राज्यपाल ले.ज.गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेशवासियों को अक्षय तृतीया व ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं व हार्दिक बधाई दी।# राज्यपाल ने जनपद चमोली का भ्रमण किया#मुख्यमंत्री ने वनाग्नि रोकने के लिए जनपदों मे नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिये।#मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों को श्री केदानाथ जी के कपाट खुलने, अक्षय तृतीया व ईद उल फितर की हार्दिक बधाई वशुभकामनाएं दी हैं।# अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री ने दिए कार्मिकों को समय पर कार्यालय उपस्थित होने के निर्देश।www.janswar.com

-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेशवासियों को अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि संपूर्ण पापों का नाश करने वाली एवं सभी सुखों को प्रदान करने वाली अक्षय तृतीया की पावन तिथि सभी के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करे। उन्होंने कामना की है कि माँ लक्ष्मी जी की कृपा से हर घर में सुख, समृद्धि और शांति हो।
राज्यपाल ने 03 मई अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री धाम एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं के भक्तिमय, सुगम व सुःखद चारधाम यात्रा की कामना की है।

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राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने ‘ईद-उल-फितर’ पर प्रदेशवासियों को विशेषकर मुस्लिम समुदाय को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। त्यौहार की पूर्व संध्या पर प्रेषित अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश में विभिन्न धर्म और समुदायों द्वारा मनाये जाने वाले त्यौहार हमें आपस में मिलजुल कर, एक दूसरे की खुशियों को बांटने का अवसर प्रदान करते हैं। ‘ईद-उल-फितर’ का त्यौहार भी हम सबको प्यार-मौहब्बत, आपसी भाई-चारे तथा मदद की भावना का संदेश देता है। उन्होने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह पर्व समाज में अमन-चैन और सौहार्दपूर्ण वातावरण का निर्माण कर समरसता और भाई-चारे की भावना को और मजबूत करेगा।

