प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाय:राज्यपाल#मुख्यमंत्री ने महाकाली (शारदा) नदी में लगभग 11 किमी तक राफ्टिंग की#उत्तराखंड पर्यटन ने की टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी स्किल काउंसिल के साथ साझेदारी#जिलाधिकारी गढवाल ने वनाग्नि के संबंध मे बैठक लेकर दिये आवश्यक निर्देश#अल्मोड़ा में बेटियों ने पिता की अर्थी को दिया कंधा व चिता को दी मुखाग्नि।#मुख्यमंत्री ने मां पूर्णागिरि मेले का शुभारम्भ किया-www.janswar.com

 

-अरुणाभ रतूड़ी

 

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाय: राज्यपाल

 

 

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गुरुवार को राजभवन में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न विभागीय योजनाओं व कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त की। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाय। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि दूरस्थ गांव में रह रहे लोगों तक मोबाइल वैन के माध्यम से जन औषधि केन्द्रों की सस्ती दरों पर उपलब्ध दवाइयों का लाभ मुहैया करवाया जाय। राज्यपाल ने कहा कि चारधाम यात्रा सहित कांवड़ यात्रा में भी जन औषधि परियोजना का प्रचार-प्रसार करें जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसकी जानकारी प्राप्त हो सके।

राज्यपाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आशा, आंगनबाड़ियों, पूर्व सैनिकों, रेडक्रॉस के वॉलेंटियर व एनसीसी के कैडेट्स को स्वास्थ्य मित्र बनाकर उनकी स्वास्थ्य सेवाओं हेतु मदद ली जाय। राज्यपाल ने कहा कि चारधाम यात्रा में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी एक चुनौति के रूप में है इसके लिए विभाग ऐसे विशेषज्ञ डॉक्टरों हेतु विशेष प्रोत्साहन द्वारा उनकी तैनाती के प्रयास करे।

राज्यपाल ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में नवीन तकनीकी जिनमें हैली एम्बुलेंस, ड्रोन आदि के उपयोग को बढ़ावा दिया जाना जरूरी है। दूरस्थ क्षेत्रों हेतु यह तकनीकी बेहद कारगर है और इन तकनीकों से लोगों को तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सकती हैं। उन्होंने टीबी मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत निः क्षय मित्र के संम्बध में भी जानकारी प्राप्त की और कहा कि अधिक से अधिक लोगों को निः क्षय मित्र बनने के लिए प्रेरित करें।

इस बैठक के दौरान सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने राज्यपाल के समक्ष विभागीय योजनाओं व कार्यक्रमों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनिता शाह, निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी, ड्रग कंट्रोलर श्री तेजवर सिंह, समन्वयक डॉ. तपन शर्मा, चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह मौजूद रहे

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मुख्यमंत्री ने महाकाली (शारदा) नदी में लगभग 11 किमी तक राफ्टिंग की

  • राज्य में साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के मकसद से खुद राफ्टिंग करने उतरे मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी।
  • राफ्टिंग के क्षेत्र में देश विदेश के नक्शे में आए टनकपुर : मुख्यमंत्री।
  • टनकपुर क्षेत्र में सितंबर माह में होगी नेशनल राफ्टिंग प्रतियोगिता, देश-विदेश के प्रतियोगी करेंगे प्रतिभाग।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को टनकपुर में टनकपुर-जौलजीबी रोड स्थित चरण मंदिर से बूम तक महाकाली नदी (शारदा नदी) में लगभग 11 कि.मी. राफ्टिंग की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महाकाली नदी एवं टनकपुर क्षेत्र भारत के साथ ही पूरे विश्व के नक्शे में आए इसके लिए राज्य सरकार लगातार कार्यरत है। उन्होंने कहा साहसिक खेल को बढ़ावा देकर हम इस क्षेत्र को एक नई पहचान दिलवाना चाहते हैं। आगामी सितंबर माह में महाकाली नदी में नेशनल राफ्टिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। जिसमें विभिन्न राज्य के प्रतिभागी भाग लेंगे। इस हेतु 50 लाख की धनराशि जारी की गई है। उन्होंने कहा राज्य सरकार के नए उत्तराखंड के संकल्प में साहसिक पर्यटन प्राथमिकता है। इसे बढ़ावा देने के लिए राज्य के विभिन्न स्थानों पर कई कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में टनकपुर क्षेत्र को भी राफ्टिंग से जोड़ने के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मां पूर्णागिरि मंदिर में आने वाले श्रद्धालु तीर्थ यात्रा के साथ साहसिक गतिविधियों  का भी आनंद लेंगे। इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। जिससे जिले एवं राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। उन्होंने कहा पूर्णागिरि मेले में आने वाले श्रद्धालु चंपावत एवं अन्य जिलों के धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों तक पहुंचे उस पर भी कार्य किया जा रहा है।
इस दौरान सांसद अजय टम्टा जिलाधिकारी नरेंद्र भंडारी, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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उत्तराखंड पर्यटन ने की टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी स्किल काउंसिल के साथ साझेदारी

