राज्य सरकार ई-गवर्नेस की ओर।##निर्वाचक सत्यापन की तिथि 18अक्तूबर तक बढी।## एम्स में नशे से शारीरिक नुकसान जागरूकता गोष्ठी की। ##नैनीताल के जिलाधिकारी ने नहरों के अतिक्रमण हटाने को निर्देश दिए।##खनन की तैयारियों के निर्देश पढिए Janswar.com में।

राज्य सरकार ई-गवर्नेस की ओर।

राज्य सरकार द्वारा ई-गवर्नेंस की दिशा में प्रभावी पहल करते हुए मंत्रिमण्डल की बैठकों को धीरे-धीरे पेपरलेस किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए, सोमवार को सचिवालय में ई-मंत्रिमण्डल से सम्बन्धित जानकारी सभी मंत्रीगणों को उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि नवम्बर माह में आयोजित होने वाली मंत्रिमण्डल की बैठक को ई-मंत्रिमण्डल के रूप में आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही, ई-मंत्रिमण्डल पोर्टल पर अब तक हुई मंत्रिमण्डल की बैठकों में लिये गये निर्णयों को भी अपलोड किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हम ग्रीन कैबिनेट की ओर बढ़ रहे हैं। यह ई-गवर्नेंस की दिशा में बढ़ाया गया एक बेहतर कदम है। इससे पेपर की बचत होगी और कम से कम पेपर के उपयोग से पर्यावरण को भी बचाने में सहायता मिलेगी। साथ ही निर्णयों के क्रियान्वयन में तेजी लाने के साथ ही पारदर्शिता भी आयेगी। इससे शासन की योजनाओं की जानकारी भी त्वरित रूप से आम जनता को उपलब्ध करायी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की यह पहल अन्य राज्यों को भी पेपरलेस गवर्नेंस के लिए प्रेरित करेगी।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि ई-मंत्रिमण्डल की शुरूआत होने के उपरान्त मंत्रिमण्डल के कार्यों हेतु गोपन विभाग का पूर्णतः कम्पयूटराईजेशन किया जाना है। इससे सभी विभाग, मंत्रिमण्डल की बैठक सम्बन्धित कार्य हेतु, गोपन विभाग से सीधे जुड़ जाएंगे। साथ ही इससे मंत्रिमण्डल के निर्णयों के कार्यान्वयन का कागज रहित अनुश्रवण एवं समीक्षा की जा सकेगी। ई-मंत्रिमण्डल को एन.आई.सी. द्वारा तैयार किया गया है।
एन.आई.सी. के श्री अरूण शर्मा ने बताया कि गोपन विभाग द्वारा प्रणाली का परीक्षण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि सचिवालय के अपर सचिव, संयुक्त सचिव, उपसचिव, अनुसचिव एवं 110 अनुभाग अधिकारियों को इसके लिये प्रशिक्षित किया जा चुका है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, श्री मदन कौशिक, श्री यशपाल आर्य, श्री अरविन्द पाण्डेय, श्रीमती रेखा आर्या एवं डॉ. धनसिंह रावत सहित शासन एवं एन.आई.सी. के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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निर्वाचक सत्यापन की तिथि 18अक्तूबर तक बढी।
जनसामान्य की सुविधा के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचक सत्यापन कार्यक्रम (ईवीपी) को दिनांक 18 नवम्बर, 2019 तक बढ़ा दिया गया है। ज्ञातव्य हो कि निर्वाचक नामावली को शुद्ध एवं त्रुटिरहित बनाये रखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिनांक 01 सितम्बर, 2019 से 15 अक्टूबर, 2019 तक निर्वाचक सत्यापन कार्यक्रम (म्टच्) आयोजित किया गया था जिसे अब दिनांक 18 नवम्बर, 2019 तक विस्तारित करते हुए संशोधन कार्यक्रम जारी किया गया है।
यह जानकारी देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सौजन्या ने बताया कि निर्वाचक सत्यापन कार्यक्रम (म्टच्) को अब दिनांक 18 नवम्बर, 2019 तक विस्तारित कर दिया गया है। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार निर्वाचन नामावली के ड्राफ्ट का प्रकाशन 25 नवम्बर, 2019 को किया जायेगा। इसके लिए आपत्तियां 25 नवम्बर, 2019 से 24 दिसम्बर, 2019 तक दर्ज करायी जा सकेंगी। आपत्तियों का निस्तारण 10 जनवरी, 2020 से किया जायेगा। उन्होंने बताया कि निर्वाचक नामावली का अन्तिम प्रकाशन 20 जनवरी, 2020 को किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में बी.एल.ओ. एप कार्य नहीं कर रहा है, उन क्षेत्रों में घर-घर जाकर सत्यापन का कार्य करते हुए निर्धारित प्रारूपों पर सूचना एकत्र की जाएगी। घर-घर सत्यापन के दौरान बी.एल.ओ. द्वारा परिवार के सभी सदस्यों का सत्यापन किया जाएगा। उनके द्वारा सत्यापन हेतु नियत अभिलेखों का भौतिक रूप देखकर ही सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के लिए परिवार के मुखिया का अभिलेख ही परिवार के अन्य सदस्यों के लिए पर्याप्त होगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सौजन्या ने सभी मतदाताओं से अनुरोध करते हुए कहा कि जिन मतदाताओं के द्वारा अभी तक अपना मतदाता सत्यापन नहीं किया गया है, वह उपरोक्त अवधि में पूर्व की भाँति पोर्टल पर अथवा या अपने नजदीकी सी.एस.सी. के माध्यम से अपना तथा अपने परिवार के सदस्यों का स्वयं सत्यापन करने का कष्ट करें और सम्बन्धित बी.एल.ओ. को सहयोग प्रदान करने का कष्ट करें।
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एम्स में नशे से शारीरिक नुकसान जागरूकता गोष्ठी की।

मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के मनोचिकित्सा विभाग में मरीजों व उनके तीमारदारों को युवाओं में बढ़ती नशावृत्ति से होने वाले शारीरिक नुकसान के प्रति जागरुक किया गया और उन्हें नशे से दूर रहने के उपाय बताए गए। इस दौरान लोगों को एम्स संस्थान में मानसिक रोग के निदान के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी भी दी गई। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान में मरीजों को हरेक विभाग में वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है,जिससे उन्हें इलाज के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े। उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किया गया है,जिसमें कम खर्च पर मरीजों को बेहतर उपचार दिया जा रहा है। साथ ही इसमें मरीज के दाखिले की सुविधा भी उपलब्ध है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि निकट भविष्य में एम्स में मरीजों को आधुनिकतम तकनीकि सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। संस्थान के मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डा. रवि गुप्ता व डा. अनिरूद्ध बासू ने बताया कि हमारे समाज में नशा आज के समय में बहुत बड़ी समस्या बन गया है,जिसका शिकार समाज का हर वर्ग, युवा बच्चे व बुजुर्ग हो रहे हैं। तंबाकू, बीड़ी, गुटखा, खैनी, शराब, भांग,गांजा,ड्रग्स, कोकीन के सेवन से युवाओं का एक बड़ा वर्ग चपेट में आ रहा है। उन्होंने बताया कि नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति की सेहत पर जानलेवा असर हो रहा है। इसके साथ ही पीड़ित व्यक्ति के आर्थिक, सामाजिक व रोजमर्रा की जिंदगी पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि नशे के लगातार सेवन से उसका असर खत्म होने पर व्यक्ति इसे फिर से लेने की इच्छा जताता है,जिससे कुछ समय बाद उसे नशे की लत लग जाती है, लिहाजा इसे छोड़ पाना कठिन हो जाता है। उन्होंने बताया कि मरीजों को इस तरह की समस्याओं से दूर करने के लिए एम्स संस्थान में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किया गया है,जिसमें मरीजों को परामर्श व उपचार की संपूर्ण सुविधा उपलब्ध है। नशा मुक्ति केंद्र के नोडल अधिकारी डा. रवि गुप्ता ने बताया कि देश के विभिन्न प्रांतों में नशे का सेवन अत्यधिक बढ़ रहा है,जिसमें उत्तराखंड भी शामिल है। नशा मुक्ति केंद्र के प्रभारी अधिकारी डा. अनिरूद्ध बासू ने बताया कि सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय संर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार शराब का सेवन 38.1 प्रतिशत पुरुषों में पाया गया है, जिसमें उत्तर भारत दूसरे स्थान पर है। बताया कि नशे की लत लगने से व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में कुछ नहीं सोच पाता। नशीला पदार्थ नहीं मिलने से व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, भूख नहीं लगना, गुस्सा आना, हाथ पैरों में दर्द और भारीपन, शरीर कांपना, अनियंत्रित रक्तचाप, उल्टी मितली आना जैसे लक्षण पाए जाते हैं।

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नैनीताल के जिलाधिकारी ने नहरों के अतिक्रमण हटाने को निर्देश दिए।

सिंचाई नहरों पर अतिक्रमण को जिलाधिकारी श्री सविन बंसल द्वारा गम्भीरता से लेते हुये अधिशासी अभियन्ता सिचाई तरूण बंसल को निर्देशित किया कि वह प्रशासनिक अधिकारियों के साथ संयुक्त अभियान चलाकर नहरों पर हुए अतिक्रमण को तत्काल हटाते हुये बन्द नहरों की सफाई करें ताकि बरसात के समय नहरों का पानी सडकों पर न आने पाये।
जिलाधिकारी श्री बंसल ने मण्डी से तीनपानी तक नहर बंद एवं अतिक्रमण होने से नहरों का पानी बार-बार सडकों पर आने और उससे सडकों के टूटने की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुयेे तत्काल नहरों से अतिक्रमण हटाने एवं बंद नहरो की सफाई के लिए जिला योजना से 1.50 लाख रूपये की धनराशि नहरोें की सफाई हेतु सिचाई विभाग को दिये। जिलाधिकारी ने कहा एनएचएआई को जनता की शिकायत पर सडक मरम्मत करने के निर्देश दिये गये थे, एनएचएआई ने पुन: सडक मरम्मत एवं पेचवर्क किया, मगर नहरों पर अतिक्रमण होने के कारण नहरें चोक होने से सडको पर बार-बार जल भराव होने से सडकें क्षतिग्रस्त हो जाती है।  जिलाधिकारी श्री बंसल ने अधिशासी अभियन्ता सिचाई को प्रशासन को साथ लेकर मण्डी से तीनपानी तक तुरन्त अतिक्रमण हटाते हुये नहर को खोलने के निर्देश दिये।

