मुख्यमंत्री ने स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2023-24 में प्रतिभाग किया।#मुख्य सचिव डा.संधु ने प्रदेश मे पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा की #राजपुर व खत्याड़ी वासियों ने सीलन व जल निकासी से निजात दिलाने की मांग की-www.janswar.comf

मुख्यमंत्री ने स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2023-24 में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सुभाष रोड, देहरादून स्थित एक होटल में नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2023-24 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने  नाबार्ड द्वारा तैयार किये गये स्टेट फोकस पेपर 2023-24 का विमोचन किया।  नाबार्ड द्वारा वर्ष 2023-24 हेतु उत्तराखण्ड राज्य के लिए प्राथमिकता क्षेत्र में 30301 करोड़ रूपये की ऋण संभाव्यता का आंकलन किया गया है। जो विगत वर्ष की तुलना में 6.22 प्रतिशत अधिक है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नाबार्ड का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में कृषि, बागवानी तथा लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्योगों के विकास हेतु इस वर्ष करीब तीस हजार करोड़ रूपये से अधिक की ऋण योजना तैयार की है। जो पिछले साल की तुलना में 6.22 प्रतिशत अधिक है। यह हमारे किसानों, बागवानी तथा छोटे-छोटे उद्योगों में लगे लोगों की आजीविका बढ़ाने में कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस ऋण व्यवस्था की सही प्रकार से निगरानी एवं पारदर्शिता की आवश्यकता होगी, ताकि जरूरतमंद लोगों को ऋण लेने में कोई परेशानी न हो। आम जन योजनाओं का पूरा लाभ ले सकें। ऋण को सही, जरूरतमंद और योग्य लोगों तक सरलता से पहुंचाने में सबसे बड़ी भूमिका बैंकों की है। बैंकों को ध्यान देना होगा कि जरूरतमंद और योग्य लोगों को ऋण सम्बन्धित औपचारिकताओं के लिए अनावश्यक न भटकना पड़े। इसके लिए बैंकों को मिशन मोड पर काम करना होगा । नाबार्ड की इस ऋण योजना के आवंटन के लिए प्रत्येक बैंक ब्रांच को एक निश्चित टारगेट के साथ काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में निवेश और लोन के द्वारा ही विकास और उन्नति संभव है। यह हमारे रिवर्स पलायन मिशन के लिए भी आवश्यक है। सरकार ग्रामीण इलाकों में आधारभूत सुविधाओं, सड़क, कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। इसके लिए नाबार्ड का भी लगातार सहयोग मिलता रहता है। पिछले वर्ष ही नाबार्ड ने उत्तराखण्ड को दस हजार करोड़ रूपये की 4515 परियोजनाओं की मंजूरी दी। इसके लिए उन्होंने नाबार्ड का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के इंफ्रास्टक्चर को मजबूत और आधुनिकतम बनाने पर लगातार कार्य कर रही है, ताकि राज्य के शहरी इलाकों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी निवेश बढ़े। उन्होंने कहा कि रूद्रप्रयाग, बागेश्वर और टिहरी ऋण की कमी वाले तीन जिलों में ऋण आवंटन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंको के अलावा राज्य सरकार आम लोगों के लिए भी सब्सिडी, क्रेडिट लिंक्ड योजनाओं और ब्याज अनुदान जैसे योजनाओं को लागू कर रही है। जिसके अंतर्गत वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना, दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनाएं संचालित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों की भौगोलिक परिस्थितियां अलग-अलग है। भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भी योजनाओं का सही क्रियान्वयन करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत द्वारा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जो भी प्रस्ताव रखे जाते हैं, उन पर गम्भीरता से फैसले भी लिये जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत इस वर्ष जी 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। यह देश के लिए ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ को बढ़ावा देने का अच्छा अवसर है। जी 20 की 02 महत्वपूर्ण बैठकें उत्तराखण्ड में भी प्रस्तावित हैं। भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अन्तरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष भी घोषित किया है। इससे हमारे मोटे अनाजों को तेजी से बढ़ावा मिलेगा। भारत सरकार द्वारा मण्डुवा को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय करने की स्वीकृति प्रदान करने पर उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त किया।
नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में जानकारी दी गई कि नाबार्ड ने महिलाओं को सशक्त बनाने तथा उनके लिए सतत आजीविका सृजित करने के 91 लघु उद्यमिता विकास कार्यक्रम व 23 आजीविका उद्यमिता विकास कार्यक्रम के माध्यम से 5280 स्वयं सहायता समूह/जेएलजी को प्रशिक्षित कर उन्हें अपना व्यवसाय करने के लिए प्रेरित किया। नाबार्ड राज्य में एफपीओ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है अभी तक कुल 132 एफपीओ (31 सेंट्रल सेक्टर स्कीम सहित) बनाए गये हैं।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी, सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, नाबार्ड के प्रभारी अधिकारी डॉ. सुमन कुमार, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई श्रीमती लता विश्वनाथ, जनरल मैनेजर श्री सुनील कौशिक, डीजीएम श्री निर्मल कुमार, एसएलबीसी के संयोजक श्री नरेन्द्र रावत, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री बीवीआरसी पुरूषोत्तम, श्री दिलीप जावलकर एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

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मुख्य सचिव डा.संधु ने प्रदेश मे पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा की

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में पर्यटन विभाग के साथ पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश में भावी संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। मुख्य सचिव ने सचिव पर्यटन को पर्यटन प्रदेश में आर्थिकी और रोजगार का महत्त्वपूर्ण साधन है। चारधाम यात्रा के साथ ही प्रदेश के पर्यटक स्थल इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सप्ताहांत में पूरे सालभर अधिकतम पर्यटक दिल्ली एनसीआर से आते हैं, और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद जब दिल्ली-एनसीआर के पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, उसके लिए हमें अभी से तैयारियां शुरू करनी होंगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए हमें पर्यटकों को नए पर्यटक स्थल और नए साहसिक खेलों को शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश-विदेश में अभी पर्यटन के क्षेत्र में क्या-क्या नया हो रहा है, और उन में से उत्तराखण्ड में क्या-क्या किया जा सकता है, इसकी एक लिस्ट तैयार की जाए। प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से यहां की भौगोलिक एवं प्राकृतिक स्थिति के अनुसार पर्यटन गतिविधियों की 02 कैटेगरी तैयार किए जाने के निर्देश दिए, जिसमें कैटेगरी ‘ए‘ में ऐसी गतिविधियों को रखने के निर्देश दिए जिन्हें तुरन्त शुरू किया जा सकता है एवं कैटेगरी ‘बी‘ में ऐसे गतिविधियां रखी जाएं जिन्हें शुरू किए जाने के लिए पहले कई प्रकार के कार्य किए जाने हैं। प्रदेश में हाई-एंड टूरिस्म को बढ़ावा देने के लिए सम्भावनाएं तलाशी जाएं। फाईव स्टार होटल और रिजॉर्ट्स के क्षेत्र में प्राईवेट क्षेत्र को आकृषित किए जाने के लिए कार्य किया जाए। प्रदेश के शुद्ध वातावरण में ऐस्ट्रॉ विलेज की भी काफी सम्भावनाएं हैं। प्रदेश भर में इसके लिए 5, 10 जगहें चिन्हित कर इसे शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि वाटर स्पोर्ट्स में प्रदेश में अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। दिल्ली एनसीआर से अधिकतर पर्यटक राफ्टिंग एवं क्याकिंग आदि साहसिक खेलों के कारण वर्षभर उत्तराखण्ड आते हैं। टिहरी झील में वाटर बाईकिंग, पैरासेलिंग, आदि को तुरन्त शामिल किया जा सकता है। बंजी जम्पिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, वाईल्ड लाईफ सफारी, पैरा ग्लाईडिंग आदि जैसी तुरन्त शुरू की जा सकने वाली गतिविधियों को तुरन्त शुरू कर लिया जाए। इसके लिए प्राईवेट क्षेत्र से आने वाले लोगों को इंटरेस्ट सबवेंशन देकर बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की खूबसूरती को दिखाने के लिए हैलीकॉप्टर, हॉट एयर बलून आदि से प्रदेश के विभिन्न खूबसूरत पर्यटन स्थलों की एरियल व्यू की व्यवस्था की जा सकती है। इसके लिए ऋषिकेश हरिद्वार जैसी जगह पर लंडन आई ( London Eye ) जैसी संरचनाओं पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को बड़े शहरों में 5 से 10 जगहों पर स्केटिंग रिंग, आईस हॉकी, लाईट एंड साउंड शॉ आदि के लिए व्यवस्थाएं किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि इन गतिविधियों के शुरू होने के लिए प्रशिक्षित लोगों की भी आवश्यकता होगी। इसके लिए पर्यटन विभाग को प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी संचालित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को प्रदेश में होने वाली समस्त पर्यटन गतिविधियों की जानकारी एक जगह मिल सके इसके लिए पोर्टल को लगातार अपडेट किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने के लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी। यदि पॉलिसी में कुछ परिवर्तन करने की आवश्यकता होगी, वह भी किया जाएगा, ताकि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिले और यहां के युवाओं को रोजगार मिले।

इस अवसर पर सचिव पर्यटन श्री सचिन कुर्वे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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राजपुर व खत्याड़ी वासियों ने सीलन व जल निकासी से निजात दिलाने की मांग की

अल्मोड़ा(अशोक कुमार पाण्डेय) राजपुर व खत्याड़ी में आवासीय मकानों में लोगो को लंबे समय से भारी सीलन व पानी की निकासी की भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है,पिछले दिनों राजपुर वार्ड व खत्याड़ी के ग्रामीणों द्वारा धर्मनिरपेक्ष युवा मंच को इन समस्याओं के समाधान के लिए आग्रह किया गया था,धर्मनिरपेक्ष युवा मंच के सयोंजक विनय किरौला के नेतृत्व में इन इलाकों के दौरे के बाद धर्मनिरपेक्ष युवा मंच की पहल पर जिलाधिकारी अल्मोड़ा द्वारा उपरोक्त स्थानो का भूगर्भ वैज्ञानिकों, सिचाई विभाग के सहायक अभियंता,जिला प्रशासन की टीम द्वारा घरों में सीलन व पानी के रिसाव की संयुक्त जांच का आदेश दिया गया आज उपरोक्त विभागों की सँयुक्त जांच हुई,जिसमे सीलन के मुख्य कारणों में भगोलिक स्थिति व पानी की निकासी की उपयुक्त व्सवस्था का न होना पाया गया है,जिसके समाधान के लिए ड्रैनेज प्लान तैयार किया जा रहा है।
जल्द ही जल्द ही राजपुर व खत्याड़ी वासियों को सीलन व जल निकासी में हो रही समस्या से निजात दिलाया जाएगा।
इस मौके पर राजपुर व खत्याड़ी निवासीयो ने जिलाधिकारी अल्मोड़ा सहित विनय किरौला,श्याम कनवाल,जगदीश नगरकोटी,सुषमा आर्या, रवि कनवाल,राहुल कनवाल,मुन्ना लटवाल,मयंक पंत आदि धर्मनिरपेक्ष युवा मंच के सदस्यों का आभार जताया।
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