पत्रकार पेंशन का नाम मुख्यमंत्री पेंशन योजना करने,नियमावली का सरली करण करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए# राज्यपाल से मुख्यमंत्री ने मुलाकात की।# राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबन्ध समिति की बैठक आयोजित हुई।#विद्युत उपस्थानों में आक्स्मिक ब्रेकडाउन अटेंड करने टीम व वाहन उपलब्ध।www.Janswar.com

-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में पत्रकार कल्याण कोष की बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकार कल्याण कोष  (कारपस फंड) में 02 करोड़ रूपये की वृद्धि की जायेगी। पत्रकार को दी जाने वाली पेंशन का नाम मुख्यमंत्री पत्रकार पेंशन योजना करने के साथ ही इसकी नियमावली में भी सरलीकरण किया जाए। पत्रकारों एवं उनके आश्रितों को कारपस फण्ड के मूलधन से अर्जित ब्याज की धनराशि से आर्थिक सहायता दी जाती है एवं वयोवृद्ध पत्रकारों को प्रतिमाह पेंशन की धनराशि दी जाती है। बैठक में 18 प्रकरणों पर चर्चा की गई जिसमें से 16 प्रकरण आर्थिक सहायता से संबंधित एवं 02 प्रकरण पेंशन से संबंधित थे। आज बैठक में पत्रकार कल्याण कोष से पत्रकार आश्रितों एवं गंभीर बीमार पत्रकारों के लिए 36 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन प्रकरणों में अभी आवेदन पत्र पूर्ण नहीं हैं, उन्हें आवेदन पत्र पूर्ण करने का एक बार मौका और दिया जाए।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पत्रकारों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार उन्हें हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। वे पत्रकारों की समस्याओं से अवगत हैं, उनका प्रयास है कि इन समस्याओं का तेजी से निराकरण किया जाए। उन्होंने सूचना विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि पत्रकारों के कल्याण की ठोस योजना बनाई जाए। पत्रकारों के दुर्घटना बीमा के लिए भी उचित समाधान निकाला जायेगा। वयोवृद्ध पत्रकारों को को दी जाने वाली मासिक धनराशि को 05 हजार रूपये से बढ़ाकर 08 हजार रूपये किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के इस तरह की बैठकें आगे भी आयोजित की जायेंगी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2025 में उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनायेगा। 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। सभी विभागों को 2025 तक का रोड मैप बनाने एवं कार्यों को धरातल पर लाने को कहा गया है। सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। आम जन तक सरकार की सभी उपलब्धियों एवं जन कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने की  सूचना विभाग की बड़ी जिम्मेदारी है। यह सुनिश्चित किया जाए कि मीडिया से बेहतर समन्वय के साथ सरकार की सभी उपलब्धियां विभिन्न माध्यमों से आम जन तक पहुंचे।
समिति के गैर सरकारी सदस्यों श्री रमेश पहाड़ी, श्री त्रिलोक चन्द्र भट्ट एवं श्री योगेश भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पत्रकारों के कल्याण के सार्थक कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य के पत्रकारों के हितों के लिए और भी महत्वपूर्ण कदम उठाये जायेंगे। पत्रकार कल्याण कोष से पत्रकारों को मुख्यमंत्री द्वारा अभी तक 01 करोड़ 20 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव सूचना श्री अभिनव कुमार, सूचना महानिदेशक श्री रणवीर सिंह चौहान, अपर निदेशक डॉ. अनिल चंदोला, संयुक्त निदेशक श्री के.एस. चौहान उपस्थित थे।

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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मंगलवार को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन देहरादून में मुलाकात की। इस दौरान उनके मध्य उत्तराखण्ड से संबंधित विभिन्न विषयों और विकास योजनाओं  पर वार्ता हुई।

