वन्यजीवों का बढ़ता खतरा: आबादी क्षेत्र में घुसपैठ से ग्रामीण परेशान। WWW.JANSWAR.COM

अरुणाभ रतूड़ी जनश्वर 

ढुंगा अकरा में बाघ/गुलदार का आतंक: गौशाला का दरवाजा तोड़कर बकरा ले गया, ग्रामीण दहशत में।

यमकेश्वर:- उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में वन्यजीवों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, और अब इसका ताजा मामला यमकेश्वर ब्लॉक के ढुंगा अकरा गांव से सामने आया है। राकेश बडोला ने बताया कि बीती रात करीब 3 बजे, एक बाघ या गुलदार ने सत्ताप्रसाद की गौशाला का दरवाजा तोड़कर भीतर प्रवेश किया और एक बकरे को अपना शिकार बना लिया। घटना के बाद से ही पूरे गांव में दहशत का माहौल है।  यमकेश्वर ब्लाक  के क्षेत्र ग्राम ढुंगा अकरा में बाघ या गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले एक महीने के भीतर यह पाँचवीं घटना है, जब किसी जंगली जानवर ने आबादी क्षेत्र में घुसपैठ कर मवेशियों को अपना शिकार बनाया है। इस बढ़ती हुई घुसपैठ और हिंसक प्रवृत्ति ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है, और वे रात भर जागने को मजबूर हैं।

लगातार हो रही घटनाओं का विवरण:-

  1. बलदेव प्रसाद की बकरी 2. अशोक बडोला की बकरी
  2. सम्पूर्णानंद की गाय 4. हृदय राम बडोला का बकरा
  3. आज रात सत्ताप्रसाद बडोला की बकरी जो रात 3 बजे गौशाला का दरवाजा तोड़कर ले जाई गई।

इन लगातार वारदातों ने ग्रामीणों को गहरी चिंता में डाल दिया है। सत्ताप्रसाद बडोला की बकरी के लापता होने के बाद से ग्रामीण पूरी रात सो नहीं पाए।

बढ़ता खतरा: दिनदहाड़े हमला और पीछा करना:- ग्रामीणों ने बताया कि यह आतंक अब केवल रात तक सीमित नहीं रहा है। हाल ही में, दिनददहाड़े सड़क पर बाघ/गुलदार को घूमते हुए देखा गया, जिससे ग्रामीण और भी दहशत में हैं। सबसे खतरनाक  बात यह है कि जब उसे भगाने की कोशिश की गई तो वह *लोगों के पीछे दौड़ पड़ा*, जिससे उसकी आदमखोर प्रवृत्ति का स्पष्ट संकेत मिल रहा है।

स्थानीय निवासियों ने वन विभाग से तत्काल और ठोस कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह किसी बड़ी अनहोनी का कारण बन सकता है। ग्रामीण अब अपनी जान-माल की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक भयभीत हैं और प्रशासन से अविलंब हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं।