प्रधानमंत्री ने नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया #मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में प्रतिभाग किया।# चमोली पुलिस ने एक साल से फरार अभियुक्त को हरियाणा से किया गिरफ्तार# यूपीएससी परीक्षा में 58वीं रेंक पाने वाली आई ए एस दीक्षिता जोशी का  अल्मोड़ा पँहुचने पर हुआ स्वागत www.janswar.com

प्रधानमंत्री ने नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया

स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया

“नई संसद 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है”

“ये विश्व को भारत के दृढ संकल्प का संदेश देता हमारे लोकतंत्र का मंदिर है”

“जब भारत आगे बढ़ता है, तो विश्व आगे बढ़ता है”

“यह हमारा सौभाग्य है कि हम पवित्र सेंगोल की गरिमा को बहाल कर सके। सेंगोल सदन की कार्यवाही के दौरान हमें प्रेरित करता रहेगा”

“हमारा लोकतंत्र हमारी प्रेरणा है और हमारा संविधान हमारा संकल्प”

“अमृत काल हमारी धरोहर को सहेजते हुए विकास के नए आयाम गढ़ने का काल है”

“आज का भारत दासत्व की मानसिकता को पीछे छोड़कर कला के प्राचीन वैभव को अंगीकार कर रहा है, यह नया संसद भवन इसी प्रयत्न का जीता-जागता उदाहरण है”

“हम इस भवन के कण-कण में एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का अवलोकन करते हैं”

“यह पहली बार है कि श्रमिकों के योगदान को नई संसद में अमर कर दिया गया है”

“इस नए संसद भवन की हर ईंट, हर दीवार, हर कण गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित होगा”

“यह 140 करोड़ भारतीयों का संकल्प है जो नई संसद को अर्पित किया गया है”

Posted Date:- May 28, 2023

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नवनिर्मित संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया। इससे पूर्व, प्रधानमंत्री ने नवनिर्मित संसद भवन में पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर मुख करके शीर्ष पर नंदी के साथ सेंगोल को स्थापित किया। उन्होंने दीया भी प्रज्वलित किया और सेंगोल को पुष्प अर्पित किए।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र के इतिहास में कुछ क्षण ऐसे होते हैं जो अमर होते हैं। कुछ तिथियां समय के चेहरे पर अमर हस्ताक्षर बन जाती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 28 मई, 2023 एक ऐसा ही दिन है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने अमृत महोत्सव के लिए खुद को उपहार दिया है। प्रधानमंत्री ने इस गौरवशाली अवसर पर सभी को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल एक भवन नहीं है बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि ये विश्व को भारत के दृढ संकल्प का संदेश देता हमारे लोकतंत्र का मंदिर है। उन्होंने कहा कि यह नया संसद भवन योजना को वास्तविकता से, नीति को कार्यान्वयन से, इच्छाशक्ति को निष्पादन से और संकल्प को सिद्धि से जोड़ता है। यह स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का माध्यम बनेगा। यह आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा और एक विकसित भारत का निर्माण होता देखेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नया भवन प्राचीन और आधुनिक के सह-अस्तित्व का उदाहरण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नए मॉडल केवल नए मार्गों पर चलकर ही स्थापित किए जा सकते हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि नया भारत नए लक्ष्यों को प्राप्त कर रहा है और नए पथ प्रशस्त कर रहा है। श्री मोदी ने कहा कि एक नई ऊर्जा, नया जोश, नया उत्साह, नई सोच और एक नई यात्रा है। नई दृष्टि, नई दिशाएं, नए संकल्प और एक नया विश्वास है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व भारत के संकल्प, उसके नागरिकों के उत्‍साह और भारत में मानव शक्ति के जीवन को सम्मान और आशा की दृष्टि से देख रहा है। उन्होंने कहा कि जब भारत आगे बढ़ता है, तो विश्व आगे बढ़ता है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि संसद का यह नया भवन भारत के विकास से विश्व के विकास का भी आह्वान करेगा।

प्रधानमंत्री ने पवित्र सेंगोल की स्थापना का उल्लेख करते हुए कहा कि महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को सेवा कर्तव्य और राष्ट्र के पथ के प्रतीक के रूप में देखा जाता था। उन्होंने कहा कि राजाजी और अधीनम के मार्गदर्शन में यह सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का पवित्र प्रतीक बन गया। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर आज सुबह इस अवसर पर आशीर्वाद देने आए अधीनम संतों को नमन किया। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम इस पवित्र सेंगोल की गरिमा को बहाल कर सके। जब भी इस संसद भवन में कार्यवाही शुरू होगी, सेंगोल हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र ही नहीं बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र वैश्विक लोकतंत्र के लिए प्रमुख आधार है। उन्होंने रेखांकित किया कि लोकतंत्र केवल एक प्रणाली नहीं है जो भारत में प्रचलित है बल्कि यह एक संस्कृति, विचार और परंपरा है। वेदों का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि यह हमें लोकतांत्रिक सभाओं और समितियों के सिद्धांतों का पाठ पढाता है। उन्होंने महाभारत का भी उल्लेख किया जहां एक गणतंत्र का वर्णन किया गया है और कहा कि भारत ने वैशाली में गणतंत्र को जीया है और उसकी अनुभूति की है। श्री मोदी ने कहा कि भगवान बसवेश्वर का अनुभव मंटप्पा हम सभी के लिए गर्व की बात है। तमिलनाडु में पाए गए 900 ईस्वी के शिलालेखों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आज के दिन और युग में भी सभी को आश्चर्यचकित करता है। श्री मोदी ने कहा कि हमारा लोकतंत्र ही हमारी प्रेरणा है, हमारा संविधान ही हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि इस प्रेरणा, इस संकल्प की सबसे श्रेष्ठ प्रतिनिधि, हमारी ये संसद ही है। एक श्लोक का वर्णन करते हुए प्रधानमंत्री ने व्याख्या की कि भाग्य उन लोगों के लिए समाप्त हो जाता है जो आगे बढ़ना बंद कर देते हैं, लेकिन जो आगे बढ़ते रहते हैं उनका भाग्य निरंतर ऊंची उड़ान भरता रहता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षों की गुलामी और बहुत कुछ खोने के बाद भारत ने फिर से अपनी नई यात्रा शुरू की और अमृत काल में पहुंच गया। उन्होंने कहा कि अमृत काल हमारी धरोहर को संरक्षित करते हुए विकास के नए आयामों को गढ़ने का काल है। यह अमृत काल देश को नई दिशा देने वाला है। यह असंख्य आकांक्षाओं को पूरा करने वाला अमृत काल है। एक श्लोक के माध्यम से लोकतंत्र के लिए नए जीवनरक्त की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र का कार्यस्थल यानी संसद भी नई और आधुनिक होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने भारत की समृद्धि और वास्तुकला के स्वर्णिम काल का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि सदियों की गुलामी ने हमारा यह गौरव छीन लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का भारत आत्मविश्वास से भरा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़कर कला के उस प्राचीन वैभव को अपना रहा है। यह नया संसद भवन इस प्रयास का जीता-जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस भवन में विरासत के साथ-साथ वास्तु, कला, कौशल, संस्कृति और संविधान के नोट्स भी हैं। उन्होंने बताया कि लोकसभा की आंतरिक सज्जा की थीम राष्ट्रीय पक्षी मोर और राज्यसभा की थीम राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है। संसद परिसर में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद है। नए भवन में देश के विभिन्न हिस्सों की विशिष्टताओं को शामिल किया गया है। उन्होंने राजस्थान से ग्रेनाइट, महाराष्ट्र से लकड़ी और भदोई कारीगरों द्वारा कालीन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हम इस इमारत के कण-कण में एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का अवलोकन करते हैं।

प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन में काम करने में सांसदों के सामने आने वाली कठिनाइयों की ओर इंगित किया और सदन में तकनीकी सुविधाओं की कमी और सीटों की कमी के कारण विद्यमान चुनौतियों का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक नई संसद की आवश्यकता पर दशकों से चर्चा की जा रही थी और यह समय की मांग थी कि एक नई संसद का विकास किया जाए। उन्होंने प्रसन्नता जताई की कि नया संसद भवन नवीनतम तकनीक से सुसज्जित है और सभा कक्ष भी सूरज की रोशनी से भरे पूरे हैं।

