिनांक 06 नवम्बर 2020 तक रहेगी। प्रथम चरण में प्रतिभाग न कर सके अभ्यर्थी एवं प्रथम चरण में आवंटित सीट को बदलने वाले अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि द्वितीय काउंसलिंग के उपरांत राजकीय पालीटेक्निकों में रिक्त रह गयी सीटों पर डिप्लोमा पाठ्यक्रम हेतु न्यूनतम शैक्षिक अर्हता हाईस्कूल (विज्ञान एवं गणित विषय के साथ) के अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे। जिसकी तिथि की सूचना बाद में दी जाएगी।
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कोरोना कालः बच्चों का रखें विशेष खयाल
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत,कम्यूनिटी एंड मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. मीनाक्षी खापरे डा. रुचिका गुप्ता और डा. श्रेया अग्रवाल आदि
विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार
लॉकडाउन के बाद से बंद विद्यालय अगले महीने से खुलने जा रहे हैं। जिसके मद्देनजर बच्चों को स्कूल भेजने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में लाॅकडाउन से इतर बच्चों की सामान्य दिनचर्या में लाने के लिए एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने सुझाव दिए हैं। चिकित्सकों का सुझाव है कि पिछले करीब 7 महीने से घरों तक सीमित रहे बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर अभिभावकों को विशेष ध्यान देना होगा।
कोविड19 के विश्वव्यापी प्रकोप के चलते मार्च 2020 में देशभर में हुए लाॅकडाउन के बाद से अक्टूबर तक सात महीने का लंबा समय बच्चों ने घरों की चाहरदिवारी में बिताए हैं। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से इन हालातों का सामना आंगनबाड़ी केंद्रों में जाने वाले नौनिहालों से लेकर अन्य कक्षाओं के विभिन्न आयुवर्ग के स्कूली बच्चों को करना पड़ा है। मगर सरकार अब सरकार नवंबर माह से स्कूलों को खोलने की तैयारी में जुट गई है, जिससे लंबे समय बाद बच्चों को स्कूल जाने के लिए घरों से बाहर निकलना होगा। ऐसे में उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर विभिन्न तरह के बदलावों से भी गुजरना पड़ सकता है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार लाॅकडाउन के बाद काफी समय तक घरों में रह रहे बच्चों में विटामिन- डी की कमी का होना स्वाभाविक है। सूर्य के प्रकाश के संपर्क में नहीं आने से शरीर में विटामिन- डी की कमी होने लगती है, जिसकी वजह से हड्डियों में कमजोरी, मांसपेशियों के विकास में कमी के साथ साथ बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार एक बच्चे को प्रतिदिन 600 यूनिट विटामिन- डी की आवश्यकता होती है। इस कमी को दूर करने के लिए उन्हें प्रतिदिन 30 मिनट से 1 घंटे तक गुनगुनी धूप सेंकना जरूरी है। साथ ही बच्चों में विटामिन- डी की कमी को पूरा करने के लिए इस विटामिन वाले खाद्य पदार्थ जैसे मछली, अंडा, मशरूम, दूध व दही का सेवन लाभकारी है।
लाॅकडाउन के चलते महीनों तक बच्चों का अधिकांश वक्त कंप्यूटर, ऑनलाइन लैक्चर, इंटरनेट, सोशल मीडिया, टीवी, लैपटाॅप, मोबाईल गेम आदि में बीता है। जिसके चलते उनमें नींद की कमी, शारीरिक असंतुलन, पीठ व गर्दन में दर्द, आंखों का ड्राई होना, खाने के पैटर्न में बदलाव आदि समस्याएं हो सकती हैं। इस बारे में डा. रुचिका का कहना है कि मौजूदा समय में बच्चों को दैनिकरूप से व्यायाम, घरों से बाहर वाॅकिंग करने, घूमने-फिरने को लेकर उन्हें प्रेरित करने के साथ साथ उन्हें प्रकृति और विभिन्न खेलों से जोड़ने की आवश्यकता है।
पौड़ी गढवाल समाचार
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर में स्थापित वार रूम से प्राप्त आज दिनांक 23.10.2020 को समय 01ः00 बजे की रिर्पोट के अनुसार जनपद में आरटीपीसीआर, रेपिड एन्टीजन व ट्रूनेट रूप से 66 हजार 867 सैम्पल जांच हेतु भेजे गये, जिनमंे से 53 हजार 173 नेगेटिव, 11 हजार 129 लम्बित, 1 हजार 632 अस्वीकृत तथा 2 हजार 565 कोरोना संक्रमित रोगी पाये गये। कोरोना संक्रमित 2 हजार 565 में से 2 हजार 139 स्वास्थ्य हो चुके है, जबकि 29 की मृत्यु हुई तथा 397 एक्टिव केस हैं। वर्तमान समय में 123 रोगी आइसोलेशन में भर्ती है, जिनमंे 36 बेस हाॅस्पिटल श्रीकोट तथा 87 बेस हाॅस्पिटल कोटद्वार में है। कोविड केयर सेंटर के अन्तर्गत 32 लोग हैं, जिनमंे 21 नर्सिंग काॅलेज डोबश्रीकोट, 05 सीसीसी कोड़िया कैम्प मंे, 03 गीता भवन स्वर्गाश्रम ट्रस्ट तथा 03 डीसीसीसी सतपुली में है।