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राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह(से नि) अपने तय कार्यक्रम के अनुसार पुलिस ग्राउण्ड गोपेश्वर पहुंचे। पुलिस के जवानों द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। तत्पश्चात पीडब्लूडी गैस्ट हाउस में  जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की।
राज्यपाल ने औली में संचार तथा रोड कनेक्टिविटी को बेहतर करने की बात कही कहा कि हमें औली को वर्ल्ड की टॉप टेन डेस्टिनेशन में शामिल करना है। साथ ही औली सडक को बीआरओ को हस्तारण करने की बात कही। उन्होंने ट्राउट मछली, बद्री घी के उत्पादन बढाने और इसकी मार्केटिंग, ट्रांसपोटेशन को बेहतर करके राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यात्रा मार्ग पर कलस्टर सेन्टर खोलने के निर्देश दिए जिससे महिलाओं को अच्छी आजीविका मिल सके। उन्होंने हर क्षेत्र में पांच पांच आइकोन चुनने के निर्देश जो अपने अपने क्षेत्र में कुछ विशेष कर रहे हैं। राज्यपाल ने बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोडने के लिए टनल निर्माण का सुझाव भी दिया। अधिक से अधिक सैल्फी प्वांइट बनाने के निर्देश दिए। 369 होम स्टे बनाने के निर्देश दिए तथा उनका व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। साथ ही सबसे ज्यादा सेल्स करने वाले स्वयं सहायता समुहों रेड क्रास सोसाइटी मैम्बर, आशा वर्कर को चिन्हित करने पर जोर दिया। यात्रा मार्ग पर अच्छे स्लोगन वाले फ्लैक्स, होर्डिग लगाने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा किए गए नवाचारी कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जो ई- लाइबरेरी, लैब बनाए गए है उनसे तैयारियां करने वाले छात्रों को काफी मदद मिलेगी। उन्होंने 501 किताबे देने की बात कही। आने वाले चार धाम यात्रा में स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद ज्यादा से ज्यादा बिके और वे अधिक से अधिक लाभ कमाएं।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जनपद के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जनपद में स्थित पर्यटन स्थलों बद्रीनाथ, हेमकुण्ड साहिब, रूद्रनाथ, कल्पेशर, औली, लाटू देवता, गोपीनाथ मन्दिर, अनुसूया देवी, नन्दादेवी राजजात यात्रा आदि बारे में जानकारी देने के साथ-साथ ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट व बद्रीनाथ मास्टर प्लान की अद्यतन स्थिति के बारे में भी अवगत कराया। साथ ही औली जोशीमठ के वैकल्पिक मार्ग की जानकारी भी दी। जिले में किए जा रहे इनोवेटिव कार्यों के बारे जानकारी देते हुए बताया कि जीआईसी घिंघराण में भाषा लैब व जीआईसी गोपेश्वर में मैथ लैब के साथ गौचर डाइट व गोपेश्वर में मार्डन लाइब्रेरी बनाई गई है। बैराग्ना में ट्राउट कैफे हाउस बनाया गया है जिसका संचालन महिलाओं द्वारा किया जाता है।  जोशीमठ में पार्क व ओपन स्पेश व एस्ट्रो टूरिज्म के लिए बेनीताल को विकसित किया जा रहा है। वहीं जिलाधिकारी ने जनपद की समस्याओं की जानकारी देते हुए बताया 66 केवी की लाइन से विद्युत की सप्लाई में दिक्कत, जीएमवीएन पेट्रोल पम्प से लगने वाले जाम के बारे मे अवगत कराया।
मुख्य विकास अधिकारी ने जिले में चल रहे विकास कार्यो की जानकारी देते हुए बताया कि आर्गेनिक फार्मिग पर विशेष जोर दे रहे हैं। किसानों को मशीनरी उपलब्ध कराने के साथ साथ रेन्ट पर चेंनिग फेंसिग की व्यवस्था की जा रही है, पाली हाउस दिए जा रहे हैं, वहीं उरेडा के माध्यम से सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर वाटर हीटर सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं। कहा कि जिले में 3470 स्वयं सहायता समूह हैं जिनमें 23423 सदस्य हैं तथा 369 विलेज क्लस्टर हैं।
वहीं पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नशे व मादक पदार्थो के खिलाफ कडी कार्यवाही करने के साथ साथ जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। वहीं 5 महीनों में आबकारी अधि0 के तहत 62 अभियोग पंजीकृत किए गए हैं महिला अपराधों की रोकथाम के लिए महिला हेल्पलाइन शुरू की गई है।
इसके बाद राज्यपाल ने जिला सभागार में पूर्व सैनिकों से मुलाकात कर उनके बारे में जानकारी ली। सैनिकों ने जिले में आर्मी भर्ती करने तथा घाट में कैंटीन खोलने के साथ साथ कई समस्याओं के बारे में बताया। राज्यपाल ने उनकी समस्याओं के समाधान करने की बात कही कहा कि जो भी समस्याएं हैं पत्राचार या स्वयं राजभवन में मुलाकात कर सकते हैं।
इस दौरान उन्होंने रेड क्रास सोसाइटी के सदस्यों के साथ मुलाकात की। रेड क्रास के अध्यक्ष व सदस्यों ने राज्यपाल को मोंमेटो भेंट व माल्यार्पण किया। राज्यपाल ने उनके द्वारा कोविड में किए जा रहे कार्यों पर खुशी जताई। वहीं रेड क्रास द्वारा एम्बुलेंस की मांग की गई इस मा0 राज्यपाल ने एम्बुलेंस देने का भरोसा दिलाया।
इसके बाद राज्यपाल ने स्वयं सहायता समूहों के स्टॉलों का विजिट किया। तथा उनके द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी ली तथा चार धाम यात्रा मार्ग पर स्टॉल लगाने तथा संबंधित अधिकारियों को इन स्थानीय उत्पादों को ई-कार्मस साइट पर बेचने हेतु समूह के सदस्यों को  जानकारी देने हेतु निर्देशित किया। समूहों द्वारा उन्हें अपने उत्पाद भेंट किए गए।
इसके बाद उन्होंने गोपीनाथ मन्दिर में पूजा अर्चना कर देश और प्रदेश के लोगों की खुशहाली की कामना की।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी डॉ अभिषेक त्रिपाठी, संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिनव शाह, सीएमओ एसपी कुडियाल, अर्थ एवं संख्याधिकारी विनय जोशी, वीपी नौटियाल सहित समस्त जिलास्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

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वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए जनपदों में वन विभाग के नोडल अधिकारी तैनात किये जाए- मुख्यमंत्री

शीतलाखेत (अल्मोड़ा) मॉडल को अपनाया जाय।

अनुसंधान से जुड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के सहयोग से वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाए।