नई संसद के निर्माण में योगदान देने वाले ‘श्रमिकों’ के साथ अपनी बातचीत का स्मरण करते हुए उन्‍होंने बताया कि संसद के निर्माण के दौरान 60,000 श्रमिकों को रोजगार दिया गया था और उनके योगदान को रेखांकित करते हुए सदन में एक नई दीर्घा बनाई गई है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि नई संसद में श्रमिकों के योगदान को अमर कर दिया गया है।

पिछले 9 वर्षों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी विशेषज्ञ इन 9 वर्षों को पुनर्निर्माण और गरीब कल्याण के वर्षों के रूप में मानेगा। उन्होंने कहा कि नए भवन के लिए गर्व के क्षण में निर्धनों के लिए 4 करोड़ घरों के लिए भी उन्हें संतोष का अनुभव हुआ। इसी तरह प्रधानमंत्री ने 11 करोड़ शौचालय, गांवों को जोड़ने के लिए 4 लाख किमी से अधिक सड़कों, 50 हजार से अधिक अमृत सरोवरों और 30 हजार से अधिक नए पंचायत भवनों जैसे कदमों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पंचायत भवनों से लेकर संसद तक केवल एक प्रेरणा ने हमारा मार्गदर्शन किया और वो है राष्ट्र और उसके लोगों का विकास।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन का स्‍मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक देश के इतिहास में एक समय आता है जब उस देश की चेतना जागृत होती है। उन्होंने रेखांकित किया कि स्वतंत्रता से 25 वर्ष पूर्व गांधी जी के असहयोग आंदोलन के दौरान भारत में ऐसा समय आया था जिसने पूरे देश को एक विश्वास से भर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी ने स्वराज के संकल्प से हर भारतीय को जोड़ा था। यह वह समय था जब हर भारतीय स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा था। उन्होंने कहा कि इसका परिणाम 1947 में भारत की स्वतंत्रता थी। श्री मोदी ने कहा कि आज़ादी का अमृत काल स्वतंत्र भारत में एक चरण है जिसकी तुलना ऐतिहासिक अवधि से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत अगले 25 वर्षों में अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा जो कि ‘अमृत काल’ है। प्रधानमंत्री ने इन 25 वर्षों में प्रत्येक नागरिक के योगदान से भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारतीयों का विश्वास केवल राष्ट्र तक ही सीमित नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम ने उस समय विश्व के कई देशों में एक नई चेतना जगाई थी। उन्होंने कहा कि जब विविधताओं से भरा भारत जैसा देश, विभिन्न चुनौतियों से निपटने वाली विशाल आबादी वाला देश, एक विश्वास के साथ आगे बढ़ता है, तो इससे विश्व के कई देशों को प्रेरणा मिलती है। आने वाले दिनों में भारत की हर उपलब्धि विश्व के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग देशों के लिए उपलब्धि बनने जा रही है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत की जिम्मेदारी अब बड़ी हो गई है क्योंकि विकसित होने का इसका संकल्प कई अन्य देशों की शक्ति बन जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नया संसद भवन अपनी सफलता में देश के विश्वास को सुदृढ़ करेगा और सभी को एक विकसित भारत की ओर प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि हमें राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ आगे बढ़ना होगा। हमें कर्तव्य पथ को सर्वोपरि रखना होगा। हमें अपने आचरण में निरन्तर सुधार करते हुए एक उदाहरण बनना होगा। हमें अपने रास्तों का निर्माण खुद करना होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई संसद विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को नई ऊर्जा और शक्ति देगी। उन्होंने कहा कि हमारे श्रमजीवियों ने संसद को इतना भव्य बना दिया है, लेकिन अपने समर्पण से इसे दिव्य बनाने की जिम्मेदारी अब सांसदों की है। संसद के महत्व पर बल देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों का संकल्प है जो संसद को पवित्र करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां लिया गया हर निर्णय आने वाली सदियों की शोभा बढ़ाएगा और आने वाली पीढ़ियों को सुदृढ करेगा। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि निर्धनों, दलितों, पिछड़ों, जनजातीय, दिव्यांगो और समाज के हर वंचित परिवार के सशक्तिकरण का रास्ता वंचितों के विकास को प्राथमिकता देने के साथ-साथ इस संसद से होकर गुजरेगा। श्री मोदी ने कहा कि इस नए संसद भवन की हर ईंट, हर दीवार, हर कण गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित होगा। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि अगले 25 वर्षों में इस नए संसद भवन में बनने वाले नए कानून भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएंगे, गरीबी को भारत से बाहर निकालने में मदद करेंगे और देश के युवाओं और महिलाओं के लिए नए अवसर सृजित करेंगे।