इस क्रम मे सिचाई विभाग द्वारा मण्डी से तीनपानी तक नहर अतिक्रमण चिन्हित कर सफाई अभियान प्रारम्भ कर दिया गया है। सिचाई विभाग द्वारा प्रशासन के सहयोग से कई स्थानों पर अतिक्रमण तोडे़ गये जो नहरों में पानी के प्रवाह को बाधित कर रहे थे तथा कई स्थानों पर  अतिक्रमणकारियों को स्वयं अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई। सिचाई विभाग द्वारा नहरों पर अतिक्रमण को लाल पेंट से चिन्हित किया गया और नहरों की सफाई हेतु चैम्बरों का निर्माण किया जा रहा है।
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खनन की तैयारियों के निर्देश

जनपद के गौला, नंधौर, कोसी एवं दाबका नदियों में शीघ्र खनन प्रारम्भ करने हेतु सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश खनन समिति के अध्यक्ष एवं जिलाधिकारी श्री सविन बंसल ने भीमताल विकास भवन सभागार मे बैठक लेते हुये सम्बन्धित अधिकारियों को दिये।उन्होंने कहा खनन राजस्व का बहुत बडा स्रोत है। खनन को लेकर किसी भी प्रकार की चोरी एवं अनियमितता को गम्भीरता से लेते हुये सम्बन्धित के खिलाफ कडी़ कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी, साथ ही सरकार को राजस्व का घाटा पहुचाने वाले लोगाों को दण्डित किया जायेगा।
श्री बंसल ने आरएम वन विभाग को निर्देश दिये कि वे आगामी 25 अक्टूबर तक नदियों में खनिज उपज का मूल्यांकन अनिवार्य रूप से कर लिया जाए, साथ ही चारों नदियों के खनन गेटों पर सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित कर ली जांए। उन्होने कहा कि सभी गेटों पर सीसी टीवी केैमरे, कांटों की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए, साथ ही गेटों पर कम्प्यूटर, इंटरनैट की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली जाए। खनन समिति की बैठक मे निर्णय लिया गया कि गत खनन सत्र मेें एक भी दिन खनन कार्य ना करने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जायेगा साथ ही अगले खनन सत्र से 50 प्रतिशत कार्य दिवस के दौरान खनन वाहन अनिवार्य रूप से चलाया जायेगा, 50 प्रतिशत से कम खनन वाहन चलाये जाने पर वाहन का नवीनीकरण नही किया जायेगा। श्री बंसल ने उपजिलाधिकारी, एआरटीओ एवं एसडीओ की समिति गठित करते हुये कहा कि नियमित चैकिंग एवं चैकिंग के दौरान पुलिस महकमे के साथ अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी भी करना सुनिश्चित करें तथा सूर्यास्त के बाद किसी भी दशा में खनन की अनुमति नहीं होगी। उन्होने कहा सभी अधिकारियों को टीम भावना से कार्य करते हुए अवैध खनन व अवैध खनिज भण्डारण के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही करते हुए नियमानुसार आर्थिक दण्ड वसूलने के साथ ही मुकदमें भी पंजीकृत कराने के निर्देश दिए।
समिति ने निर्णय लिया कि अवैध खनन करते हुए पकड़े जाने पर सम्बन्धित वाहन का पंजीकरण तत्काल निरस्त किया जायेगा व वाहन पर अन्य वाहन की नम्बर प्लेट लगाकर खनन करने वाले वाहनों का भी पंजीकृत तत्काल निरस्त किया जायेगा। समिति ने निर्णय लिया कि नंधौर में 580 वाहन प्रतिगेट निर्धारित संख्या होगी नये वाहनों का पंजीकरण लाटरी सिस्टम के माध्यम से किया जायेगा। नये वाहनों का रजिस्ट्रेशन वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट, इंश्योरेंश, वाहन की आरसी एवं चालक के सत्यापन केे बाद किया जायेगा।

बैठक मे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुुमार मीणा,मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार, अपर जिलाधिकारी एसएस जंगपांगी,प्रभागीय वनाधिकारी नितीश मणी त्रिपाठी, हिमांशु एएसपी अमित श्रीवास्तव, आरएम बीडी हर्बोला,जीसी पंत, उपजिलाधिकारी हर गिरी,गौरव चटवाल, विवेक राय,डीएलएम पीएस बोरा, अनीश अहमद जेपी भटट, एआरटीओ संदीप वर्मा आदि मौजूद थे।

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