राज्यपाल ने समस्त राज्य विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक ली।#राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाशपर्व बधाई दी #जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में ठोस कार्य योजना बनाई जाय:मुख्यमंत्री धामी।जनपद पौड़ी गढवाल में श्रीनगर रामलीला मैदान में लगा स्वास्थ्य मेला। -www.janswa.comr

-अरुणाभ रतूड़ी

 

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने समस्त राज्य विश्वविद्यालयों को बेस्ट पै्रक्टिस साझा करने तथा आपसी समन्वय हेतु एमओयू करने के निर्देश दिए है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालयों की आन्तरिक समस्याओं का समाधान कुलपति स्तर पर ही हो जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों द्वारा अकादमिक ज्ञान, अनुसंधान तथा टेक्नॉजिकल रिसर्च को जमीनी स्तर पर उतारा जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य में रिवर्स पलायन, महिला सशक्तीकरण, ऑर्गेनिक फार्मिंग के क्षेत्र में हो रहे कुछ अच्छे प्रयासों को जनक्रान्ति में बदलना होगा, हमें मात्र कुछ उदाहरणों से संतुष्ट नही होना है।
राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को राजभवन में समस्त राज्य विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक ली। राज्यपाल ने बैठक में स्पष्ट किया कि संबद्वता के मामलों में गहन तथा विश्वसनीय निरीक्षण रिर्पोट पर बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्ज्न् के सहयोग से एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एण्ड्रॉयड बेस्ड एप विकसित किया जायेगा, जिसमें राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की जानकारी उपलब्ध होगी। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में रजिस्ट्रार तथा कुलपतियों के सम्बन्ध एक दूसरे से सहयोगपूर्ण एवं सम्पूरक होने चाहिए। उन्हें एक दूसरे का प्रतिस्पर्धी नही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थी केन्द्रित होनी चाहिए, छात्रों का सर्वागीण विकास एवं शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार ही हमारा ध्येय वाक्य होना चाहिए। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कुलपतियों से उत्तराखण्ड को लेकर अपना विजन साझा किया जिसमें रिवर्स माइग्रेशन, महिला सशक्तीकरण, स्वयं सहायता समूहों की मजबूती, नेचुरल तथा ऑर्गेनिक फार्मिंग हेतु विश्वविद्यालयों को कार्य करने की अपेक्षा की गई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय राज्य में युवाओं के माध्यम से सोच विचार के क्षेत्र में गेम चेंजर की भूमिका निभा सकते है।
बैठक में राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपने विश्वविद्यालय की वेबसाइट को अपडेट किए जाने, सम्बद्धता विषयक मानकों का उल्लघंन करने वाले कॉलेजों के विरूद्ध कार्यवाही, वर्षा जल संग्रहण, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, सोलर एनर्जी, गोद लिए गए गांवों में विकास कार्यों आदि की ब्यौरेवार जानकारी राज्यपाल को दी।
बैठक में राज्यपाल के सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा, विधि परामर्शी श्री अमित कुमार सिरोही, सचिव उच्च शिक्षा श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी, उत्तराखण्ड मुक्त वि.वि के कुलपति डॉ. ओ.पी.नेगी, उत्तराखण्ड तकनीकी वि.वि व श्रीदेव सुमन वि.वि के कुलपति श्री पी.पी.ध्यानी, भरसार वि.वि के कुलपति श्री अजीत कुमार कर्नाटक, दून वि.वि की कुलपति डॉ.सुरेखा डंगवाल, कुमाऊँ वि.वि के कुलपति डॉ. एन.के.जोशी, जी.बी.पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी वि.वि के कुलपति डॉ. ए.के.शुक्ला, उत्तराखण्ड संस्कृत वि.वि के कुलपति प्रो.देवी प्रसाद त्रिपाठी तथा सोबन सिंह जीना वि.वि अल्मोड़ा के कुलपति प्रो. नरेन्द्र सिंह भण्डारी आदि उपस्थित थे।