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि संसद का नया भवन एक नए, समृद्ध, मजबूत और विकसित भारत के निर्माण का आधार बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा भारत है जो नीति, न्याय, सच्चाई, गरिमा और कर्तव्य के मार्ग पर चलता है और मजबूत बनता है।

इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला और राज्य सभा के उपसभापति श्री हरिवंश नारायण सिंह सहित अन्य गणमान्‍य व्‍यक्ति भी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में प्रतिभाग किया।

बैठक में उत्तराखंड राज्य के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों के बारे में विस्तार से बताते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 13 फ्लैगशिप योजनाओं में अथक प्रयास किये जा रहे है। जिसके फलस्वरूप  प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, सॉइल हेल्थ कार्ड , किसान क्रेडिट कार्ड (  Fisheries ) एवं स्वामित्व स्कीम में 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिये गये हैं। राज्य में भारत सरकार द्वारा दिये गये 975 अमृत सरोवर लक्ष्य के सापेक्ष 1149 अमृत सरोवर पूर्ण करते हुए लगभग 125 प्रतिशत प्रगति प्राप्त की है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, अटल पेन्शन योजना, प्रधानमंत्री ग्राम्य सड़क योजना, किसान क्रेडिट कार्ड (एग्रीकल्चर), योजनाओं के लक्ष्य लगभग प्राप्त कर लिये गये हैं। उन्होंने बताया कि यह सभी उत्कृष्ठ परिणाम प्रधानमंत्री गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से मासिक लक्ष्य देते हुए लगातार मॉनिटरिंग के माध्यम से प्राप्त किये गये हैं।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सशक्त उत्तराखण्ड  के बारे में अवगत करवाते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार के मार्गदर्शन में सशक्त उत्तराखंड @ 25 मिशन प्रारंभ किया गया है। जिसके अर्न्तगत राज्य की  GSDP को अगले 5 वर्षों में दुगना करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्य हेतु मैकेंजी ग्लोबल को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। इस मिशन के अंतर्गत पर्यटन क्षेत्र में आगामी 2 वर्ष में लगभग 10 हजार करोड़ रूपये का प्रत्यक्ष निवेश एवं लगभग 40 हजार रोजगार के अवसर सृजन करने हेतु पर्यटन नीति प्रख्यापित की गई है। इसी तरह राज्य में 10 नॉलेज पार्क एवं आधार मूलभूत संरचना के विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। जिसमें नया देहरादून राजधानी क्षेत्र, हरकी पौड़ी ऋषिकेश कोरिडोर का पुर्नविकास प्रमुख कार्य है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में निवेश के अनुकूल वातावरण बनाए जाने हेतु लगभग 500  Compliances विगत 5 वर्ष में उद्योगों हेतु कम कर दिए गए हैं। जिसके फलस्वरूप  DPIIT की रैंकिंग में उत्तराखंड राज्य, वर्ष 2016 की 22वीं रैंक से सुधार कर वर्तमान  Aspiring Leader की श्रेणी में आ गया है।  