देहरादून। रिस्पॉन्सिबल और सस्टेनेबल टूरिज़्म की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ते हुए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी स्किल काउंसिल (टीएचएससी) के साथ एक एम ओ यू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किया।

एमओयू पर हस्ताक्षर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में राजन बहादुर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, टीएचएससी और पूनम चंद अपर निदेशक, उत्तराखंड पर्यटन ने किए।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, ” उत्तराखंड की मेहमानवाजी पूरे देश के साथ पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह साझेदारी इसमें नया अध्याय जोड़ते हुए पर्यटन व्यवसाय में काम कर रहे लोगों को प्रशिक्षण के माध्यम से हमारी मेहमानवाजी को और प्रसिद्धि दिलाएगी। जब यहाँ के टैक्सी ड्राइवर, गेस्ट हाउस एवं ढाबा संचालक एवं टूरिस्ट गाइड बाहर से आए पर्यटकों को उनकी ही भाषा में अभिवादन करने के साथ पूरे प्रवास तक मार्गदर्शन करेंगे तो इससे पर्यटकों को अपनेपन की अनुभूति होगी और वो इन पर्यटकों को उत्तराखंड बार बार आने के लिए प्रेरित करेगी साथ ही यह साझेदारी पर्यटकों के लिए उत्तराखंड की संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य और करीब से देखने का अवसर भी प्रदान करेगी। इस साझेदारी से न केवल संस्कृतियों का आदान प्रदान होगा अपितु स्वरोजगार सृजन भी होगा”।

सचिन कुर्वे, पर्यटन सचिव, उत्तराखंड सरकार ने कहा, “उत्तराखंड पर्यटन को देश में एक नई ऊँचाई प्रदान करने के लिए हम प्रयासरत रहते हैं। यह समझौता ज्ञापन उसी दिशा में हमारा प्रयास है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का लक्ष्य आगामी चार धाम यात्रा को और अधिक सुगम बनाने के साथ राज्य के पर्यटन परिदृश्य में पहले से ही कार्यरत नागरिकों की तकनीकी और व्यवहारिक क्षमताओं को विकसित करने, सामाजिक विकास, स्वरोजगार एवं उद्यमिता के अवसरों को सुनिश्चित करने अलावा राज्य की अर्थव्यवस्था को एक नई गति प्रदान करनी हैI”

इस समझौता ज्ञापन के तहत धार्मिक अथवा अन्य पर्यटन के लिए बाहर से आए मेहमानों के यथोचित सत्कार एवं उनकी ही भाषा में अभिवादन कर उन्हें अपनेपन का अहसास दिलाने के साथ सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थल के नाते उत्तराखंड राज्य की विरासत को एक नई ऊँचाई पर ले जाना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत 4000 लोगों को अपस्किल और रिस्किल के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा जिनमें हेरिटेज टूर और नेचर गाइड के साथ-साथ धार्मिक अथवा चारधाम रूट पर ढाबा व गेस्ट हाउस संचालक एवं टैक्सी ड्राइवर शामिल हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रशिक्षुओं द्वारा पर्यटकों को जिम्मेदार पर्यटन के बारे में अवगत कराने के विषय के अतिरिक्त डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, स्वास्थ्य , स्वच्छता, सुरक्षा और उद्यमिता एवं स्वरोजगार विकास जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य के सभी 13 जनपदों में संचालित किया जाएगा।

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वनाग्नि के संबंध में जिलाधिकारी गढवाल ने बैठक  में अधिकारियों को दिए निर्देश

वनाग्नि घटनाओं की रोकथाम हेतु जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने एनआईसी कक्ष में समीक्षा बैठक ली। उन्होंने ब्लाक स्तर पर नामित नोडल अधिकारियों व अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी बनायें रखें, जंगलों में आग लगने पर तत्काल कंट्रोल रूम में उसकी जानकारी दें। वनाग्नि की जानकारी कंट्रोल रूम में न देने पर जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी/नोडल अधिकारी कोट का स्पष्टीकरण तलब किया।
गुरूवार को वनाग्नि घटनाओं की रोकथाम बैठक में जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारी, वन विभाग, पुलिस व ब्लाक स्तर पर नामित नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रतिदिन वनाग्नि की रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम को प्रस्तुत करें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कहा कि जंगलों में आग लगाने वाले लोेगों का पता चलता है तो तत्काल उसने विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्रों में वनाग्नि की रोकथाम के लिए ग्रामीण स्तर पर लोगों के साथ बैठक करें। जिससे जंगलों में आग लगने पर वनों को बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदार अधिकारी वनाग्नि जैसी घटनाओं के प्रति लापरवाही बरतेंगेेे उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने वन विभाग का एक कार्मिक आपदा प्रबंधन कंट्रोल में तैनात करने के निर्देश डीएफओ को दिये। उन्होंने परिवहन विभाग को कहा कि विभिन्न रूटो पर चलने वाले वाहन चालकों को कंट्रोल रूम का नम्बर दें, जिससे वह आग लगने की जानकारी कंट्रोल रूम को बता सकेंगे। जिलाधिकारी ने आमजनमानस से अपील करते हुए भी कहा कि जंगलों में आग लगने पर उसकी जानकारी कंट्रोल रूम को दें, जिससे वनो को बचाया जा सकेगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे,वन विभाग ल अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे

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अल्मोड़ा में बेटियों ने पिता की अर्थी को दिया कंधा व चिता को दी मुखाग्नि । 

अल्मोड़ा-(अशोक कुमार पाण्डेय) कुछ समय पूर्व यह माना जाता था कि  पिता की चिता में मुखाग्नि सिर्फ बेटा ही दे सकता है। बेटियां चिता को आग नहीं लगा सकती।परन्तु बदलते परिवेश में नहीं। अल्मोड़ा नगर में भी आज सामाजिक सोच से ऊपर उठकर तीन बेटियों ने अपने पिता की अंतिम शवयात्रा में कंधा लगाया। विश्वनाथ श्मशान घाट में पिता की चिता को मुखाग्नि भी दी। अंतिम संस्कार की सारी रस्में खुद निभाई।                अल्मोड़ा के रानीधारा में रहने वाले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अल्मोड़ा से रिटायर बसंत बल्लभ पांडे (82) का बीते बुधवार को निधन हो गया। चूंकि कछ माह पहले उनके पुत्र पत्रकार, आंदोलकारी और अधिवक्ता दिनेश पांडे का भी निधन हो गया था। आज स्वर्गीय पाण्डे का अंतिम संस्कार नगर के विश्वनाथ घाट में किया गया। यहां पर उनकी बेटी अधिवक्ता सुनीता पांडेय, मध्य प्रदेश में शिक्षक भावना पंत और भारती ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। तीनों बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को कंधा भी दिया। अंतिम संस्कार की सारी रस्में खुद निभाई। सभी ने बेटियों के इस काम की सराहना की।

विश्वनाथ घाट में  हुए इस अंतिम संस्कार  में भाजपा विधायक सहित शहर के गणमान्धाय लोग उपस्थित रहे

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मुख्यमंत्री ने मां पूर्णागिरि मेले का शुभारम्भ किया

एक दिवसीय चंपावत दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को टनकपुर के ठुलीगाड़, पूर्णागिरी मार्ग  में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तर भारत के प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख, शांति एवं खुशहाली की कामना की।
इस दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा करते हुए कहा कि ककराली गेट, टनकपुर से मां पूर्णागिरि धाम तक यात्रा मार्ग में विद्युत विभाग द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। मां पूर्णागिरि धाम में लगने वाले मेले व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन हेतु मंदिर समिति को अनुदान दिया जाएगा। टनकपुर जौलजीबी मोटर मार्ग के बाटनागाड़ में पुल का निर्माण किए जाने, भैरव मंदिर में स्थाई पुलिस चौकी बनाए जाने, पूर्णागिरि क्षेत्र को इको टूरिज्म हब के रूप में विकसित किए जाने, टनकपुर शारदा नदी के तट पर कर्मशाला का निर्माण किए जाने, बनबसा में मुक्तिधाम का निर्माण किए जाने, बनबसा खटीमा सितारगंज होते हुए टनकपुर से राजस्थान खाटूश्याम के लिए बस सेवा शुरू किए जाने, चम्पावत पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात हेतु रात्रि में भी खोले जाने, राजकीय प्राथमिक विद्यालय भजनपुर में एक फ्लोर और चार अतिरिक्त कक्ष बनाये जाने, चंपावत में साइंस सेंटर का निर्माण किए जाने, श्री पूर्णागिरी मंदिर घाटी क्षेत्र में हेलीपैड का निर्माण किया जाने एवं आदि कैलाश, ओम पर्वत की यात्रा को जाते वक्त अल्मोड़ा से एवं चम्पावत के रास्ते यात्रा को वापस लाए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने माँ पूर्णागिरि मेले के शुभारंभ अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे इस पावन मेले का शुभारंभ कर मां पूर्णागिरि मैया के चरणों में शीश नवाने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा मां पूर्णागिरि मैया की महिमा से हम सभी भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने कहा पूर्णागिरि मेला उत्तर भारत का प्रसिद्ध मेला है जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु विभिन्न स्थानों से आते हैं। उन्हें प्रत्येक सुविधा मुहैया कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।