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राज्यपाल ले जन गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेश वासियों को विशेष रूप से सिक्ख समुदाय के लोगों को सिक्खों के नौवें गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी, जो ‘हिंद की चादर’ नाम से प्रसिद्ध थे,  जिन्होंने मानवता के लिए उच्च बलिदान दिया था, उन्होंने लोगों की सेवा, परोपकार और मानवता का जो संदेश सदियों पहले दिया था वो आज पहले से अधिक प्रासंगिक है।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में ठोस कार्य योजना बनाई जाय। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में कार्य किये जाय। इसे वर्क कल्चर में लाना जरूरी है। जल संचय की दिशा में सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। इसमें जन सहयोग भी जरूरी है। जन सहभागिता से होने वाले कार्यों के अच्छे परिणाम मिलते हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिस भी विभाग द्वारा वृक्षारोपण करवाया जाता है, उन वृक्षों के संरक्षण एवं संवर्द्धन की पूरी जिम्मेदारी भी संबधित विभागों की होगी। उन्होंने कहा कि नलकूप एवं हैण्डपम्प जिस भी विभाग या संस्था द्वारा लगाये जा रहे हैं, उनके मेंटिनेंस के लिए उनकी जिम्मेदारी भी तय की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जल जीवन मिशन के कार्यों में और तेजी लाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि जल जीवन मिशन के तहत जिन घरों में नल लग चुका है, उनमें शुद्ध गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध हो। हर घर नल, हर घर जल पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाय। पेयजल की उपलब्धता के लिए जो व्यावहारिक दिक्कते आ रही हैं, उनका शीघ्रता से समाधान किया जाए। ग्रीष्मकाल में प्रदेश के किसी भी जनपद में पेयजल की कमी न हो, इसके लिए उपलब्ध साधनों के साथ ही शीघ्र ही प्रत्येक जनपद को दो-दो वाटर टेंकर उपलब्ध कराये जाएं। गर्मियों में पेयजल समस्या का समाधान एक बड़ी चुनौती है। पेयजल, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सभी की प्राथमिकताओं में है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत जलापूर्ति के लिए सुनियोजित व्यवस्था की जाय। चारधाम यात्रा मार्गों पर उच्च गुणवत्ता के 500 वाटर एटीएम लगाये जाए। वाटर एटीएम के साथ पानी की गुणवत्ता को भी डिस्प्ले किया जाय। चारधाम यात्रा आस्था का प्रतीक है। देश विदेश से लाखों श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखण्ड आते है। श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि यात्रा मार्गों पर सुलभ शौचालयों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता रहे।
सचिव पेयजल श्री नितेश कुमार झा ने जानकारी दी कि जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखण्ड में तेजी से कार्य हो रहा है। जल जीवन मिशन के तहत कार्य प्रगति में उत्तराखण्ड देश में छठवें स्थान पर है। जल जीवन मिशन के तहत स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों को शत प्रतिशत कवर कर लिया गया है। जल जीवन मिशन ग्रामीण के तहत राज्य के 62 प्रतिशत कनेक्शन दिये जा चुके हैं। दिसम्बर 2023 तक इसे शत प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। नाबार्ड फंड की 280 योजनाओं में से 244 पूर्ण हो चुकी है, शेष 36 इस साल पूरी हो जायेगी। नमामि गंगे की 23 योजनाओं में से 19 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 04 पर कार्य प्रगति पर है। पिछले 05 वर्षों में मा. मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत 336 घोषणाओं में से 293 के शासनादेश हो चुके हैं। जिसमें से 133 पूर्ण हो चुकी हैं जबकि 160 पर पर कार्य प्रगति पर है।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, अपर सचिव श्री नितिन भदौरिया, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, श्री उदयराज एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे

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आजादी के अमृत महोत्सव के अर्न्तगत आज खिर्सू विकासखण्डों के अन्तर्गत श्रीनगर के रामलीला मैदान में स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। आयोजित स्वास्थ्य मेले में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री स्थानीय विधायक डॉ0 धन सिंह रावत ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। आयोजित स्वास्थ्य शिविर में बाल रोग, नेत्र, नाक, कान, गला, हड्डी रोग, स्त्री रोग विशेषज्ञों, दन्त शल्यक व फिजिशियन द्वारा लोगों का परीक्षण कर स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श दिये गये। जिसमें स्थानीय लोगों के डिजिटल हेल्थ कार्ड आई0डी0, आयुष्मान कार्ड/गोल्डन कार्ड बनाने के साथ-साथ उच्च रक्तचाप, मधुमेह व कैंसर आदि की निशुल्क जाचें भी की गयी। स्वास्थ्य मेले में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के साथ कोविड-19 विशेष टीकाकरण अभियान भी चलाया गया। शिविर में स्वास्थ्य विभाग व हंस फाउंडेशन की टीम ने कुल 376 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया, जिसमें हंस फाउंडेशन की टीम ने 76 लोगों का रक्त परीक्षण किया। स्वास्थ्य मेले में 03 लोगों के दिव्यांग प्रमाण पत्र तथा 01 गोल्डन कार्ड बनाया गया।
श्रीनगर स्थित रामलीला मैदान में आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत स्वास्थ्य मेले का शुभारम्भ स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने पूजा-अर्चना कर दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने स्वास्थ्य परीक्षण कराने आये लोगों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहें है, जिसके तहत जनपद में विकासखण्डों में 18 से 22 अप्रैल तक स्वास्थ्य मेले आयोजित किये जा रहे है। कहा कि इस तरह के स्वास्थ्य मेलो का समय-समय पर आयोजन किया जाता रहेगा, जिससे आम जनमानस को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास दूरस्थ गांवों में भी स्वास्थ्य शिविर आयोजित करवाने का है जिससे छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान पंचायत स्तर पर ही हो सकेगा और ग्रामीणों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने व प्रसव के बाद घर तक पहुंचाने की निशुल्क व्यवस्था की जा रही है। आयोजित स्वास्थ्य मेले में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए मास्क वितरित करने के साथ ही रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ0 विजय कुमार जोगदण्डे, जिला अध्यक्ष भाजपा सम्पत सिंह रावत, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 प्रवीण कुमार, उपजिलाधिकारी श्रीनगर अजयवीर सिंह, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज सी.एम.एस रावत, एसीएमओ डॉ0 रमेश कुंवर, प्रभारी चिकित्सक डॉ0 जिशान अली, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर हंस फाउंडेशन सूरज, ब्लाक कोऑर्डिनेटर खण्डूरी, फार्मासिस्ट बिजेन्द्र रावत सहित सम्बधित अधिकारी, कर्मचारी व स्थानीय निवासी उपस्थित थे।