राज्य सरकार द्वारा उद्योगों से संबंधित लगभग 1291 कानूनों का विश्लेषण किया जा रहा है। जिसमें 393 कानूनों को खत्म करने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा सहमति दी गयी है। उन्होंने कहा कि राज्य में सिंगल विन्डों सिस्टम स्थापित कर दिया गया हैं। जिसमें 35 विभागों की 154 सेवाऐं एक पोर्टल के माध्यम से प्रदान की जा रही है। इन सभी प्रयासों से राज्य में निवेश का वातावरण अनुकूल हुआ है। जिससे विगत 5 वर्षों में राज्य में लगभग 51000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में वित्तीय संसाधनों की कमी होने की वजह से जीएसटी कलेक्शन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विगत वर्ष में लगभग 27 प्रतिशत की वृद्धि अंकित की गयी है । इस वर्ष जीएसटी कलेक्शन का 50 प्रतिशत से बढ़ाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। मॉनिटरिंग पर ध्यान केन्द्रित करते हुये राज्य में विगत वर्ष में 23 मामलों को इन्वेस्टिगेट किया गया है। जिसमें 1 मामलें में अपराधी को 5 वर्ष की सजा हुई है। यह जीएसटी रिजीम में सजा का देशा का पहला मामला है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में शहरीकरण की आवश्यकता को देखते हुए लगभग 12 नये शहरों को बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अंतर्गत उधम सिंह नगर के किच्छा तहसील में लगभग 3000 एकड़ का नया शहर बसाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है, जिससे राज्य में लगभग 15 हजार करोड़ रूपये का प्रत्यक्ष निवेश एवं 25 हजार रोजगार के अवसर सृजित होगें ।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य के किसानों की आय को दुगना करने एवं भारत सरकार के संतृप्तिकरण के मूल सिद्धांत को अंगिकृत करते हुए 300 करोड़ रूपये की कैपिटल सब्सिडी के साथ सभी किसानों को पॉली हाउस वितरित किया जा रहा है। जिससे राज्य, उत्तर भारत के लिये ऑफ सीजन वेजिटेबल के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर सकें।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में कृषि के अंतर्गत स्टेट मिलटे मिशन लॉन्च किया गया है। मिलेट के मार्किटिंग को बढावा देने हेतु श्रीअन्न भोजन महोत्सव मनाये जा रहे है। जिसमें लगभग 12000 किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया है। इसी तरह मिड-डे मिल योजना के अन्तर्गत बच्चों को 40 सप्ताह झगोंरा की खीर खिलायी जा रही है ।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में कौशल विकास के अंतर्गत फॉरेन प्लेसमेंट एजेंसिज को इंपैनल किया गया है, जो राज्य के युवाओं को नर्सिंग, डे केयर, कुक, हॉस्पिटैलिटी एवं सिक्योरिटी के क्षेत्र में विदेशों में रोजगार दिलवायेगी। आगामी वर्षों में इनके माध्यम से लगभग 50 हजार युवाओं को विदेशों में रोजगार दिलाते हुए राज्य की आर्थिकी में लगभग 10000 करोड़ रुपए सालना की बढ़ोतरी की होगी।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में ड्रोन के विनिर्माण एवं उपयोग को बढ़ावा दिए जाने हेतु ड्रोन पॉलिसी बनाई गई है। इसके अन्तर्गत ड्रोन एप्लिकेशन एवं रिसर्च सेन्टर के माध्यम से नये-नये क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग के अवसर तलाशे जायेगें। वर्तमान में राज्य के द्वारा ड्रोन ट्रैफिक प्रबन्धन, आपदा प्रबन्धन, स्वास्थ्य एवं कृषि इत्यादि क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। नयी पॉलिसी के द्वारा निजी क्षेत्र के सहयोग से ड्रोन पायलट, ड्रोन फॉरेंसिक, ड्रोन मैपिंग के क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित किये जायेगें ।

 

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चमोली पुलिस ने एक साल से फरार अभियुक्त को हरियाणा से किया गिरफ्तार

 


महिला के साथ छेड़छाड़, मारपीट, गाली गलौज, जान से मारने की धमकी देने व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर 01 साल से फरार चल रहे वांछित अभियुक्त को हरियाणा से किया गिरफ्तार ।

