मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव की उच्चाधिकारियों के साथ की समीक्षा। #राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में फसल व बागवानी की वन्यपशुओं से सुरक्षा फेंसिंग के लिए 130 करोड़ ती होगी व्यवस्था-मुख्यमंत्री।# उलोसेआ की पटवारी/ लेखपाल परीक्षा सम्पन्न कराने हेतु आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने दिए निर्देश -www.janswar.com

-अरुणाभ रतूड़ी

  • मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव की उच्चाधिकारियों के साथ की समीक्षा।
  • सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम ने ली विस्तृत जानकारी।
  • भु-धंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के दिये निर्देश।
  • सभी संबंधित विभागों को दिये टीम भावना के साथ कार्य करने के निर्देश।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में जोशीमठ शहर के भू धसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था एवं भूधंसाव के कारणों आदि के संबंध में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ की अध्यतन स्थित की सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी चमोली से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने भुधंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।
उन्होंने कहा कि संकट की इस स्थिति में जानमाल की सुरक्षा एवं बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे समय में लोगों की मदद करना हम सबका दायित्व एवं जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति में लोगों में भरोसा बनाये रखने की भी बात कही। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों के पुनर्वास तथा उन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने में भी तेजी लाये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रभावितों को बेहतर से बेहतर क्या मदद कर सकते हैं इस पर ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में सबसे महत्वपूर्ण होता है लोगों में सरकार और प्रशासन का भरोसा बनाये रखना। इसमें धरातल पर काम करने वाले प्रशासनिक मशीनरी को संवेदनशीलता से काम करना होगा तथा स्थिति पर निगरानी बनाए रखनी होगी। इसके लिये हमें तात्कालिक तथा दीर्घकालीक कार्य योजना पर गंभीरता से कार्य करना होगा। तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, इसमें सरलीकरण तथा त्वरित कार्यवाही ही हमारा सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए। जोशीमठ मामले पर जल्द से जल्द हमारी कार्ययोजना बिल्कुल तय होनी चाहिए। हमारे लिये नागरिकों का जीवन सबसे अमूल्य है।
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता रहे। जरूरी होने पर एयर लिफ्ट की सुविधा रहे, इसकी भी तैयारी हो।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि तत्काल सुरक्षित स्थान पर अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाई जाए। तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाया जाए और जोशीमठ में अविलंब आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए। स्थाई पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर सहित अन्य स्थानों पर सुरक्षित जगह तलाशी जाए। कम प्रभावित क्षेत्रों में भी तत्काल ड्रेनेज प्लान तैयार कर काम शुरू हो। सहायता शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं हों। जिलाधिकारी और प्रशासन स्थानीय लोगों से निरंतर सम्पर्क में रहें। सम्भावित डेंजर जोन भी चिन्हित कर लिये जाएं। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाना जरूरी है। इस संबंध में सैटेलाइट इमेज भी उपयोगी हो सकती हैं। सभी विभाग टीम भावना से काम करें तभी हम लोगों की बेहतर ढंग से मदद करने में सफल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। यहां पर किये जाने वाले तात्कालिक महत्व के कार्यों को आपदा प्रबंधन नियमों के तहत सम्पादित करने की व्यवस्था बनायी जाय। ऐसे समय में लोगों की आजीविका भी प्रभावित न हो इसका भी ध्यान रखा जाय। लोगों की आपदा मद से जो भी मदद हो सकती है वह की जाय। उन्होंने प्रभावितों की मदद के लिये एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की पर्याप्त व्यवस्था करने तथा आवश्यकता पड़ने पर हेली सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून से पहले जोशीमठ में सीवरेज ड्रेनेज आदि के कार्य पूर्ण कर लिये जाय।
सचिवालय में आयोजित बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार, सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री सचिन कुर्वे, श्री दिलीप जावलकर, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ सुश्री रिद्विम अग्रवाल आदि के साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त गढ़वाल मण्डल श्री सुशील कुमार, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत सिन्हा, जिलाधिकारी चमोली श्री हिमांशु खुराना सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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  • जंगली जानवरों से खेती एवं बागवानी की
  • सुरक्षा के लिए राज्य के पर्वतीय जनपदों में फेंसिंग के लिए 130 करोड़ रूपये की व्यवस्था की जायेगी- मुख्यमंत्री  
  • ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के विस्तारीकरण के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की जायेगी।
  • मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना के तहत कुछ गांवों को चिन्हित कर विकसित किया जायेगा।
  • स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी ऑनलाईन मार्केटिंग की व्यवस्था की जाए।
  • मुख्यमंत्री ने सचिवालय में ली ग्राम्य विकास विभाग की बैठक।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ग्राम्य विकास विभाग की बैठक लेते हुए कहा कि जंगली जानवरों से खेती एवं बागवानी की सुरक्षा के लिए राज्य के पर्वतीय जनपदों में फेंसिंग की व्यवस्था के लिए 130 करोड़ रूपये की धनराशि की व्यवस्था की जायेगी। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के विस्तारीकरण के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना होगी शुरू। प्रधानमंत्री वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की भांति राज्य में मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना के तहत नेपाल बॉर्डर के कुछ गांवों को चिन्हित कर विकसित किया जायेगा। पीएम वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत राज्य के चीन की सीमा से लगे चार ग्राम नीति, माणा, मलारी एवं गूंजी चिन्हित हुए हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आजीविका दर्पण त्रैमासिक पत्रिका का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि अमृत सरोवर योजना के तहत अब 1200 और अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य मिला है, इनसे लोगों की आजीविका को कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस पर भी ध्यान दिया जाए। इनको मत्स्य पालन से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि पशुबाड़ के तहत लाभार्थियों को जो 48 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है, उसे बढ़ाने के लिए जल्द प्रस्ताव लाया जाए। कृषि, बागवानी एवं पशुपालन को राज्य में और तेजी से बढ़ावा दिया जाए। सेब एवं कीवी पर मिशन मोड में कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री प्रत्येक 15 दिन में इसकी स्वयं समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बागवानी को बढ़ावा देकर लोगों की आर्थिकी में तेजी से बढ़ाने के प्रयास किये जाए। राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी उचित ऑनलाईन मार्केटिंग की व्यवस्था के भी निर्देश उन्होंने दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लक्ष्य के सापेक्ष अवशेष आवास निर्माण कार्यों में तेजी से कार्य हो यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। राज्य सरकार के लक्ष्य के अनुसार वर्ष 2025 तक समूहों की 1.25 लाख महिला सदस्यों को लखपति दीदी बनाने के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करने पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों एवं कार्यदाई संस्थाओं द्वारा जो भवन बनाये जा रहे हैं, उनको पर्वतीय शैली में बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अभी तक जिनका मुआवजा भुगतान नहीं हुआ है, वह शीघ्र किया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि केंद्र पोषित योजनाओं में मनरेगा के तहत अमृत सरोवर योजना, आधार सीडिंग में उत्तराखण्ड राष्ट्रीय स्तर पर पहले एवं ससमय भुगतान में तृतीय स्थान पर है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत उत्तराखण्ड बजट आवंटन/स्वीकृति, रिवाल्विंग फंड तथा सामुदायिक निवेश निधि ( RF & CIF ) में प्रथम स्थान एवं लखपति दीदी सर्वे में द्वितीय स्थान पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत भी उत्तराखण्ड देश में पांचवे स्थान पर है।
 बैठक में जानकारी दी गई कि विगत पांच वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य में 5838 करोड़ की लगात से 11621 किमी. मार्गो का निर्माण किया गया एवं 875 बसावटें संयोजित की गई। उत्तराखण्ड राज्य स्थापना से 2017 तक राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 3994 करोड़ रूपये की लागत से 10243 किमी के कुल 1310 कार्य स्वीकृत हुए एवं 955 बसावटें संयोजित की गई। जबकि 2017 से अब तक राज्य में 6375 करोड़ रूपये की लागत से 10034 किमी के कुल 1468 कार्य स्वीकृत हुए हैं एवं 875 बसावटें संयोजित की गई हैं। विगत 05 वर्षों में राज्य में मनरेगा के तहत प्रतिवर्ष 5.5 लाख परिवारों को रोजगार से जोड़ा गया। 56 प्रतिशत रोजगार महिलाओं को दिया गया। आजीविका पैकेज के अन्तर्गत 13500 परिवारों को आजीविका संसाधनों से जोड़ा गया। दीनदयाल अन्त्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत विगत 05 वर्षों में 3.49 लाख परिवारों के 52613 समूहों में संगठित किया गया। 38882 समूहों को रिवाल्विंग फण्ड, 23952 समूहों को सी.आई.एफ की धनराशि वितरित की गई। 29289 समूह सदस्यों को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया।
बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री श्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, आयुक्त ग्राम्य विकास श्री आनन्द स्वरूप, अपर सचिव श्रीमती नितिका खण्डेलवाल, श्री उदयराज, श्री अरूणेन्द्र चौहान, श्री योगेन्द्र यादव एवं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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उत्तराखण्ड लोकसेवा आयोग की पटवारी /लेखपाल की परीक्षा सम्पन्न कराने को जिलाधिकारी ने दिए निर्देश

