ईट राइट फॉर अ बेटर लाइफ’थीम पर आहार, स्वास्थ्य और जीवनशैली पर विशेष कार्यक्रम। WWW.JANSWAR.COM

(अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर)

ईट राइट फॉर अ बेटर लाइफ’थीम पर आहार, स्वास्थ्य और जीवनशैली पर विशेष कार्यक्रम।

एम्स ऋषिकेश:- एम्स, ऋषिकेश के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अंतर्गत इस वर्ष की थीम ‘Eat Right for a Better Life – बेहतर जीवन के लिए सही भोजन’विषय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनके माध्यम से आहार, स्वास्थ्य व जीवनशैली से संबंधित जानकारियां दी गई।

एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह की देखरेख में सामुदायिक चिकित्सा विभाग की ओर से आयोजित सप्ताहव्यापी विभिन्न गतिविधियों के तहत संतुलित आहार, स्वस्थ जीवनशैली और पोषण के महत्व को लेकर जनसमुदाय को जागरूक किया गया। कार्यक्रमों की शुरुआत विद्यालयी स्तर पर की गई, जिसमें बच्चों ने तेल और शक्कर बोर्ड प्रतियोगिता तथा हेल्दी टिफिन प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने विद्यार्थियों से बातचीत कर बताया कि बच्चे सही पोषण के महत्व से वाकिफ़ तो हैं, लेकिन रोज़मर्रा की जिंदगी में उसे अपनाना अक्सर मुश्किल होता है।

इसी क्रम में विभागीय स्तर पर हेल्दी कुकिंग प्रतियोगिता हुई। सामुदायिक चिकित्सा विभाग में हुई इस प्रतियोगिता में संकाय सदस्य, रेज़िडेंट डॉक्टर, छात्र तथा स्टाफ ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने कम समय और कम तेल में बनने वाले पौष्टिक एवं स्वादिष्ट व्यंजन प्रस्तुत किए। लोगों ने देखा कि हेल्दी खाना सिर्फ़ सेहतमंद ही नहीं बल्कि स्वादिष्ट भी होता है।
सामुदायिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सेना के मार्गदर्शन में आयोजित जनजागरुकता कार्यक्रमों के आयोजन में डॉ. मीनाक्षी खापरे, डॉ. स्मिता सिन्हा, रेज़िडेंट डॉ. प्रज्ञा यादव, डॉ. एकता पाठक, एमपीएच विद्यार्थी डॉ. गुरप्रीत, डॉ. आयुषी आदि की महत्वपूर्ण एवं सक्रिय भूमिका रही।

बुजुर्गों से मिली सीख;- जनजागरुकता कार्यक्रम के अंतर्गत आर्य वानप्रस्थ आश्रम, हरिद्वार में निशुल्क मेडिकल कैम्प आयोजित किया गया। बताया गया कि यहां रह रहे बुज़ुर्गों के खान-पान और जीवनशैली ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को प्रभावित किया। अपने अनुभव साझा करते हुए मेडिकल कैंप में शामिल चिकित्सकों ने बताया कि इस दौरान उन्होंने पाया कि बुज़ुर्ग पारंपरिक, सादा भोजन लेते हैं और सक्रिय रहते हैं। साथ ही यहां निवासरत वरिष्ठ नागरिक मानसिक रूप से भी दूसरों की तुलना में अधिक स्वस्थ हैं। जिससे हमें प्रेरणा मिलती है कि सादा और संतुलित भोजन ही लंबे समय तक स्वस्थ रहने की कुंजी है।