अभियुक्त गैर प्रांत उत्तर प्रदेश व हरियाणा में कई मामलों में जा चुका है जेल

दिनांक 07/10/22 को वादिनी द्वारा राजस्व चौकी फरखेत तहसील घाट चमोली पर आकर सूचना दी की देवेन्द्र सिंह पुत्र कुताल सिंह निवासी ग्राम रामणी तहसील नन्दानगर घाट चमोली उम्र 33 वर्ष द्वारा मेरे साथ छेड़छाड़, मारपीट, गाली गलौज कर, जान से मारने की धमकी दी गयी व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया है। उक्त सूचना के आधार पर राजस्व चौकी फरखेत में अभियुक्त उपरोक्त के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 01/22 धारा 323/354/504/506 भादवि व 3(1) (द) (ध) (व) (1) SC/ST Act में अभियोग पंजीकृत किया गया। जिसके पश्चात अभियोग उपरोक्त की विवेचना राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को नियमानुसार हस्तान्तरित की गयी।
जिसकी विवेचना पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन सुश्री नताशा सिंह के सुपुर्द की गयी। प्रकरण महिला संबंधी व गंभीर प्रकृति का होने के कारण पुलिस अधीक्षक चमोली श्री प्रमेन्द्र डोबाल के निर्देशन व पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन के नेतृत्व में अभियुक्त उपरोक्त की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम जिसमें 1.उप0नि0 ध्वजवीर पंवार थानाध्यक्ष नन्दानगर घाट,2. उ0नि0 नवनीत भण्डारी प्रभारी एस0ओ0जी0,3. कां0 राजेन्द्र रावत एस0ओ0जी04. हे0का0 हरीश कुमार 5. कानि0 भीम सिंह थे, का गठन किया गया। उपरोक्त अभियुक्त के विरूद्ध माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी किया गया। तत्पश्चात पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन /विवेचक द्वारा थानाध्यक्ष नन्दानगर घाट व प्रभारी एस0ओ0जी0 चमोली को अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु 55 सीआरपीसी के नोटिस निर्गत कर अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु दिशा-निर्देश दिए गए। पुलिस टीम के द्वारा अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु कई बार उसके घर व संभावित ठिकानों पर दबिश दी गई किन्तु अभियुक्त शातिर प्रवृत्ति का होने के कारण लगातार गिरफ्तारी से बचता रहा। आखिर दिनांक 27मई23 को मुखबिर द्वारा सूचना पर अभियुक्त देवेन्द्र सिंह को पानीपत (हरियाणा) से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के पश्चात अभियुक्त उपरोक्त को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।

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यूपीएससी परीक्षा में 58वीं रेंक पाने वाली आई ए एस दीक्षिता जोशी का  अल्मोड़ा पँहुचने पर हुआ स्वागत
अल्मोड़ा- अल्मोड़ा जनपद की बेटी आई ए एस दीक्षिता जोशी अपने परिवार के साथ मूल गाँव दन्या के फल्याटी में ईष्ट देव एंव ग्राम देवता, जागेश्वर ऒर चितई मन्दिर में पूजा अर्चना करने के बाद नगर के धारानॊला पँहुची। धारानॊला स्थित दुर्गा होटल में रेडक्रास सोसायटी एंव अल्मोड़ा जन अधिकार मंच एंव गणमान्य लोगों द्वारा स्वागत एंव अभिनन्दन किया। यूपीएससी परीक्षा में 58 वीं रॆकिंग पाकर अल्मोड़ा जनपद को गॊरन्वावित करने पर सभी लोगों ने दीक्षिता को बधाईयाँ प्रेषित करके उज्जवल भविष्य की कामना की।
गॊरतलब हैं। कि आई ए एस दीक्षिता जोशी की प्रारम्भिक शिक्षा धारानॊला में किराये में रहकर कूर्माचल ऎकडमी स्कूल में कक्षा 1 से कक्षा 6 तक हुई थी। उसके बाद बिरला स्कूल हल्द्वानी ने इंटरमीडिएट की शिक्षा ग्रहण करी। पन्तनगर विश्वविद्यालय से बी टेक एंव एम टेक की शिक्षा ग्रहण की।
दीक्षिता जोशी अपनी माता दीपा जोशी, पिता आई के जोशी, चाचा नवीन जोशी, चाची पुष्पा जोशी एंव चचेरे भाई आदित्य जोशी के साथ कार्यक्रम में पँहुची। दीक्षिता जोशी का भाई दीक्षांत जोशी अमेरिका में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहा हैं। स्वागत कार्यक्रम में पँहुचकर दीक्षिता जोशी ने परिवार से मिले संस्कारों से सभी बडो़ के पॆर छूकर आर्शीवाद लिया ऒर बच्चों को गले लगाया ।
दीक्षिता जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि पढा़ई में एकाग्रता , कड़ी मेहनत ऒर लक्ष्य आधारित शिक्षा के माध्यम से यूपीएससी परीक्षा को अध्ययनरत छात्र-छात्रायें पास करके मुकाम हासिल कर सकते हैं! उन्होंने कहा कि जीवन में असफलता से घबराना नहीं चाहिए , उन्होनें कहा कि दो बार असफल होने के बाद तीसरे प्रयास में सफलता पायी। बिना कोंचिग के उन्होंने ये सफलता प्राप्त की ऒर प्रशासनिक सेवा में आकर वह जनता की सेवा ऒर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनता को दिलाने के लिए प्रबल उद्वेश्यरत हूँ,अपनी सफलता का श्रेय उन्होने अपने माता-पिता के समर्पण, विश्वास ऒर लगातार उत्प्रेरित करने को दिया।
दीक्षिता जोशी के पिता नॆनीताल में बी डी पाण्डेय हास्पिटल में सेवारत फार्मसिस्ट इन्द्र कुमार जोशी ने कहा कि उनकी मेधावी बेटी ने अल्मोड़ा ही नहीं उत्तराखण्ड सहित पूरे देश में उनके ऒर परिवार के नाम को ऊँचा किया हैं। एक मध्यमवर्गीय परिवार से निकलकर उनकी बेटी ने अपनी कड़ी मेहनत एंव लगनशीलता से ये महत्वपूर्ण परीक्षा पास की। उन्होंने सभी लोगों का आभार जताया ।
आई ए एस दीक्षिता जोशी ने कार्यक्रम में आये बच्चों के साथ बात करके अपने लक्ष्य को साधने के महत्वपूर्ण गुरूमंत्र दिये।
आई ए एस दीक्षिता जोशी को प्रतीक चिन्ह एंव पुष्प गुच्छ देकर स्वागत करने वालों में रेडक्रास सोसायटी अध्यक्ष मनोज सनवाल, अल्मोड़ा जन अधिकार मंच संयोजक त्रिलोचन जोशी, आई पी एस तृप्ति भटट के पिता पूर्व प्रवक्ता शंकर दत्त भट्ट, रेडक्रास सोसायटी के कोषाध्यक्ष आशीष वर्मा, दीप जोशी, शीला पन्त पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डा़ जे सी दुर्गापाल, पूर्व पॉलीटेक्निक प्रधानाचार्य विनोद जोशी, सेवानिवृत्त बॆंक प्रबन्धक मोहन चन्द्र काण्डपाल , सेवानिवृत्त शाखा प्रबन्धक आशुतोष जोशी, दीपक जोशी, संदीप गुप्ता, राकेश पन्त कुण्डल ,सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य दीप चन्द्र जोशी, दीपक जोशी, पूर्व व्यापार मण्डल महासचिव दीप जोशी, एड. प्रशान्त जोशी, राजेश जोशी, पूर्व व्यापार मण्डल कोषाध्यक्ष विजय भट्ट, कृष्णा वाणी,दिनेश बिष्ट, प्रमोद बोरा, मुकुल सनवाल, के के तिवारी, पूर्व सभासद कवीन्द्र पाण्डेय, पूर्व सभासद अजय वर्मा,अखिलेश रावत, देवेन्द्र काण्डपाल, तन्वी जोशी, शिवांशी जोशी, सिद्वि जोशी सहित अनेक लोग ने स्वागत किया।