पौड़ी( 06 जनवरी, 2022) उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आगामी 08 जनवरी को जिले में आयोजित होने वाली राजस्व उप निरीक्षक(पटवारी/लेखपाल) परीक्षा के सफल सम्पादन हेतु जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने जिला कार्यालय स्थित एनआईसी कक्ष में संबंधित अधिकारियों के साथ तैयारियों की बैठक ली। उन्होंने परीक्षा केंद्रों के लिए तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट व जोनल मजिस्ट्रेटों को शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा सम्पन्न करवाने के निर्देश दिये। जनपद के पौड़ी, श्रीनगर व कोटद्वार में कुल 40 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं।

राजस्व उप निरीक्षक की परीक्षा को सफलता पूर्वक सम्पन्न करवाने हेतु जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि परीक्षा केंद्रों में पेयजल, शौचालय, विद्युत सहित  अन्य की व्यवस्था समय रहते पूरी करवाना सुनिश्चित करें। कहा कि इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी परीक्षार्थी द्वारा परीक्षा केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल फोन, स्मार्ट घड़ी सहित अन्य सामाग्री न हो। कहा कि चैकिंग के दौरान परीक्षार्थी के मोबाइल फोन व अन्य सामाग्री अलग कक्ष में रखें व उनकी सामाग्री की देखरेख के लिए एक कार्मिक तैनात करें। कहा कि 08 जनवरी को 11 से 01 बजे तक होने वाली परीक्षा सम्पन्न होने तक परीक्षा केंद्रों में धारा 144 लागू रहेगी। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को परीक्षा केंद्रों पर पेपर होने से पूर्व व पेपर समाप्त होने पर तैनानी बनाने के निर्देश दिये। कहा कि सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने-अपने क्षेत्रों के परीक्षा केंद्रों की निगरानी बनाये रखें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोषागार से पेपर ले जाते समय पूरी पुलिस बल भी तैनात रखें। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया पादर्शिता के साथ परीक्षा सम्पन्न करवाएं।
इस अवसर पर मुख्य शिक्षाधिकारी डॉ0 आनंद भारद्वाज, जिला शिक्षाधिकारी रामेंद्र कुशवाह, समीक्षा अधिकारी लोक सेवा आयोग से तृप्ति रावत व अन्य अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े रहे।