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मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबन्ध समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग और लोक निर्माण विभाग के वित्तीय वर्ष 2022 – 23 के लिए विभिन्न प्रस्तावों को अनुमोदन किया गया।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने प्रदेशभर में चिल्ड्रन ट्रैफिक पार्क बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जैसे अधिक ट्रैफिक दबाव वाले क्षेत्रों से इसकी शुरुआत किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चे बहुत जल्दी सीखते हैं और उसे जिन्दगी भर याद रखते हैं। इससे बच्चों में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और आने वाले समय में देश और प्रदेश को ट्रैफिक नियमों के प्रति जिम्मेदार नागरिक मिलेंगे।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि दुर्घटनाओं को रोकने हेतु रोड इंजीनियरिंग वर्क्स के लिए प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियां बनाई जाएं। इन समितियों में स्टेक होल्डर विभागों को भी शामिल कर संवेदनशील क्रॉसिंग अथवा पॉइंट्स का ट्रीटमेंट प्लान तैयार कर सुधारीकरण किया जाए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को 10, 15 मिनट की विडियोज बनाकर स्कूलों में बच्चों को दिखाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को प्रदेश की सड़कों में शीघ्र से शीघ्र ब्लैक स्पॉट को ठीक किए जाने और क्रैश बैरियर लगाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रों में साइनेज आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर श्री वी. मुरूगेशन, सचिव श्री विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव गृह श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मंगलवार को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन देहरादून में मुलाकात की। इस दौरान उनके मध्य उत्तराखण्ड से संबंधित विभिन्न विषयों और विकास योजनाओं  पर वार्ता हुई।

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पावर ट्रान्समिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि० के परिचालन एवं अनुरक्षण गढ़वाल / कुमाऊँ क्षेत्र के अन्तर्गत की जा रही तैयारियों का विवरणः

1. इमरजेंसी ब्रेकडाउन को अटेंड करने के लिए टीम बना दी गयी है व उपसंस्थानों पर वाहनों की समुचित व्यवस्था रहेगी।
2. प्रत्येक उपसंस्थान पर सुदृढ संवाद प्रणाली उपलब्ध रहेगी तथा प्रत्येक अधिकारी को 24 घंटे मोबाइल फोन स्विच ऑन रखने के निर्देश दिये गये हैं। किसी भी आकस्मिकता की सूचना अविलम्ब उच्चाधिकारियों, मुख्यालय तथा नोडल अधिकारी को उपलब्ध कराने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं।
3. उपसंस्थानों पर आवश्यक T&P व  different spares की उपलब्धता रहेगी।
4. आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पतियों की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफ, अनुमानित लागत व ठीक कराये जाने की समयावधि के सम्बन्ध में सूचना अविलम्ब राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र व जनपद आपदा परिचालन केन्द्र को उपलब्ध करा दी जायेगी।
5. प्रत्येक उपसंस्थान पर  Drainage System सुदृढ़ रहेगी।
6. उपसंस्थान पर अत्यधिक पानी भराव की स्थिति से निपटने के लिए बाह्य एजेन्सी से सम्पर्क स्थापित किया जा रहा है।
7. प्रत्येक विद्युत उपसंस्थान पर अग्निशमन विभाग तथा अग्निशमन अधिकारी के दूरभाष संख्या उपलब्ध रहेंगे।
8. प्रत्येक उपसंस्थान पर नोडल अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारियों / एन.डी.आर.एफ. के नम्बर उपलब्ध रहेंगे।
9. लाईनों के sensitive tower locations की जांच व सुरक्षात्मक उपाय करने हेतु व पानी के अत्यधिक बहाव के दौरान नदी किनारे खड़े टॉवरों के बचाव हेतु यदि आवश्यक है तो spur/protection wall बनाने हेतु निर्देश दिये गये हैं।

10. लाईनों की  preventive maintenance/gallery में आ रहे पेड़ों की कटाई-छटाई की जा रही है।

11. लाइन चार्ट व नदी किनारे टावरों के नम्बरों की सूची सम्बन्धित उपसंस्थान के नियंत्रण कक्ष पर उपलब्ध रहेगी।
12. आकस्मिकता हेतु अन्य पारेषण यूटिलिटी / पी.जी.सी.आई.एल. से सम्पर्क स्थापित किया जा रहा है। जिससे  ERS की व्यवस्था उपलब्ध हो सके।

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