वन सम्पदाओं से लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाए।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में वनाग्नि की रोकथाम के संबंध में समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वनाग्नि को रोकने के लिए वनाग्नि से प्रभावित जनपदों में शीघ्र वन विभाग के उच्चाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया जाय। जनपदों में डीएफओ द्वारा लगातार क्षेत्रों का भ्रमण किया जाए।  वन विभाग, राजस्व, पुलिस एवं अन्य संबंधित विभागों के साथ ही जन सहयोग लिया जाए। महिला मंगल दल, युवक मंगल दल, स्वयं सहायता समूहों एवं आपदा मित्रों से भी वनाग्नि को रोकने में सहयोग लिया जाय। वनाग्नि को रोकने के लिए आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग किया जाए। रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए। चारधाम यात्रा के दौरान वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए शीतलाखेत (अल्मोड़ा) मॉडल  को अपनाया जाय। शीतलाखेत के लोगों ने जंगलों और वन संपदा को आग से बचाने के शपथ ली। उन्होंने संकल्प लिया कि वे पूरे फायर सीजन में वे अपने खेतों में कूड़ा और कृषि अवशेष नहीं जलायेंगे। इस क्षेत्र में ग्रामीणों महिला मंगल दल और युवक मंगल दल ने ओण दिवस के रूप में जंगल बचाओ, पर्यावरण बचाओ की शपथ ली। वनाग्नि को रोकने के लिए दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक दोनों योजनाएं बनाई जाए। दीर्घकालिक योजनाओं के लिए अनुसंधान से जुड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से समन्वय स्थापित कर योजना बनाई जाए। इकोनॉमी और ईकॉलॉजी का समन्वय स्थापित करते हुए कार्य किये जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए एक नई कार्य संस्कृति एवं कार्य व्यवहार से सभी को कार्य करना होगा। वन सम्पदाओं के संरक्षण के साथ ही वन सम्पदाओं से लोगों की आजीविका को कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पिरूल के एकत्रीकरण एवं उससे लोगों की आजीविका कैसे बढ़ाई जा सकती है, इसके लिए ठोस नीति बनाई जाए। राज्य में वन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसा मॉडल तैयार किया  जाए कि इसका संदेश देश-दुनिया तक जाए। वन्य जीवों की सुरक्षा एवं जल स्रोतों के संरक्षण के लिए प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। वनाग्नि को रोकने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के लिए स्कूलों में करिकुलर एक्टिविटी करवाई जाए।
वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारी जन सहभागिता पर विशेष ध्यान दें। वन सम्पदाओं से लोगों की आर्थिकी को जोड़ने के लिए सुनियोजित रणनीति बनाई जाए। वन पंचायतों में फॉरेस्ट फायर मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक श्री विनोद कुमार सिंघल, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर श्री सुशील कुमार एवं सभी जनपदों से जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं डीएफओ उपस्थित थे।                        ******

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार 03 मई को राज्य के चारधामों में से गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट खुलने के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 03 मई को गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही 06 मई को भगवान केदारनाथ जी एवं 08 मई को भगवान बद्रीनाथ जी के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है, श्रद्धालुओं का अतिथि देवो भवः की परम्परा के अनुरूप राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सफल यात्रा की भी मुख्यमंत्री ने कामना की है।

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मुख्यमंत्री ने अक्षय तृतीया पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को अक्षय तृतीया की बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष बैशाख माह की तृतीया तिथि को मनाये जाने वाला यह पर्व मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। यह पर्व हम सबके जीवन में सौभाग्य एवं समृद्धि लेकर आए इसकी भी मुख्यमंत्री ने कामना की है।

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अपर मुख्य सचिव मा.मुख्यमंत्री ने दिए कार्मिकों को समय पर कार्यालय उपस्थित होने के निर्देश

अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री सचिवालय में बेहतर कार्य संस्कृति विकसित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात प्रत्येक कार्मिक से यह अपेक्षा की है कि वे प्रातः 9ः30 बजे अपने कार्यालयों में उपस्थिति सुनिश्चित करें। इस हेतु आवश्यक है कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा स्वयं अथवा अपने अधीनस्थों से सम्बन्धित निजी स्टाफ / अनुभागों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाय। यदि कोई कार्मिक 3 दिन कार्यालय में विलम्ब से उपस्थित पाया जाता है तो सम्बन्धित कार्मिक के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही हेतु संस्तुति सचिवालय प्रशासन विभाग को अग्रसारित की जायेगी।

अपर मुख्य सचिव, मा. मुख्यमंत्री श्रीमती राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री कार्यालय से संबद्ध सभी सचिवों, प्रभारी सचिव से कार्मिकों की कार्यालयों में समय पर उपस्थिति की निरीक्षण आख्या भी नियमित रूप से उपलब्ध कराए जाने की भी अपेक्षा की है।