(अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर)
एम्स ऋषिकेश में आयोजित गेस्ट लेक्चर कार्यक्रम के तहत व्यक्ति के जीन आधारित गुणों के बारे में व्याख्यान माला प्रस्तुत की गयी। बताया गया कि जीन हमारी नियति नहीं हैं बल्कि पर्यावरण अथवा जीवन शैली में बदलाव कर जीन की अभिव्यक्ति को प्रभावित किया जा सकता है।
एम्स ऋषिकेश:- संस्थान के एनाटॉमी विभाग द्वारा “एपिजेनेटिक्स- आपके जीन आपकी नियति नहीं हैं” विषय पर अतिथि व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो0 मीनू सिंह ने कहा कि एपिजेनेटिक्स यह बताता है कि हमारे व्यवहार और पर्यावरण में होने वाले बदलावों का असर हमारे जीन के काम करने के तौर-तरीकों पर पड़ता है। निष्कर्ष यह है कि हमारे जीन हमारी नियति नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पौष्टिक भोजन, नियमित व्यायाम और तनाव कम करने से ऐसे एपेजेनेटिक बदलाव हो सकते हैं जो हमारे स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
मुख्य वक्ता के तौर पर दिल्ली एम्स के एनाटाॅमी विभाग की प्रोफे0 रीमा दादा ने संबन्धित विषय पर रोचक व प्रेरक व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कैसे पर्यावरणीय कारक, जीवनशैली और हमारा व्यवहार जीन अभिव्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारे दादा-दादी के अनुभव भी एपिजेनेटिक छाप छोड़ सकते हैं। प्रो0 रीमा ने जीन विनियमन पर योग, ध्यान और स्वस्थ जीवन के सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला। बताया कि हम कैसा भोजन करते हैं, कैसा व्यायाम करते हैं, कितना तनाव लेते हैं और किस प्रकार के वातावरण में रहते हैं, यह सभी बातें हमारे जीन की अभिव्यक्ति को प्रभावित कर सकती हैं। कार्यक्रम में छात्रों के समग्र विकास, कल्याण और सीखने के परिणामों को बढ़ाने के लिए एक एकीकृत शिक्षण पाठ्यक्रम को अपनाने और माइंडफुलनेस प्रथाओं को शामिल करने के तरीकों पर भी चर्चा की गयी।
कार्यक्रम को डीन एकेडेमिक प्रो0 जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 सत्या श्री सहित कई अन्य ने भी संबोधित किया। इस दौरान आयोजित इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान प्रतिभागी मेडिकल छात्रों ने गहरी रुचि दिखायी। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष-फिजियोलॉजी प्रो. लतिका मोहन, विभागाध्यक्ष-बायोकेमिस्ट्री प्रो. अनीसा मिर्जा, एनाटाॅमी विभाग के प्रोफेसर बृजेंद्र सिंह, प्रो. रश्मि मल्होत्रा, डॉ. गीतांजलि खोरवाल, डॉ. राजीव चैधरी और डॉ. राजू बोकन सहित एमबीबीएस के छात्र-छात्राएं, सीनियर व जूनियर रेजिडेन्ट्सों सहित विभिन्न विभागों के फेकल्टी सदस्य शामिल मौजूद रहे।