राज्यपाल से आईएचएम के प्रधानाचार्य ने शिष्टाचार भेंट की #मुख्यमंत्री ने की रामनगर में आयोजित होने वाली जी 20 बैठक की समीक्षा।#वित्तमंत्री का पुरानी पेंशन बहाल करने से इंकार करना दुर्भाग्यपूर्ण:केवल सती

 

राज्यपाल से आईएचएम के प्रधानाचार्य ने शिष्टाचार भेंट की

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से राजभवन में आइएचएम देहरादून के प्रधानाचार्य डॉ0 जगदीप खन्ना ने शिष्टाचार मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को संस्थान के क्रिया-कलापों और गतिविधियों की जानकारी दी। राज्यपाल ने हाल में ही सम्पन्न हुए वसंतोत्सव में आइएचएम द्वारा लगाए गए मिलेट्स पर आधारित फूड कोर्ट की सराहना की। उन्होंने कहा की उत्तराखण्ड में उत्पादित होने वाले पारंपरिक मोटा अनाज ‘‘मिलेट्स’’ पौष्टिकता से भरपूर होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद  भी हैं।

राज्यपाल ने कहा कि कोरोना के बाद सभी लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग हो गए हैं और वे मिलेट्स को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में मिलेट्स अनाज के उत्पादन की अच्छी संभावनाएं हैं, इसे आगे बढ़ाने के विशेष प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। G-20 में मिलेट्स को प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर भी हमारे पास होगा।

 

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मुख्यमंत्री ने की रामनगर में आयोजित होने वाली जी 20 बैठक की समीक्षा।

  • उत्तराखण्ड की विश्व स्तर पर पहचान बनाने का अवसर है जी 20 बैठक।
  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये समय पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश।
  • उत्तराखण्ड में आयोजित होने वाली बैठकें जी 20 की अन्य बैठकों के लिये बने उदाहरण।
  • जी 20 बैठकों के आयोजन का किया जाय व्यापक प्रचार-प्रसार।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में जी 20 बैठक की आयोजन व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने इस माह के अंत में रामनगर में होने वाली जी 20 की पहली बैठक की सभी आवश्यक व्यवस्थायें समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये। आयोजन की व्यवस्थाओं में किसी प्रकार की भी कोई कमी न रहे यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु एवं शासन के उच्चाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त कुमाऊँ तथा जिला अधिकारी ऊधमसिंह नगर व नैनीताल भी बैठक से जुड़े रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जी 20 की राज्य में आयोजित होने वाली बैठकों से विश्व स्तर पर उत्तराखण्ड की पहचान बनने का अच्छा अवसर है। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को इस आयोजन की व्यवस्थाओं की समय से सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर्यटन एवं जैव विविधता से पूरे विश्व को परिचित कराने का भी यह अवसर है इसके लिये सभी स्तरों पर बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाये। जिलाधिकारी उधमसिंह नगर एवं नैनीताल को उन्होंने निर्देश दिये कि पंतनगर से रामनगर तक के सड़क मार्ग को सुव्यवस्थित किया जाय। सड़कों की मरम्मत के साथ मार्ग के आस पास के क्षेत्रों में सफाई, सुरक्षा एवं सौन्दर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाये।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का भी यह अच्छा अवसर है। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि जिन उत्पादों को हम व्यापक स्तर पर वैश्विक पहचान दिला सकते हैं, उनकी विशिष्टता की पहचान कर ली जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जी-20 की बैठकों में आयोजन स्थल पर उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉल लगाये जाएं। उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। आयोजन स्थल पर योग एवं पंचकर्म की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में होने वाले जी-20 की बैठक के बेहतर आयोजन के लिए राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के सुझाव भी लिया जाये। इस संबंध में व्यापक जन जागरूकता के प्रचार पर भी उन्होंने बल दिया।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु, सचिव श्री शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी, श्री विनोद कुमार सुमन, डॉ. इकबाल अहमद, सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी तथा वन, स्वास्थ्य एवं पुलिस के उच्चाधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से आयुक्त कुमाऊं श्री दीपक रावत, जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर श्री युगल किशोर पंत, जिलाधिकारी नैनीताल श्री धीराज सिंह गर्बियाल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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वित्तमंत्री का पुरानी पेंशन बहाल करने से इंकार करना दुर्भाग्यपूर्ण:केवल सती

अल्मोड़ा (अशोक कुमार पाण्डेय) प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव व पूर्व दर्ज़ा राज्य मंत्री एडवोकेट केवल सती ने प्रेस को दिये गये अपने बयान में कहा कि उत्तराखंड सरकार के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल जी का उत्तराखंड प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने से इन्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण है ऐसा कहकर उन्होंने राज्य के 86842 कर्मचारियों की भावनाओं को आहत किया है जो पुरानी पेंशन योजना के दायरे में हैं।
सती ने कहा कि पांच राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब, और हिमाचल प्रदेश ने अपने वहां कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है। राजस्थान सबसे पहला प्रदेश है जिसने सबसे पहले ये योजना लागू की।
सती ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को 1 अप्रैल 2004 से बन्द कर दिया गया है। सती ने कहा कि वर्ष 2003 में एन डी ए की सरकार में अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बंद कर नई पेंशन योजना की शुरुआत की, केन्द्र सरकार ने अप्रेल 2005 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था इसकी जगह नई पेंशन योजना लागू की गई।
सती ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में रिटायर होने के समय सैलरी की आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी, जबकि नई पेंशन योजना में कर्मचारियों की सैलरी से 10 प्रतिशत की कटौती की जाती है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी। सती ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में जी पी एफ की सुविधा होती थी वहीं नई स्कीम में इसकी सुविधा ही नहीं है। सती ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना एक सुरक्षित योजना है जिसका भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है। जबकि नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है जिसमें आपके द्वारा एन पी एस में लगाए गए पैसे को शेयर बाजार में लगाया जाता है। जबकि पुरानी पेंशन में ऐसा कोई भी प्राविधान नहीं था।
सती ने कहा कि पेंशन सिर्फ चंद हजार रुपए नहीं होते बल्कि एक चादर होती है बुढ़ापे की, जिसमें एक रिटायर्ड आदमी अपनी इज्जत को ढकता है ताकि उसके बच्चे उसे बोझ ना समझे।
सती ने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की ताकत का एहसास नहीं है राज्य के 86842 कर्मचारी जो पुरानी पेंशन योजना के दायरे में हैं तथा उनके परिवारजन आने वाले चुनावों में कर्मचारि विरोधी सरकारों को सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे।
सती ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए।