मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हेलीसेवाओं के विस्तार के साथ दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के दिये निर्देश#मुख्यसचिव की अध्यक्षता में  ने आपदा प्रबंधन  राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक  सम्पन्न # ये पहाड़ हमको पुकारते हैं और हम दौड़े चले आते हैं www.Janswar.com

-अरुणाभ रतूड़ी

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हेलीसेवाओं के विस्तार के साथ दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के दिये निर्देश

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में हेली सेवाओं के विस्तार के साथ ही दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये हैं। उन्होंने जौलीग्रांट के साथ ही पंतनगर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की व्यवस्था तथा विस्तारीकरण एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर भी ध्यान देने को कहा है। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों एवं पर्यटकों को बेहतर हवाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु टिकट बुकिंग एवं टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग रोकने के लिये भी कारगर व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने पर ध्यान देने को कहा है।
मंगलवार को सचिवालय में नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के निदेशक मण्डल की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बेहतर हवाई सुविधाओं के आधार पर हमें लोगों को उत्तराखण्ड आने के लिये प्रेरित करना होगा। ऐसा माहौल बनाना होगा ताकि उत्तराखण्ड आना लोगों की आदत बने। फ्रेंडली स्टेट के रूप में हमारी पहचान के साथ राज्य में पर्यटन तथा धार्मिक पर्यटन को अधिक से अधिक बढ़ावा मिले इसके लिये समेकित प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बतायी।
मुख्यमंत्री ने यूकाडा से आय के संसाधनों में वृद्धि के प्रयासों पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि पंतनगर में नाइट लैंडिंग की व्यवस्था बनाये जाने के साथ ही यहां से नियमित रूप से हवाई सेवा संचालित किये जाने के प्रयास किये जायं। यह भी व्यवस्था बनायी जाय कि पंतनगर एवं जौलीग्रांट में वायुयान से उतरने के बाद पर्यटकों को हेलीकॉप्टर से प्रदेश के विभिन्न सुरम्य पर्यटन स्थलों पर आने जाने की सुविधा उपलब्ध हो। उन्होंने नैनी सैनी, चिन्यालीसौड एवं गौचर हवाई पट्टियों को भी सुविधायुक्त बनाये जाने को कहा ताकि यहां पर भी छोटे वायुयान की सुविधा उपलब्ध हो सके।  उन्होंने उड़ान योजना के तहत विकसित किये जा रहे हेलीपोर्टों को भी आवश्यक संसाधनों से सुविधायुक्त बनाये जाने पर भी ध्यान देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान हेली टिकटों के बुकिंग तथा टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग पर प्रभावी नियंत्रण की कारगर व्यवस्था बनायी जाय। इस संबंध में हेली टिकटों की बुकिंग की व्यवस्था आईआरसीटीसी के माध्यम से बनाये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही।
बैठक में सचिव नागरिक उड्डयन श्री दिलीप जावलकर तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूकाडा श्री सी. रविशंकर द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभागीय कार्यकलापों की जानकारी दी गई। बैठक में यूकाडा की विगत बैठक की कार्यवाही की पुष्टि के साथ ही वर्तमान बैठक में प्रस्तुत विभिन्न विषयों पर चर्चा के साथ ही सहमति प्रदान की गई।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धू, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी श्री आनन्द बर्द्धन, विशेष प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, श्री शैलेश बगोली, श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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मुख्यसचिव की अध्यक्षता में  ने आपदा प्रबंधन  राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक  सम्पन्न

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में मंगलवार को आपदा प्रबंधन विभाग की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक संपन्न हुई।ब बैठक में राज्य आपदा मोचन निधि और राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के अंतर्गत विभिन्न प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में 208.12 करोड़ की लागत के बलियानाला ट्रीटमेंट कार्य को सहमति प्रदान की गई। मुख्य सचिव ने योजना पूर्ण होने की प्रस्तावित समय 4 साल को घटा कर 2 साल में पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्य 2 अथवा 3 शिफ्ट में युद्ध स्तर पर किया जाए। जो कार्य समानांतर शुरू किए जा सकते हैं, किए जाएं, एवं टेंडर भी तुरंत जारी किए जाएं। मुख्य सचिव ने इस कार्य में पर्यटन को जोड़े जाने की बात कही। बैठक के दौरान 1020.09 लाख की लागत के नैनीताल में डीएसबी कॉलेज बालिका छात्रावास और ठंडी सड़क के भूस्खलन की रोकथाम कार्य को भी सहमति प्रदान की गई।
मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग को प्रदेश में मानसून काल के दौरान विभिन्न जनपदों और रेखीय विभागों को दी जाने वाली राशि उपलब्ध कराने में उदारवादी होने की बात कही। साथ ही निर्देश दिए कि विभागों को टारगेट दिए जाएं ताकि तेजी से कार्य पूर्ण किए जा सकें, इससे आमजन की समस्याओं का तेजी से निस्तारण किया जा सकेगा। बैठक में 15.00 करोड़ की लागत से आपदा के त्वरित प्रतिवादन हेतु राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आईआरएस सिस्टम और सॉफ्टवेयर विकास कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने इसमें आईटीडीए को भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने 30.00 करोड़ की लागत के प्राकृतिक विपत्तियों के कारण क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की तात्कालिक मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यों को सहमति देते हुए उत्तराखण्ड जल संस्थान को प्रदेशभर के अधिक से अधिक कार्यों को शामिल करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक विपत्तियों के कारण पाइपलाइंस टूटने से बहुत से क्षेत्रों को पानी की समस्या से जूझना पड़ता है, इसके लिए शीघ्र बैठकें आयोजित कर सैचुरेशन प्लान तैयार किया जाए।
समिति की बैठक के दौरान 175.00 लाख की लागत के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटियोरोलॉजी (आईआईटीएम) पुणे के माध्यम से देहरादून और श्रीनगर में वज्रपात की चेतावनी हेतु सेंसर लगाए जाने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
इस अवसर पर सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, श्री आर. राजेश कुमार, श्री हरि चंद्र सेमवाल एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नर कुमाऊं श्री दीपक रावत एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन श्री सविन बंसल सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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ये पहाड़ हमको पुकारते हैं और हम दौड़े चले आते हैं


बॉलीवुड के मशहूर सिंगर रूप कुमार राठौर और सुनाली राठौर इन दिनों आये हैं अल्मोड़ा के बिनसर में

पहाड़ में हो रहे पलायन पर जताई चिंता

अल्मोड़ा। ये पहाड़ लोगों को हौसला देते हैं। यहां की हवा उर्जा। पानी में मिठास है तो यहां के लोग वाकई बेहद सरल और मेहनती हैं। बस पहाड़ के जो गांव खाली हो रहे हैं और युवा गांव में नहीं हैं। यह चिंता की बात है।लेकिन फिर भी हमको यहां के नेचर से प्यार है और हमारी जिंदगी भी यहीं है।
इन पहाड़ों ने हमको ताकत दी है। जिदंंगी भी संवारी है और हमारी तकदीर भी बदली है। ऐसा लगता है ये पहाड़ और यहां की प्रकृति हमको बुलाती है। ये पहाड़ जब भी हमको बुलाते हैं हम दौड़े चले आते हैं। यह बात बॉलीवुड के मशहूर सिंगर रूप कुमार राठौर और सुनाली राठौर ने कही। इन दिनों दोनों अल्मोड़ा बिनसर में ख्याली स्टेट में आये हुए हैं और आसपास के गांवों का भ्रमण कर रहे हैं। सामान्य लोगों की तरह जीवन बीता रहे हैं।

दोनों बातचीत में बताया कि अल्मोड़ा में वह बीते चालीस साल से आ रहे हैं।यहां से उनको बेहद लगाव है। बताया जब वह पहली बार 1981 में यहां आये। उस वक्त ना सड़क ठीक थी। ना यातायात के उचित साधन। बिजली भी नहीं थी। उस वक्त भी पहाड़ का नेचर अद्भुद था। आज भी यहांं का नेचर बेहद अलग है। लेकिन अब सुविधाएं पहले की अपेक्षा काफी ठीक हैं। इसलिए वह साल में एक या दो बार
अवश्य आते हैं।

पहाड़ के गांव में क्यों नहीं हैं बच्चें ?जताई चिंता
सिंगर रूप कुमार राठौर और सुनाली राठौर ने कहा कि इस बार वह अपनी शादी की सालगिरह मनाने पास के ही गांव में गए। यहां पर उनको लगा गांव में बड़ी संख्या में युवा होंगे। बच्चे होंगे। लेकिन गांव में बच्चें नहीं मिले। इस बात से उनको काफी दुख हुआ। इस पर उन्होंने कहा कि गांव के लोगोें से पूछने पर पता चला कि रोजगार के लिए यहां के बच्चें और युवा महानगरों में गए हैं। उन्होंने कहा कि क्यों न पहाड़ में रोजगार के साधन उपलब्ध कराएं जाएं। अगर यहां के बच्चों को गांव में ही इनकम के सोर्स उपलब्ध हो जायेेंगे तो वह गांव से दूर क्यों जायेंगे। कौन मॉ बाप बुढ़ापे में अपनी औलाद से दूर रहना चाहता है। यहां गांव में सिर्फ बूढ़े लोग ही रह रहे हैं। गांव में उचित संसाधन नहीं है। यदि वह बीमार होते हैं तो उनको जल्द से इलाज मिले। यह संभव नहीं है। सरकार को इस पर सोचना चाहिए।

हम मदद को तैयार…….
बॉलीबुड सिंगर्स रूप कुमार राठौर और सुनाली राठौर ने कहा कि पहाड़ के युवाओं को पहाड़ में रोजगार मिले। वह अपने घर में रहे हैं। इसके लिए हम भी मदद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कोई छोटा स्कूल बनाना हो या कोई छोटी फैक्ट्री लगानी हो यहां के लोकल उत्पादों से जुड़ा कोई काम हो तो उसमें हम भी मदद करने को तैयार हैं। यदि पहाड़ के युवाओं में अपने क्षेत्र में काम करेंगे इससे अच्छा और क्या हो सकता है। जो युवां यहां से निकल कर बाहर नौकरी करते हैं उनको भी कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। कौन सा उनके हाथ
में पैसे मिल रहे हैं। जब काम करते हैं तब पैसा मिलता है। अपने इलाके और गांव से जुदा होना अच्छी बात नहीं है।

बिनसर में कंपोज किये कई गीत गायक रूप कुमार राठौर ने बताया कि उन्होंने कई गीत का संगीत बिनसर में कंपोज किया। बताया कि नेचर के पास काम करना उनको बेहद अच्छा लगता है।
यहां पर उन्होंने एलबम मितवा एलबम यहां पर कंपोज किये हैं। उन्होंने अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी और अप्रैल में फिर से आने की बात कही।

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रूप कुमार राठौर एक भारतीय संगीत निर्देशक और पार्श्व गायक हैं। वह बेहतरीन गायकों में से एक हैं। वह स्वर्गीय पंडित चतुर्भुज राठौड़ के बेटे हैं, जो एक शास्त्रीय गायक और श्रवण (नदीम श्रवण युगल के संगीतकार) के भाई हैं। इसलिए उनकी संगीत की अच्छी पृष्ठभूमि है इसलिए उन्होंने शास्त्रीय संगीत भी सीखा है।
उन्होंने एक गजल गायक के रूप में अपना करियर शुरू किया और बाद में उन्होंने फिल्मों में गाना गाया। उनके तेरे लिए – वीर ज़ारा, मौला मेरे – अनवर, तेरी जस्टजू – शहर में शोर, ओ सैयां – अग्निपथ है और बार्डर फ़िल्म गीत हमेशा लोग गुनगुनाते हैं। जबकि सुनाली राठौर एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं। वह एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका भी हैं।