रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल में मिला सद्यजात बच्चे का शव-www.janswar.com

-देवेन्द्र  चमोली

अस्पताल के शौचालय में मिला नवजात का शव नाबालिग मॉ की भी मौत, पुलिस ओर अस्पताल प्रबंधन जुटा जॉच में।

रुद्रप्रयाग- यहाँ जिला अस्पताल में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है बीते रोज पेट में दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती एक 17 वर्षीय नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया नाबालिग अपनी मॉ के साथ अस्पताल आई थी। व पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती थी। बताया जा रहा है कि परिजनों द्वारा डाक्टर को नाबालिग के गर्भवती होने की जानकारी छुपाई गई जिस कारण उचित ईलाज न होने से जच्चा बच्चा दोनो की मौत हो गई।
रुद्रप्रयाग के एक निकटवर्ती गॉव की 17 वर्षीय नाबालिग के पेट दर्द की शिकायत पर उसकी मॉ द्वारा उसे शुक्रवार दोपहर को जिला अस्पताल मे भर्ती किया गया लेकिन नाबालिक की मां ने प्रेग्नेंसी की बात डॉक्टरों से भी छुपा कर रखी।
बताया जा रहा है कि रात को ज्यादा दर्द होने पर नाबालिग की मॉ उसे शौचालय में ले गई जहां काफी देर तक नाबालिग को रखा गया नाबालिग ने वहीं पर नवजात को जन्म दिया। सुबह जब सफाई कर्मियों ने शौचालय में मृत नवजात को सकते मे आ गये। घटना से अस्पताल प्रशासन भी सकते में है।
बता दें कि शुक्रवार दोपहर को एक 17 वर्षीय नाबालिग को उसकी मां उपचार कराने को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंची, लेकिन नाबालिग की मां ने चिकित्सकों को यह नहीं बताया कि वह प्रसव पीड़ा से ग्रसित है। चिकित्सक भी नाबालिग का सामान्य उपचार करते रहे। बताया जा रहा है कि देर रात को नाबालिग की मां ने जिला चिकित्सालय में अपनी बेटी का शौचालय में प्रसव कराया। प्रसव के बाद जहां नाबालिग की मौत हो गई तो सुबह के समय चिकित्सालय के शौचालय में सफाई कर्मियों को एक नवजात मृत अवस्था में मिला।
नाबालिग की मां ने बदनामी की डर से चिकित्सकों सहित अन्य लोगों से झूठ बोला, जिस कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि नाबालिक जिला मुख्यालय के नजदीकी गांव की ही थी। नाबालिग की मौत प्रसव के बाद अत्यधिक रक्त बहने से हुई है। यदि नाबालिग की मां चिकित्सकों को सारी सच्चाई बता देती तो शायद नाबालिग की जांच बच सकती थी।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ राजीव सिंह ने बताया कि शुक्रवार दोपहर के समय एक नाबालिग को लेकर उसकी मां जिला चिकित्सालय पहुंची थी। जांच करने पर पता चला कि उसमें हिमोग्लोबिन की कमी है। चिकित्सक उसे आगे के लिये रेफर कर रहे थे, लेकिन नाबालिग की मां ने मना कर दिया और लिखित रूप में यह कह दिया कि उसका उपचार यहीं किया जाए। रात के समय नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया और प्रसव के बाद उपचार न मिलने के कारण नाबालिग की भी मौत हो गई। पूरी घटना में नाबालिग के परिजनों की गलती सामने आ रही है। यदि समय पर सही जानकारी चिकित्सकों को बताई जाती तो नाबालिग को बेहतर उपचार मिलता अब पुलिस व अस्पताल प्रबंधन जॉच में जुट गया है।