महाबगढ़ महादेव मंदिर हिमालय की गोद में एक अनूठा धार्मिक स्थल। WWW.JANSWAR.COM

पौड़ी गढ़वाल का महाबगढ़ मंदिर: जहाँ हर की पौड़ी तक दिखती थी त्रिशूल की परछाईं

(अरुणाभ रतूड़ी):- महाबगढ़ मंदिर उत्तराखंड राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के दुगड्डा ब्लॉक में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर कोटद्वार से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, जिसे ‘हाथी मथा’ (हाथी के सिर जैसा दिखाई देने वाला पहाड़) भी कहा जाता है।

यह शिव मंदिर हिमालय की सुंदर वादियों, हरे-भरे जंगलों और सुरम्य प्राकृतिक दृश्यों के बीच बसा हुआ है, जहां से हिमालय पर्वतमाला और आसपास के गांवों का मन मोह लेने वाला दृश्य देखने को मिलता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, प्राचीन काल में यहां स्थित मंदिर के त्रिशूल की परछाईं हरिद्वार के हर की पौड़ी तक दिखाई देती थी, जो इस मंदिर की अलौकिकता का प्रतीक है।
मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको नाथूखाल या दुगड्डा ब्लॉक से ट्रैकिंग करनी पड़ती है। रास्ते में खूबसूरत गांव, पहाड़ी आंवले के पेड़ और प्राकृतिक जलधाराएं यात्रा को और रोमांचक बना देते हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार पर घंटियों की कतार लगी हुई है, और दर्शन के लिए कई श्रद्धालु यहाँ आते हैं। मंदिर में महादेव की सुंदर मूर्ति स्थापित है, जिसे ‘आदि योगी’ के रूप में पूजा जाता है।
यह स्थान न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ट्रैकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। यहां से हिमालय, कोटद्वार, ऋषिकेश, हरिद्वार आदि के पर्वत द्रश्य स्पष्ट दिखते हैं।
महागढ़ मंदिर से जुड़ी खास बातें:- यह क्षेत्र ‘असवाल का गढ़’ भी कहलाता है।
यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और शांति मन मोह लेती है।
मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ती है।
यह स्थान भारतीय संस्कृति, पौराणिकता और प्रकृति का सुंदर संगम है।
जब भी आप पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक की यात्रा करते हैं, तो एक बार महाबगढ़ महादेव मंदिर अवश्य जाएं और वहां की दिव्यता एवं नैसर्गिक सौन्दर्य का आनंद लें।